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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए 6 बड़े फैसले, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना को मिला 6,520 करोड़ का अप्रूवल
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Thursday, July 31, 2025
Last Updated On: Thursday, July 31, 2025
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिए 6,520 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. इस राशि से देशभर में 50 फूड इरैडिएशन यूनिट और 100 एनएबीएल मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब बनाई जाएंगी. यह कदम कृषि व खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Thursday, July 31, 2025
PM Kisan SAMPADA Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) को 6,520 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ आगे बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय के तहत 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि में इस योजना को क्रियान्वित किया जाएगा.
100 फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना
- कैबिनेट की इस मंजूरी में इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (ICCVA) योजना के तहत 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट और फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) योजना के तहत 100 फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना का प्रावधान किया गया है.
- सरकार का मानना है कि इस निवेश से न केवल खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, बल्कि वेस्टेज में कमी और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को नई ऊर्जा मिलेगी.
बैठक में लिए गए 6 बड़े फैसले
इस मंजूरी में पीएमकेएसवाई योजना की घटक योजना- इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (आईसीसीवीएआई) के तहत 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट की स्थापना के लिए 1,000 करोड़ रुपए दिए गए.
बजट घोषणा के अनुरूप पीएमकेएसवाई योजना की घटक योजना- फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंंफ्रास्ट्रक्चर (एफएसक्यूएआई) के तहत एनएबीएल मान्यता प्राप्त 100 फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना के लिए और 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के तहत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए 920 करोड़ रुपए शामिल हैं.
EOI किए जाएंगे जारी
आईसीसीवीएआई और एफएसक्यूएआई, दोनों ही पीएमकेएसवाई की मांग-आधारित घटक योजनाएं हैं. देश भर की पात्र संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किए जाएंगे. ईओआई के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों को मौजूदा योजना दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता मानदंडों के अनुसार उचित जांच के बाद अप्रूव किया जाएगा.
50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट
बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट के कार्यान्वयन से इन यूनिट के अंतर्गत विकिरणित खाद्य उत्पादों के प्रकार के आधार पर प्रति वर्ष 20 से 30 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) तक की कुल प्रिजर्वेशन क्षमता सृजित होने की उम्मीद है.
निजी क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित 100 एनएबीएल-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना से फूड सैंपल के परीक्षण के लिए एडवांस इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, जिससे खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन और सुरक्षित खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
वेस्टेज को लेकर कमी- नाबार्ड
नाबार्ड के एक स्टडी के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की आईसीसीवीएआई पहल से सब्जियों, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों में वेस्टेज को लेकर कमी आई है, साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी कुछ लाभ हुए हैं.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, पोस्ट-हार्वेस्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेसिंग सुविधाओं के निर्माण के लिए वर्ष 2016-17 से पीएमकेएसवाई को क्रियान्वित कर रहा है ताकि पोस्ट-हार्वेस्टेड नुकसान में कमी सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सके.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)