Yoga Benefits: एजिंग का प्रभाव सबसे पहले पैरों की मांसपेशियों पर, योगासन करते हैं दुरुस्त

Yoga Benefits: एजिंग का प्रभाव सबसे पहले पैरों की मांसपेशियों पर, योगासन करते हैं दुरुस्त

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, December 4, 2024

Last Updated On: Wednesday, December 4, 2024

yoga benefits on aging muscle health
yoga benefits on aging muscle health

मांसपेशियां शरीर को आकार प्रदान करती हैं। हाथ और पैरों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए स्कंध चालन क्रिया, कोहनी शक्ति विकासक क्रिया, भुजबल्ली शक्ति विकासक क्रिया तथा घुटना चालन व भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।

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Last Updated On: Wednesday, December 4, 2024

उम्र बढ़ने का प्रभाव मांसपेशियों और हड्डियों पर भी पड़ता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और बोन फ्रैक्चर का डर बना रहता है। यदि हम नियमित रूप से योग करते रहें, तो हमारे पैर मजबूत बने रहेंगे। मांसपेशियां और हड्डी भी मजबूत बनी रहेगी। हाल में लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन, इंडियन योग फेडरेशन तथा यू. पी. नेचुरोपैथी एंड योग टीचर्स एंड फिजिशियन एसोसिएशन द्वारा मांसपेशियों पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रभाव विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस विषय (Yoga Benefits) पर विशेषज्ञों के बीच चर्चा हुई।

क्यों होती है मांसपेशी कमजोर (Muscles Weakness Cause) 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के योग विशेषज्ञ वितुर्व त्रिपाठी ने कहा, ‘तनाव में रहने से शरीर के अंदर क्रोध पैदा करने वाले हार्मोन्स का प्रतिशत शरीर में बढ़ जाता है। इससे शरीर की मांसपेशियों का तनाव बढ़ जाता है और मांसपेशियों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। वृक्षासन, मार्जरी आसन, हलासन तथा ध्यान के अभ्यास से तनाव को कम किया जा सकता है।

होने लगती हैं पैरों की मांसपेशियां कमजोर (Muscles Weakness)  

अन्नामलाई विश्वविद्यालय के योग विशेषज्ञ अमित गौरैइया ने बताया, बुढ़ापा सबसे पहले पैरों से प्रारंभ होता है और पैरों की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। एजिंग प्रोसेस की गति धीमी करने के लिए उत्तानपाद आसन, अर्ध हलासन, ताड़ासन तथा प्राणायाम में अनुलोम विलोम और भूचरी मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।

वाष्प स्नान और कटि स्नान का महत्व (Steam Bath) 

महर्षि यूनिवर्सिटी आफ इन्फोटेनमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के क्षिक्षान्त भट्ट ने अपने शोध पत्र में बताया, ‘गर्दन की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए गर्दन विकासक क्रिया कंधों को घूमने वाली क्रियाएं व हस्तोत्तानासन हस्त पादासन तथा उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। राजेश कुमार द्विवेदी ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि वाष्प स्नान, कटि स्नान तथा प्रातः काल सूर्य की किरणें शरीर की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास (Bhastrika Pranayama)  

योगाचार्य के .के. शुक्ला ने कहा, ‘मांसपेशियां शरीर को आकार प्रदान करती हैं। हाथ और पैरों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए स्कंध चालन क्रिया, कोहनी शक्ति विकासक क्रिया, भुजबल्ली शक्ति विकासक क्रिया तथा घुटना चालन व भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। प्रातः काल सत्र में योग विभाग के विद्यार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। आसनों का गर्दन की मांसपेशियों पर बढ़िया प्रभाव पड़ता है। मसल्स फिजियोलॉजी, मांसपेशियों के रोग, हृदय की मांसपेशियों पर भी योग-आसन का प्रभाव पड़ सकता है।

(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ) 

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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