Special Coverage
द्रास से गूंजा जयकारा: जब देश ने झुककर किया सलाम, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
Authored By: Nishant Singh
Published On: Saturday, July 26, 2025
Last Updated On: Saturday, July 26, 2025
जब देश की सरहदें खतरे में थीं, तब कुछ बेटे थे जिन्होंने मौत से आंख मिलाकर तिरंगे को झुकने नहीं दिया. 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस हर साल हमें याद दिलाता है उन जांबाजों की, जिनके साहस की गूंज आज भी द्रास की वादियों में सुनाई देती है. ये दिन सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि हर भारतीय के गर्व का प्रतीक है. आज फिर देश उनके चरणों में श्रद्धा से नतमस्तक है. आइए, जानते हैं कैसे मनाया गया इस साल का कारगिल विजय दिवस, शौर्य और सम्मान की गाथा के साथ.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Saturday, July 26, 2025
Kargil Vijay Diwas 2025: हर साल जब जुलाई की सुबहें दस्तक देती हैं, तो एक तारीख हमारी रगों में जोश भर देती है- 26 जुलाई. ये सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि वो एहसास है जब देश कारगिल के रणबांकुरों को याद करता है. उन वीरों को, जिन्होंने बर्फीली चोटियों पर दुश्मन को धूल चटाई और तिरंगे की लाज बचाई. जब-जब देश का नाम आया, उन्होंने जान की परवाह नहीं की. आज फिर द्रास की वादियां उन्हीं अमर सपूतों के सम्मान में सिर झुकाए खड़ी हैं. कारगिल विजय दिवस सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि वो पल है जब पूरा भारत एक सुर में कहता है कि “तुम थे, तभी हम हैं.” आइए, जानें इस बार कैसे मनाया गया ये गर्व से भरा दिन.
कारगिल विजय की गूंज
देशभर में शनिवार को 26वां कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर लद्दाख के द्रास शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जहां देश ने कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
उपराज्यपाल ने दी सलामी
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शहीदों को नमन करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस पर मैं हमारे शहीदों को नमन करता हूं और उनके साहस, वीरता और बलिदान को सलाम करता हूं. हमारे जवानों ने दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में लड़ाई लड़ी और दुश्मन को परास्त किया. उनका शौर्य और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा.”
नॉर्दर्न कमांड का नमन
- उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने भी अपने वीर सैनिकों को याद करते हुए एक्स पर लिखा, “26वें कारगिल दिवस पर नार्दर्न कमांड अपने वीर जवानों को याद करते हुए कई भावपूर्ण आयोजनों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है.”
- सेना ने बताया कि कारगिल विजय दिवस के तहत साइकिल यात्राओं से लेकर मैराथन, क्रिकेट टूर्नामेंट, वीर गाथा कार्यक्रमों और युद्ध स्थलों तक ट्रैकिंग अभियानों जैसे कई आयोजन किए गए, जो हमारे सैनिकों की अडिग भावना का सम्मान हैं.
शहीद परिवारों का सम्मान
इसके अलावा, शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, ताकि उनके सर्वोच्च बलिदान को देश याद रख सके. केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को द्रास में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. साथ ही, शनिवार को ही कारगिल जिले में सेना द्वारा तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें एक ई-श्रद्धांजलि पोर्टल भी शामिल है, जहां नागरिक शहीदों को डिजिटल माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे.
मंत्रियों का कारगिल दौरा
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को ही कारगिल पहुंच गए थे और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य आयोजनों में हिस्सा लिया. उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की गई थी, जो लगभग तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारत की विजय का प्रतीक बना.
हज़ारों युवाओं की पदयात्रा
इसे लेकर शनिवार को द्रास में केंद्रीय खेल मंत्री के नेतृत्व में एक पदयात्रा निकाली गई, जिसमें 1,000 से अधिक युवा स्वयंसेवक, पूर्व सैनिक, सैनिक परिवार, सशस्त्र बलों के जवान और आम नागरिक शामिल हुए. यह 1.5 किलोमीटर लंबी पदयात्रा सुबह 7 बजे हिमाबास पब्लिक हाई स्कूल से शुरू होकर, भिंबेट स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक संपन्न हुई.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)