कोरोना महामारी के बाद से सेहत को लेकर लोग ज्यादा जागरूक हो चुके देश के लोग अब सेहतमंद रहने के लिये नियमित रूप से टहलना, व्यायाम और योग जैसी फीजिकल एक्टीविटी कर रहे हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ज्वाइंट्स पेन, हार्ट डिजीज जैसी बड़ी बीमारियों पर नियन्त्रण करने के लिये वॉक करना एक ऐसी फिजिकल एक्टीविटी है जिससे मार्निंग वाकर्स को कम मेहनत में जबरदस्त फायदा होता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सीधे टहलने की अपेक्षा उल्टा टहलना (Reverse Walking) फिटनेस के लिये बहुत ही फायदेमंद होता है।
रोजाना 20 से 30 मिनट तक उल्टा चलने की प्रैक्टिस आपकी सेहत को बेहतर बनाने का काम करती है। रोजाना रिवर्स वाक करने से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है। इसके अलावा उल्टा टहलना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
आइये जानते हैं उल्टा टहलने के फायदे और इसके सही तरीके के बारे में :
हर रोज उल्टा चलने से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है।
उल्टा टहलना एक बेहतरीन कार्डियो वर्कआउट है जो आपके दिल और फेफड़े की फिटनेस को बेहतर बना सकता है। उल्टा टहलना या रिवर्स रनिंग करना आपके दिल और फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन प्रदान कर सकते हैं। एक शोध में में पता चला कि 6 सप्ताह के एक बैकवर्ड वॉकिंग और रनिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम में युवा महिलाओं की कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस बेहतर हो गई।
उल्टा चलने से घुटनों से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। इससे घुटनों में दर्द, तनाव और सूजन की परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। पैर में चोट या गठिया से पीड़ित लोगों के लिए भी रिवर्स वॉकिंग एक अच्छा उपाय माना जाता है।
रिवर्स वॉकिंग और रनिंग से आपकी कमर और पीठ में लंबे समय से बना हुआ दर्द कम या फिर दूर हो सकता है।
दूसरी दिशा में उल्टा पैर चलने से मांसपेशियों को फायदा मिलता है और पैर मजबूत होते हैं। पीछे की तरफ की मांसपेशियों का व्यायाम उल्टा चलने से होता है।
उल्टे होकर चलते समय अतिरिक्त प्रतिरोध से मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ेगी और अगर आप सप्ताह में तीन बार लगातार 10 मिनट तक पीछे की ओर चलते हैं, तो आप इस गतिविधि स्तर पर लगभग चार सप्ताह के बाद संतुलन और जोड़ों की ताकत में अंतर देखना शुरू कर सकते हैं।
यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आगे की ओर चलने की तुलना में पीछे की ओर चलना अधिक फायदेमंद है। इससे प्रति मिनट लगभग 40% अधिक कैलोरी जलती है। इसके अलावा, यदि आप पीछे की ओर ढलान पर चलते हैं तो यह चयापचय मांग और ऊर्जा व्यय (metabolic demand and energy expenditure) और भी अधिक बढ़ जाता है।
रोजाना उल्टे टहलना मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है।विपरीत दिशा में चलने से दिमाग को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है और मन स्वस्थ रहता है। कई शोध और अध्ययन में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्या में रोजाना उल्टा चलने की प्रैक्टिस करना फायदेमंद होता है।
उल्टा टहलने (रिवर्स वॉकिंग) या रिवर्स रनिंग करना कैसे करें शुरु और उल्टा चलने के समय किन बातों का रखें ध्यान…
उल्टा टहने के लिये पहले सुनिश्चित करें कि यह धीमी गति (1 मील प्रति घंटे) से शुरू हो। पीछे की ओर चलना शुरू करते समय साइड रेलिंग को पकड़ें। अपने पैर को पीछे ले जाने और पैर के अंगूठे से एड़ी तक की चाल पर ध्यान केंद्रित करें। जैसे ही आपका घुटना सीधा हो जाए, अपनी एड़ी पर रोल करें।
टहलने के लिये खुली, ऊंची ढलान वाली सुरक्षित जगह हो तो बेहतर होगा। प्रयत्न करें कि टहलते समय कोई आपका कोई साथी साथ हो तो अच्छा रहेगा।
सीधे टहलने या रनिंग करने की अपेक्षा, पीछे की ओर चलना स्पष्ट रूप से अधिक कठिन है। जब आप उल्टा चलते हैं तो इससे आपके शरीर को अपने समन्वय को बनाए रखने के लिए चुनौती मिलती है। ऐसी स्थिति में न्यूरोमस्कुलर नियंत्रण और शरीर का संतुलन बनाये रखना पड़ता है, इसलिये ऐसे टहलते समय आपको एकाग्र मन से टहलना होता है।
पूरे पूरे दिन पीछे की ओर चलना अच्छा विचार नहीं है। अपने एक्सरसाइज रूटीन में यदि आप प्रतिदिन 15 मिनट के लिए रिवर्स वॉकिंग या रिवर्स रनिंग को शामिल करते हैं, तो यह फायदेमंद (Retro walking benefits) हो सकता है।