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Pachmarhi Hill Station: कब जाएं, कैसे पहुंचे? घूमने का सही समय और टॉप स्पॉट्स
Pachmarhi Hill Station: कब जाएं, कैसे पहुंचे? घूमने का सही समय और टॉप स्पॉट्स
Authored By: Nishant Singh
Published On: Monday, June 9, 2025
Last Updated On: Monday, June 9, 2025
मध्यप्रदेश की हरी-भरी वादियों में बसा Pachmarhi Hill Station एक ऐसा स्थल है, जो प्रकृति प्रेमियों, रोमांच के शौकीनों और सुकून की तलाश में निकले यात्रियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यहां की शांति, जलवायु, संस्कृति और झरनों की मिठास हर किसी के दिल को छू जाती है. अगर आप भी इस मनोरम हिल स्टेशन की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए एक परफेक्ट गाइड हो सकता है. इस लेख में हम जानेंगे पचमढ़ी की जलवायु से लेकर वहाँ के झरनों, खानपान, संस्कृति, रहने की व्यवस्था और भविष्य की पर्यटन संभावनाओं तक की पूरी जानकारी.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Monday, June 9, 2025
क्या आप कभी ऐसी जगह गए हैं जहाँ पहाड़ों की गोद में हरियाली बिखरी हो, झरनों की कलकल ध्वनि मन को शांति दे और गुफाओं में इतिहास की कहानियाँ छिपी हों? क्या आप एक ऐसे स्थान की कल्पना कर सकते हैं जहाँ प्रकृति, पौराणिकता और रोमांच एक साथ मिलते हों? यदि हाँ, तो पचमढ़ी हिल स्टेशन आपके लिए एक स्वर्गिक अनुभव हो सकता है. मध्यप्रदेश के हृदय में बसा यह स्थल ‘सतपुड़ा की रानी’ के नाम से प्रसिद्ध है. समुद्र तल से लगभग 1100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित पचमढ़ी, सतपुड़ा पर्वतमाला की गोद में बसा एकमात्र हिल स्टेशन है. इसकी प्राकृतिक छटा, ऐतिहासिक गुफाएँ, झरने और शांत वातावरण पर्यटकों को बार-बार यहाँ खींच लाते हैं. तो क्या आप तैयार हैं इस अनोखी यात्रा के लिए?
पचमढ़ी की जलवायु और यात्रा का सर्वोत्तम समय (Best Time to Visit Pachmarhi Hill station)

पचमढ़ी की जलवायु सालभर सुखद और आरामदायक रहती है, जिससे यह हर मौसम में घूमने लायक बन जाती है. गर्मियों (मार्च से जून) में यहाँ की ठंडी हवाएँ और हरियाली शरीर और मन दोनों को ताज़गी देती हैं. तापमान सामान्यतः 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो इसे गर्मियों की भीड़भाड़ से दूर एक शांत जगह बनाता है. वहीं, अक्टूबर से फरवरी के बीच की सर्दियाँ भी पचमढ़ी को बेहद आकर्षक बना देती हैं. हल्की धूप, कोहरा और हरियाली का संगम इसे रोमांटिक और शांतिपूर्ण बनाता है. बारिश के मौसम में झरने और घाटियाँ अपने पूरे यौवन पर होती हैं, लेकिन ट्रैकिंग और बाहर घूमना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. इसलिए अक्टूबर से जून तक का समय यात्रा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है.
कैसे पहुँचें पचमढ़ी
पचमढ़ी एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है, जहाँ पहुँचना आसान और सुविधाजनक है. यहाँ तक पहुँचने के तीन प्रमुख मार्ग हैं:
- रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया (Pipariya) है, जो पचमढ़ी से लगभग 50 किमी दूर स्थित है. पिपरिया स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. स्टेशन से पचमढ़ी तक टैक्सी और बस की सुविधा आसानी से मिल जाती है.
- सड़क मार्ग: पचमढ़ी मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे भोपाल, जबलपुर और नागपुर से अच्छी तरह जुड़ा है. इन शहरों से सीधी बसें और टैक्सी उपलब्ध रहती हैं.
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है, जो पचमढ़ी से लगभग 200 किमी दूर है. भोपाल से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 4–5 घंटे में पचमढ़ी पहुँचा जा सकता है.
पचमढ़ी में झरने
अगर आप झरनों के शौकीन हैं, तो आपको अपने पचमढ़ी भ्रमण कार्यक्रम में बी फॉल, अप्सरा विहार फॉल्स और सिल्वर फॉल्स को जरूर शामिल करना चाहिए.
- सिल्वर फॉल्स- सिल्वर फॉल्स, उर्फ रजत प्रपात, 350 फीट की ऊंचाई से गिरता है और जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो यह चांदी की पट्टी की तरह दिखता है, इसलिए इसे सिल्वर फॉल्स कहा जाता है.
- अप्सरा विहार-अप्सरा विहार झरना पचमढ़ी में घूमने लायक झरनों में से एक है, जो कि 10 मिनट की ढलान पर है. ऐसा माना जाता है कि ब्रिटिश काल में ब्रिटिश महिलाएं यहां स्नान करती थीं. महिलाएं गोरी होने के कारण स्थानीय लोग उन्हें अप्सरा मानते थे और इसलिए इस कुंड का नाम अप्सरा विहार रखा गया.
- मधुमक्खी झरना- मधुमक्खी झरना जिसे जमुना प्रपात के नाम से भी जाना जाता है, 150 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरते इस झरने का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि दूर से देखने पर यह झरना मधुमक्खियों की तरह आवाज करता है क्योंकि पानी चट्टानों से होकर बहता है और भिनभिनाने जैसी आवाज करता है.
पांडव गुफाएँ (Pandava Caves)
पाँच प्राचीन गुफाएँ, जिनके बारे में मान्यता है कि पांडवों ने यहाँ अज्ञातवास के दौरान निवास किया था. ये गुफाएँ बौद्ध वास्तुकला का भी उदाहरण हैं और यहाँ से सतपुड़ा की पहाड़ियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है.
धूपगढ़ (Dhoopgarh)
- यह पचमढ़ी की सबसे ऊँची चोटी है, जहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनोहारी होता है. यहाँ से पूरे सतपुड़ा पर्वतमाला का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है.
जटाशंकर गुफा (Jatashankar Cave)
- यह एक प्राकृतिक गुफा है, जिसमें शिवलिंग के आकार की चट्टानें हैं. यहाँ की गुफाएँ और जलधाराएँ धार्मिक आस्था का केंद्र हैं.
रीछगढ़ (Reechgarh)
- यह एक विशाल प्राकृतिक गुफा है, जिसके दोनों ओर से प्रवेश द्वार हैं. यहाँ की गुफाओं में प्रवेश करने के लिए पत्थरों के बीच से गुजरना पड़ता है, जो रोमांचकारी अनुभव देता है.
बायसन लॉज म्यूज़ियम (Bison Lodge Museum)
- यह पचमढ़ी का सबसे पुराना भवन है, जिसे ब्रिटिश काल में कैप्टन फॉर्सिथ ने बनवाया था. अब इसे संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहाँ क्षेत्र की वनस्पति, जीव-जंतु और ऐतिहासिक वस्तुओं का संग्रह है.
चौरागढ़ मंदिर (Chauragarh Temple)
- यह शिव मंदिर एक ऊँचे पहाड़ पर स्थित है, जहाँ तक पहुँचने के लिए सैकड़ों सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं. महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ भव्य मेला लगता है.
हैंडी खोह (Handi Khoh)
- हैंडी खोह पचमढ़ी की सबसे गहरी और रहस्यमयी घाटियों में से एक है, जिसकी गहराई लगभग 300 फीट है. चारों ओर घने जंगलों से घिरी यह जगह शांति, हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. घाटी में झाँकने पर नीचे बादलों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है, जो इसे एक चित्र-पट जैसी खूबसूरत जगह बना देता है. यह ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आदर्श स्थल है.
पचमढ़ी का वन्य जीवन और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
पचमढ़ी सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है, जो जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है. यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, सांभर, चीतल, नीलगाय, बाइसन, और कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं. जंगल सफारी, ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग और कैम्पिंग यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं.
रहने की व्यवस्था
पचमढ़ी में हर बजट के अनुसार होटल, रिसॉर्ट (panchmari resort), गेस्ट हाउस और फॉरेस्ट लॉज उपलब्ध हैं. यहाँ एमपी टूरिज्म के कई रिसॉर्ट्स भी हैं, जहाँ से प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है.
पचमढ़ी की संस्कृति और स्थानीय जीवन

पचमढ़ी की संस्कृति में अद्वितीय आदिवासी जीवनशैली की झलक देखने को मिलती है, जो यहाँ की पहचान को और भी खास बनाती है. यहाँ के लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और रंग-बिरंगे मेले स्थानीय जीवन के उत्सवपूर्ण पक्ष को दर्शाते हैं. पर्व-त्योहारों पर विशेष आयोजन होते हैं, जिनमें पर्यटक भी भाग ले सकते हैं. यहाँ का पारंपरिक भोजन, जैसे कि महुआ से बनी चीज़ें और जंगलों में मिलने वाली जड़ी-बूटियाँ, स्थानीय स्वाद से परिचित कराते हैं. पचमढ़ी के लोग बेहद सरल, सहृदय और मेहमाननवाज़ होते हैं, जो हर आगंतुक को अपनेपन का अनुभव कराते हैं. यह संस्कृति आत्मीयता से भरपूर है.
पचमढ़ी में करने योग्य प्रमुख गतिविधियाँ
- जंगल सफारी और ट्रैकिंग
- जलप्रपातों में स्नान और पिकनिक
- गुफाओं की खोज
- बर्ड वॉचिंग
- स्थानीय बाजार में खरीदारी
- औपनिवेशिक भवनों की सैर
पचमढ़ी का खानपान
पचमढ़ी का खानपान स्थानीय स्वाद और विविधता से भरपूर है. यहाँ आपको मध्यप्रदेश के पारंपरिक व्यंजन जैसे दाल-बाटी, पोहा-जलेबी, समोसा, कचौरी और चाय के साथ मिलने वाले हल्के नाश्ते आसानी से मिल जाते हैं. स्थानीय ठेलों से लेकर छोटे ढाबों तक, हर जगह स्वाद का अलग अनुभव होता है. इसके अलावा पचमढ़ी के कुछ कैफे और रेस्तरां में उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय और चाइनीज खाने की भी अच्छी व्यवस्था है. यदि आप खाने के शौकीन हैं, तो यहाँ की सादी मगर स्वादिष्ट थाली और गर्मागर्म नाश्ते आपकी यात्रा को और भी स्वादिष्ट बना देंगे.
पचमढ़ी का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
पचमढ़ी नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘पंच’ (पाँच) और ‘मढ़ी’ (गुफा/आवास). मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान यहाँ की पाँच गुफाओं में रहे थे. यही पाँच गुफाएँ आज ‘पांडव गुफाएँ’ के नाम से प्रसिद्ध हैं और पचमढ़ी की पहचान बन चुकी हैं.
इतिहास में पचमढ़ी का उल्लेख 1862 में कैप्टन जेम्स फॉर्सिथ द्वारा किया गया, जिन्होंने इसकी प्राकृतिक छटा और जलवायु को देखकर यहाँ ब्रिटिश सैनिकों के लिए सैनिटोरियम (स्वास्थ्य केंद्र) बनवाया. ब्रिटिश काल में यह स्थान गर्मियों में विश्रामगृह के रूप में विकसित हुआ और आज भी यहाँ औपनिवेशिक भवनों की झलक मिलती है.
प्रकृति की गोद में बसा एक अनोखा स्वर्ग

पचमढ़ी सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का एक खूबसूरत हिस्सा है, जो अपने अनोखे प्राकृतिक रूपों के लिए जाना जाता है. यहाँ ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घने जंगल, गहरी घाटियाँ, बहते झरने और रहस्यमयी गुफाएँ हर किसी का मन मोह लेते हैं. इसकी भौगोलिक विविधता इसे बाकी हिल स्टेशनों से अलग बनाती है. पचमढ़ी का मौसम भी इसकी एक खासियत है – चाहे गर्मी हो या बरसात, यहाँ हमेशा ठंडक और ताज़गी का एहसास होता है. हर मोड़ पर प्रकृति की कोई नई तस्वीर देखने को मिलती है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और शांति की तलाश करने वालों के लिए स्वर्ग बना देती है.
पचमढ़ी की यात्रा के लिए सुझाव
- मानसून में यहाँ की हरियाली और झरनों का सौंदर्य चरम पर होता है, लेकिन फिसलन और कीचड़ से सावधान रहें.
- जंगल सफारी के लिए पूर्व बुकिंग करें.
- स्थानीय गाइड के साथ ही गुफाओं और जंगलों की यात्रा करें.
- प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित रखने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें.
पचमढ़ी का भविष्य और पर्यटन

पचमढ़ी का पर्यटन लगातार बढ़ रहा है, लेकिन यहाँ की जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए सतत विकास की आवश्यकता है. सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवन सुरक्षित रह सके.
पचमढ़ी केवल एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि प्रकृति, इतिहास, संस्कृति और रोमांच का अद्भुत संगम है. यहाँ की हरियाली, झरने, गुफाएँ, मंदिर, घाटियाँ और शांत वातावरण आत्मा को सुकून देते हैं. यदि आप भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो पचमढ़ी आपके लिए आदर्श स्थान है. यहाँ की यात्रा जीवनभर की यादों में बस जाती है, और बार-बार यहाँ आने का मन करता है.