दिनभर AC में रहना बन सकता है खतरा! सेहत को बचाने के लिए करें ये 5 काम

दिनभर AC में रहना बन सकता है खतरा! सेहत को बचाने के लिए करें ये 5 काम

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, May 29, 2025

Last Updated On: Thursday, May 29, 2025

AC impact on health: छोटी बच्ची एयर कंडीशनर को छूती हुई — एसी के अधिक इस्तेमाल से सेहत पर प्रभाव और बचाव के उपाय.
AC impact on health: छोटी बच्ची एयर कंडीशनर को छूती हुई — एसी के अधिक इस्तेमाल से सेहत पर प्रभाव और बचाव के उपाय.

इन दिनों बहुत अधिक गर्मी पड़ रही है, जिसके कारण हम दिन-रात एसी में रह रहे हैं. एसी से कूल-कूल तो महसूस होता है, लेकिन यह हमें बीमार भी बना रहा है. यदि आपको लगातार एसी में रहना पड़ रहा है, तो ये 5 उपाय अपना सकते हैं.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, May 29, 2025

AC impact on health: गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है. बाहर चिलचिलाती धूप से बचने के लिए गर्मी के दिनों में लगातार एसी में रहना तो अब आम बात हो गई है. घर हो या ऑफिस, शॉपिंग मॉल हो या गाड़ी, एयर कंडीशनर हर जगह मौजूद है. क्या आप जानते हैं कि एसी की ठंडी हवा सेहत पर धीरे-धीरे बहुत बुरा प्रभाव डाल रही है? यदि आपको लगातार एसी में रहना पड़ता है, तो स्वस्थ रहने के लिए कुछ उपाय आजमा सकते हैं.

क्यों हमेशा एसी में नहीं रहना चाहिए (AC Side Effects)

हमारा शरीर वातावरण के अनुसार खुद को एडजस्ट करने की क्षमता रखता है, लेकिन लगातार एसी में रहने से यह स्वाभाविक क्षमता कम हो जाती है. इससे बाहर की गर्मी या ठंड को झेलने की ताकत घटती है. शरीर को प्राकृतिक गर्मी और बाहरी वातावरण के संपर्क में रहना चाहिए. अगर संतुलित रूप से एसी का इस्तेमाल किया जाए, तो नुकसान से जरूर बचा जा सकता है.

एसी में ज़्यादा देर तक रहने से होने वाली परेशानियां (AC Side Effects)

  • शरीर में सुस्ती और थकान

एशियन हॉस्पिटल में एसोसिएट डायरेक्टर और हेड ( इंटरनल मेडिसिन-यूनिट III) डॉ. सुनील राणा बताते हैं, ‘ जरूरत से ज्यादा समय तक एसी में रहने से न केवल सुस्ती और थकान आती है, बल्कि यह शरीर में निर्जलीकरण और त्वचा की समस्या भी पैदा करता है’. एसी का तापमान शरीर के प्राकृतिक तापमान को प्रभावित करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है. मेटाबॉलिज्म धीमा होने पर आलस्य और थकावट अधिक महसूस होती है.

  • डिहाइड्रेशन (Dehydration)

एसी की ठंडी हवा वातावरण से नमी को सोख लेती है. यदि आप पानी कम पीती हैं, तो शरीर जल्दी निर्जलित हो सकता है.

  • स्किन और आंखों की ड्राईनेस (Skin & Eye Dryness)

एयर कंडीशन की वजह से स्किन और आंखों में रूखापन महसूस होना आम है. इससे एलर्जी, जलन और खुजली की समस्या हो सकती है.

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट (Weak Immunity)

एयर कंडीशन में लंबे समय तक रहने से शरीर को तापमान में बदलाव सहन करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे फ्लू और जुकाम जल्दी पकड़ सकते हैं.

  • सांस की समस्याएं (Respiratory Problems)

पुराने और गंदे फिल्टर्स वाले एसी फेफड़ों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं, खासतौर पर बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए.

  • मांसपेशियों में जकड़न और जोड़ों का दर्द (Muscles Pain)

एसी में अत्यधिक ठंडक से मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और रक्त संचार प्रभावित होता है. इससे शरीर में जकड़न, पीठ दर्द या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं.

उपाय अपनाकर बचाव किया जा सकता है

  • नियमित रूप से पानी पीना (Hydration)

सोने से पहले खास तौर पर एसी का इस्तेमाल करते समय पानी जरूर पीना चाहिए. डॉक्टर हर घंटे एक गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं. पानी रात भर हाइड्रेशन का स्तर बनाए रखने में मदद करता है, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए जरूरी है.

  • कमरे में पौधा रखें (Indoor Plant)

कमरे में एक पौधा रखें, जो नमी बनाए रखे जैसे मनीप्लांट या एलोवेरा. स्नेक प्लांट, पोथोस, पीस लिली जैसे पौधे भी एयर-कंडीशन वाले कमरों में पनप सकते हैं. ये पौधे आम तौर पर कम नमी और ठंडे तापमान के अनुकूल होते हैं, जिससे वे एयर-कंडीशन वाले वातावरण के लिए उपयुक्त होते हैं.

  • एसी के फिल्टर नियमित रूप से साफ करवाएं (AC Filter)

एसी का गंदा फ़िल्टर धूल, एलर्जी और अन्य हवा में रहने वाले कणों को फंसा सकता है. यह श्वसन संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है और फंगस के लिए भी वातारण तैयार कर सकता है. फ़िल्टर को साफ़ रखने पर इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.

  • एसी का तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस पर रखें (AC Temperature)

स्वास्थ्य के लिए आमतौर पर एसी को 24-26°C (75-78°F) के बीच सेट करना चाहिए. यह रेंज शरीर को अपने तापमान को अधिक आसानी से नियंत्रित करने में मदद करती है.

  • दिन में कुछ समय प्राकृतिक हवा और धूप का आनंद लें (Natural Wind & Sunlight)

प्राकृतिक रोशनी मूड को बेहतर बना सकती है, उत्पादकता बढ़ा सकती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर सकती है. इसी तरह ताज़ी हवा श्वसन संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम करती है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करती है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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