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अब ट्रेनें उड़ेंगी कश्मीर की वादियों में – जानिए क्यों खास है Chenab Railway Bridge
अब ट्रेनें उड़ेंगी कश्मीर की वादियों में – जानिए क्यों खास है Chenab Railway Bridge
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, June 5, 2025
Last Updated On: Friday, June 6, 2025
359 मीटर की ऊँचाई पर स्थित चिनाब रेल ब्रिज (Chenab Railway Bridge) केवल एक पुल नहीं, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग और सामरिक दृढ़ता का प्रतीक है. यह दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है, जो एफिल टॉवर से भी ऊँचा है और जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर बना है. स्टील और कंक्रीट से बना यह पुल भूकंप, विस्फोट और तूफानी हवाओं को झेलने में सक्षम है. यह न सिर्फ दुर्गम घाटियों को जोड़ता है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों की सैन्य और नागरिक आवाजाही को भी सुगम बनाता है. चिनाब ब्रिज आत्मनिर्भर भारत के तकनीकी आत्मविश्वास और रणनीतिक सोच का सजीव उदाहरण है.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Friday, June 6, 2025
चिनाब रेल ब्रिज (Chenab Rail Bridge) — यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि भारतीय अभियांत्रिकी का शिखर है, जिसने आसमान को छू लिया है. जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना यह दुनिया का सबसे ऊ.चा रेलवे पुल न सिर्फ ऊ.चाई में बल्कि महत्व में भी बेजोड़ है. इसकी 359 मीटर की ऊ.चाई एफिल टॉवर को भी पीछे छोड़ देती है. यह पुल दुर्गम घाटियों को जोड़ता ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नई मजबूती देता है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में. इसकी संरचना ब्लास्ट-प्रूफ है और इसे भूकंप व तेज़ हवाओं का सामना करने के लिए तैयार किया गया है. चिनाब ब्रिज भारत के आत्मविश्वास, तकनीकी कौशल और रणनीतिक सोच का प्रतीक है—एक ऐसा चमत्कार जो पहाड़ों के सीने पर लिखी गई एक अद्भुत कविता है.

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और परियोजना की शुरुआत
- चिनाब रेल ब्रिज (Chenab Rail Bridge) भारत सरकार की महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है.
- इस परियोजना को 2002 में मंजूरी मिली थी, लेकिन कठिन भूगोल, सुरक्षा और तकनीकी चुनौतियों के कारण निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ.
- पुल का उद्घाटन अगस्त 2022 में हुआ और 6 जून 2025 से इसे रेल यातायात के लिए खोलने की योजना है.
भौगोलिक स्थिति और संरचना
- स्थान: रियासी जिला, जम्मू और कश्मीर, भारत.
- नदी: चिनाब नदी, पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में.
- लंबाई: 1,315 मीटर (4,314 फीट).
- ऊ.चाई: नदी तल से 359 मीटर (1,178 फीट), जो एफिल टॉवर (324 मीटर) से भी ऊ.चा है.
- मुख्य आर्च स्पैन: 467 मीटर.
निर्माण और चुनौतिया
- पुल का निर्माण स्टील और कंक्रीट से किया गया है, जिसमें लगभग 28,660 टन स्टील और 66,000 घन मीटर कंक्रीट का उपयोग हुआ.
- निर्माण कार्य कठिन हिमालयी भू-भाग, खराब मौसम, भूकंपीय सक्रियता और सुरक्षा खतरों के बीच हुआ.
- पुल की नींव और आर्च की स्थिरता के लिए IIT दिल्ली, IIT रुड़की, DRDO, और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का सहयोग लिया गया.
- आर्च के निर्माण के लिए विशेष केबल-क्रेन तकनीक का उपयोग किया गया, जिसमें 127 मीटर ऊ.चे पायलन से 54 मिमी मोटी केबल्स पर क्रेन चलाई गई.
- पुल को ब्लास्ट-प्रूफ और 8.0 तीव्रता तक के भूकंप-रोधी बनाया गया है.
तकनीकी विशेषताए
विशेषता | विवरण |
---|---|
पुल की ऊ.चाई | 359 मीटर (नदी तल से) |
कुल लंबाई | 1,315 मीटर |
मुख्य आर्च स्पैन | 467 मीटर |
निर्माण सामग्री | स्टील, कंक्रीट |
स्टील की मात्रा | 28,660 टन (लगभग 29,000 MT) |
अधिकतम ट्रेन गति | 100 किमी/घंटा |
विंड रेजिस्टेंस | 266 किमी/घंटा तक की हवा सहनशील |
भूकंप रोधी क्षमता | 8.0 तीव्रता (Seismic Zone IV) |
ब्लास्ट प्रूफ | हा. |
निगरानी प्रणाली | 24×7 CCTV, इंटेलिजेंस सिस्टम |
रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका
- यह पुल कश्मीर घाटी को देश के शेष हिस्सों से जोड़ता है, जिससे सैनिकों, हथियारों और रसद की आवाजाही हर मौसम में संभव हो सकेगी.
- दिल्ली से श्रीनगर तक की दूरी 13 घंटे में तय की जा सकेगी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में त्वरित सैन्य तैनाती संभव होगी.
- पुल में ब्लास्ट-रोधी और एंटी-सैबोटेज तकनीकें, साथ ही भूकंपरोधी डिजाइन शामिल हैं, जो इसे किसी भी आपदा या आतंकी हमले से सुरक्षित बनाती हैं.
- पुल के आसपास के क्षेत्रों में सतत निगरानी के लिए CCTV और इंटेलिजेंस सिस्टम लगाए गए हैं.
सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
- पुल के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधिया. बढ़ीं.
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
- पुल के चालू होने से कश्मीर घाटी में वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही सरल होगी, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा.
इंजीनियर इनोवेशन और सुरक्षा उपाय
- पुल की डिजाइन में BS कोड्स के अनुसार लिमिट स्टेट फिलॉसफी, विंड टनल टेस्टिंग, और फटीग एनालिसिस शामिल हैं.
- स्टील बॉक्स ट्रस में कंक्रीट भरकर विंड-इंड्यूस्ड फोर्सेस को नियंत्रित किया गया.
- मेंटेनेंस की सुविधा के लिए बियरिंग्स की संख्या कम रखी गई.
- लंबी उम्र के लिए विशेष एंटी-कोरोजन पेंटिंग स्कीम लागू की गई, जिसकी लाइफ 15 साल है.
जरूरी पड़ाव और कब-कब हुए
वर्ष/माह | घटना/मील का पत्थर |
---|---|
2002 | परियोजना को मंजूरी |
2017 | निर्माण कार्य प्रारंभ |
नवंबर 2017 | बेस सपोर्ट्स पूरे हुए |
अप्रैल 2021 | आर्च निर्माण पूर्ण |
अगस्त 2022 | पुल का उद्घाटन |
जून 2024 | पहली ट्रेन ट्रायल |
6 जून 2025 | रेल यातायात के लिए उद्घाटन |
चिनाब ब्रिज बनाम अन्य विश्व प्रसिद्ध इस्टैब्लिशमेंट
इस्टैब्लिशमेंट | स्थान | ऊ.चाई (मीटर) | प्रकार | विशिष्टता |
---|---|---|---|---|
चिनाब रेल ब्रिज | भारत | 359 | आर्च | विश्व का सबसे ऊ.चा रेल पुल |
एफिल टॉवर | फ्रांस | 324 | टॉवर | विश्व प्रसिद्ध स्मारक |
मिल्लो वियाडक्ट | फ्रांस | 343 (पिलर) | वायाडक्ट | यूरोप का सबसे ऊ.चा पुल |
दुनिया के 5 सबसे ऊ.चे पुल

क्रमांक | पुल का नाम | स्थान | ऊ.चाई (मीटर) | ऊ.चाई (फुट) | निर्माण वर्ष | प्रमुख विशेषता |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज | चीन | 625 | 2,051 | 2023 (निर्माणाधीन) | दुनिया का सबसे ऊ.चा पुल (क्लियरेंस ऊ.चाई में) |
2 | बेइपानजियांग ब्रिज (डूगे ब्रिज) | चीन | 565 | 1,854 | 2016 | सबसे ऊ.चा पूरा हो चुका पुल |
3 | तियानमेन ब्रिज | चीन | 560 | 1,837 | 2023 | ऊ.चे पहाड़ी क्षेत्र में स्थित पुल |
4 | सिदु नदी पुल | चीन | 496 | 1,627 | 2009 | विश्व का पहला सबसे ऊ.चा सस्पेंशन ब्रिज |
5 | पुली ब्रिज | चीन | 485 | 1,591 | 2015 | गहरी घाटी के ऊपर बना केबल-स्टे ब्रिज |
महत्वपूर्ण तथ्य
- चिनाब रेल ब्रिज दुनिया का सबसे ऊ.चा रेलवे पुल है, जो एफिल टॉवर से भी ऊ.चा है.
- यह पुल भारत की रणनीतिक और अभियांत्रिक शक्ति का प्रतीक है.
- पुल का निर्माण अत्यंत कठिन हिमालयी भू-भाग और मौसम में किया गया.
- पुल को ब्लास्ट-रोधी, भूकंपरोधी और विंड-प्रूफ बनाया गया है.
- पुल के चालू होने से कश्मीर घाटी का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क सशक्त होगा.
- यह पुल स्थानीय रोजगार, पर्यटन और आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध होगा.
- पुल की कुल लागत ₹1,486 करोड़ (लगभग $180 मिलियन).
- निर्माण में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों एवं संस्थाओं का सहयोग.
- पुल की डिजाइन और निर्माण में नवीनतम तकनीकों का उपयोग.
चिनाब रेल ब्रिज (Chenab Rail Bridge) भारत की अभियांत्रिक क्षमता, रणनीतिक सोच और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. यह पुल न केवल कश्मीर घाटी को देश से जोड़ता है, बल्कि क्षेत्रीय विकास, सुरक्षा और सामाजिक समरसता को भी सुदृढ़ करता है. विश्व के सबसे ऊ.चे रेलवे पुल के रूप में चिनाब ब्रिज आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति और सामरिक मजबूती का प्रतीक बना रहेगा.