Calcium and Heart Disease : रात के खाने में कैल्शियम अधिक लेने से बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का जोखिम

Calcium and Heart Disease : रात के खाने में कैल्शियम अधिक लेने से बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का जोखिम

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, January 30, 2025

Updated On: Thursday, January 30, 2025

Calcium aur Heart Disease: Raat ke khane me zyada calcium lene se dil ki bimari ka khatra badh sakta hai
Calcium aur Heart Disease: Raat ke khane me zyada calcium lene se dil ki bimari ka khatra badh sakta hai

हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है कैल्शियम. दिल को स्वस्थ रखने के लिए भी कैल्शियम जरूरी है. हालिया शोध बताते हैं कि रात के खाने में कैल्शियम अधिक लेने से हार्ट डिजीज का जोखिम (Calcium and Heart Disease) बढ़ सकता है. यदि सुबह के नाश्ते में कैल्शियम लिया जाता है, तो यह हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, January 30, 2025

Calcium and Heart Disease: कैल्शियम (Calcium) से हड्डियों और मसल्स को मजबूती मिलती है. कैल्शियम की मदद से हृदय, मांसपेशियां और तंत्रिका ठीक से काम कर पाती हैं. स्टडी बताती है कि कैल्शियम विटामिन डी के साथ मिलकर बोन हेल्थ के अलावा कैंसर, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से भी बचाव कर सकता है. वहीं व्यक्ति अधिक कैल्शियम का सेवन कर लेता है, तो यह हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक है. रात के खाने में यदि कैल्शियम का सेवन अधिक कर लिया जाता है, तो हृदय रोग (Calcium and Heart Disease) का खतरा बढ़ जाता है

कैल्शियम पर शोध (Research on calcium)

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में कैल्शियम के सेवन पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 36,000 से अधिक अमेरिकी लोगों की डाइट पर 10 साल से अधिक समय तक शोध किया गया. खासकर उनके कैल्शियम सेवन की जांच की गई. अध्ययन में भाग लेने वाले 4000 लोग हार्ट डिजीज से पीड़ित थे. उनके सुबह और शाम के भोजन से कैल्शियम सेवन को लगातार जांचा गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि रात के खाने में कैल्शियम के सेवन से 5% हृदय रोग का जोखिम बढ़ गया. कैल्शियम के सेवन को नाश्ते में लेने से यह जोखिम लगभग 6% कम हो गया. शोधकर्ताओं के निष्कर्ष के अनुसार, रात में कैल्शियम सेवन करने से हृदय रोग का जोखिम कुछ हद तक बढ़ गए. अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि बहुत अधिक या बहुत कम कैल्शियम का सेवन हृदय पर विपरीत प्रभाव डालता है.

किडनी स्टोन और यूरीनरी ब्लैडर स्टोन होने का रिस्क (Kidney Stone)

दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में कार्डियोवैस्कुलर और एओर्टिक सर्जन डॉ. निरंजन हायरमठ बताते हैं, ‘कैल्शियम शाम या रात को नहीं लेना चाहिए. कैल्शियम आसानी से जमा हो जाता है. इसमें जमा होने की क्षमता होती है. कैल्शियम ऑक्सालेट आसानी से बनने के कारण अन्य बीमारियों जैसे कि किडनी स्टोन, यूरीनरी ब्लैडर स्टोन, कब्ज और आमतौर पर बच्चों में सोने में परेशानी का खतरा बढ़ जाता है.’

बढ़ सकता है कैल्सिफिकेशन (Calcification)

डॉ. निरंजन हायरमठ के अनुसार, आम तौर पर कैल्शियम की कमी वाले वयस्क को एक दिन में लगभग 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है. यदि कोई व्यक्ति कैल्शियम सप्लीमेंट ले रहा है, तो इसे नाश्ते और दोपहर के भोजन के बाद दो भागों में बांट लें. इससे शरीर कैल्शियम को धीरे-धीरे अवशोषित कर सकेगा. यह अधिक प्रभावी होता है. शाम या रात को कैल्शियम नहीं लेना चाहिए, खासकर रात 9 बजे के बाद। इससे कैल्सिफिकेशन की संभावना बढ़ जाती है.

ऑक्सीजन की आपूर्ति (oxygen supply)

आर्टरी में कितना फैट जमा हुआ है (Plaque), कैल्शियम इस बात का संकेत देता है. इस जमे हुए फैट में कैल्शियम होता है. हार्ट आर्टरी में प्लाक दिल के दौरे (Heart Attack) का मुख्य कारण है. यदि प्लाक का कोई टुकड़ा टूट जाता है, तो उसके चारों ओर ब्लड क्लॉट हो सकता है. इससे हृदय में ब्लड फ्लो और ऑक्सीजन की आपूर्ति अवरुद्ध हो सकती है.

दूध के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट (calcium supplement with milk)

कैल्शियम मस्तिष्क को नींद लाने वाले पदार्थ मेलाटोनिन (Melatonin) के निर्माण में मदद करता है. यह एमिनो एसिड ट्रिप्टोफैन का उपयोग करने में मदद करता है. डेयरी प्रोडक्ट (Dairy Product) में ट्रिप्टोफैन और कैल्शियम दोनों होते हैं. यह नींद लाने वाले शीर्ष खाद्य पदार्थों में से एक हैं. इसलिए सोने से पहले दूध पीने की सलाह दी जाती है. दूध के साथ कैल्शियम सप्लीमेंट (calcium supplement) नहीं लेना चाहिए. इसका कारण यह है कि दूध में कैल्शियम की मात्रा और कैल्शियम की गोलियों में कैल्शियम की मात्रा अवशोषण प्रक्रिया में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करती है. इससे कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की प्रभावशीलता कम हो जाती है. कैल्शियम को नाश्ते के लगभग 1 घंटे बाद और दूध लेने के के समय से काफी पहले लेना सबसे अच्छा होता है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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