Excess Salt Side Effects : नमक अधिक खाने से हो सकती हैं कई बीमारियां, सोडियम लेवल को कंट्रोल करना है जरूरी
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, October 17, 2024
Updated On: Thursday, October 17, 2024
हम जो नमक खाते हैं, वह मांसपेशियों को आराम देने और सिकोड़ने में मदद करता है। यह हमारे द्वारा लिए जाने वाले मिनरल्स और पानी को संतुलित करता है। बहुत अधिक नमक स्ट्रोक, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।
नमक भोजन को स्वादिष्ट बना सकता है और प्रेजर्वेटिव के रूप में कार्य कर सकता है। यह लगभग 60% क्लोराइड और लगभग 40% सोडियम है। लगभग सभी अनप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे कि सब्जियां, फल, मेवे, मीट, साबुत अनाज और डेयरी खाद्य पदार्थ सोडियम में कम होते हैं। हम जो नमक खाते हैं, वह मांसपेशियों को आराम देने और सिकोड़ने में मदद करता है। नर्व इमपल्स में मदद करता है। यह हमारे द्वारा लिए जाने वाले मिनरल्स और पानी को संतुलित करता है। यदि इसे अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो यह शरीर को नुकसान पहुंचा (Excess Salt Side Effects) देता है।
कितना नमक जरूरी है (Salt Intake)
नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में चीफ ऑफ़ लैब डॉ. विज्ञान मिश्र बताते हैं, ‘हमारे शरीर को केवल थोड़ी मात्रा में सोडियम की आवश्यकता होती है। हमें हर दिन लगभग 1,500 मिलीग्राम सोडियम मिलना चाहिए। इसके उलट हम लगभग 3,400 मिलीग्राम सोडियम ले लेते हैं। बहुत अधिक नमक स्ट्रोक, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। यदि आप नमक अधिक ले लेते हैं, तो पेट सूजा हुआ या कड़ा महसूस हो सकता है। नमक शरीर को पानी बनाए रखने में मदद करता है, इसलिए यह अतिरिक्त तरल पदार्थ बनता है। खाने की चीजों में सोडियम की मात्रा अधिक होने के लिए जरूरी नहीं है कि वे नमकीन हों। सैंडविच, पिज्जा, बर्गर और डिब्बाबंद सूप में भी यह भारी मात्रा में मौजूद हो सकता है।’
अधिक नमक लेने से शरीर को बहुत नुकसान हो सकता है (Excess Salt Side Effects)
1. ब्लड प्रेशर अधिक हो सकता है (High Blood Pressure)
डॉ. विज्ञान मिश्र बताते हैं, ‘उच्च रक्तचाप होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से एक कारण बहुत अधिक सोडियम भी हो सकता है। ब्लड प्रेशर में परिवर्तन किडनी के माध्यम से होता है। बहुत अधिक नमक के कारण किडनी को अनावश्यक तरल पदार्थ से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।’
2. ब्लोटिंग की समस्या (Bloating)
सूजन शरीर में बहुत अधिक सोडियम का संकेत हो सकता है। चेहरे, हाथ, पैर और टखने जैसे शरीर के अंगों में सूजन होने की सबसे अधिक संभावना होती है। यदि आप सामान्य से अधिक फूले हुए हैं, तो यह जांच करना जरूरी है कि आप कितना नमक खा रहे हैं।
3. बार-बार यूरीन होना (Excess Urination)
अधिक नमक का सेवन किडनी को अत्यधिक उत्तेजित कर सकता है। इससे वे सामान्य से अधिक यूरीन का उत्पादन करते हैं। शरीर अतिरिक्त सोडियम को खत्म करने और उचित फ्लूइड संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है। इसलिए बार-बार यूरीन आ सकता है। अगर कोई व्यक्ति सामान्य से ज़्यादा बार यूरीन कर रहा है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि वह नमक का सेवन बहुत ज़्यादा कर रहा है।
4.दिल की धड़कन अधिक होना (Palpitations)
कुछ मामलों में बहुत ज़्यादा नमक खाने से दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल बाधित हो सकते हैं। इससे अनियमित दिल की धड़कन हो सकती है। ये संवेदना ऐसी लग सकती हैं जैसे दिल तेज़ धड़क रहा है या धड़कन छोड़ रहा है। अगर बार-बार या तीव्रता से अनुभव किया जाए तो यह चिंताजनक हो सकता है। अगर नमकीन खाद्य पदार्थ या भोजन खाने के बाद धड़कन महसूस होती है, तो नमक के सेवन पर नज़र रखना ज़रूरी है। अगर लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ते हैं तो हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह लेनी चाहिए।
हाई साल्ट लेवल कैसे कम किया जाये (Avoid High Sodium Intake)
1. आहार में बदलाव (Dietry Modifications)
उपचार की पहली पंक्ति में आमतौर पर आहार में बदलाव के माध्यम से नमक का सेवन कम करना शामिल है। इसमें प्रोसेस्ड फ़ूड, डिब्बाबंद सामान और नमकीन स्नैक्स से बचना और इसकी बजाय ताजा, साबुत खाद्य पदार्थों का विकल्प चुनना शामिल है। खाना पकाने और मेज पर नमक के उपयोग को सीमित करने से समग्र सोडियम की खपत कम करने में मदद मिल सकती है।
2. तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाना (Fluid Intake)
बहुत सारा पानी पीने से शरीर से अतिरिक्त नमक को बाहर निकालने और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बहाल करने में मदद मिल सकती है। सोडियम के हल्दी स्तर को बनाए रखने और समग्र स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है।
3. दवा (Medicine)
कुछ मामलों में डॉक्टर रक्तचाप को कम करने और सोडियम के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए दवा लिख सकते हैं।
4. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी नमक के स्तर को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन बनाए रखना, तनाव को नियंत्रित करना और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना शामिल है। ये सभी हाई ब्लड प्रेशर और सोडियम संतुलन को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
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