Special Coverage
कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई, जो बनेंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश
कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई, जो बनेंगे देश के नए मुख्य न्यायाधीश
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, April 16, 2025
Updated On: Wednesday, April 16, 2025
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई, जिन्हें बी.आर. गवई (Justice B.R. Gawai) के नाम से जाना जाता है, भारत के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. 14 मई 2025 को देश के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेने वाले हैं. वर्तमान CJI संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. परंपरा के अनुसार, वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस गवई (Justice B.R. Gawai) को यह पद सौंपा जाएगा.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Wednesday, April 16, 2025
Next Chief Justice of India : भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने आधिकारिक रूप से न्यायमूर्ति बी.आर. गवई (Justice B.R. Gawai) को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की है. इस सिफारिश को केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है, जिससे न्यायमूर्ति गवई के भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक समावेश और विविधता को और मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. उनके नेतृत्व में न्यायपालिका से पारदर्शिता, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की अपेक्षा की जा रही है.
अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस गवई (Justice B.R. Gawai) वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं और उनके पास दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों में लंबा अनुभव है. वे सामाजिक न्याय, विशेष रूप से वंचित वर्गों और संवैधानिक अधिकारों के मामलों में अपनी स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण के लिए भी पहचाने जाते हैं. उनकी नियुक्ति ऐतिहासिक भी मानी जा रही है, क्योंकि वे अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे. इससे पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन ने यह पद संभाला था.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जस्टिस गवई (Justice B.R. Gawai) का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था. उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की. उनके पिता, आर.एस. गवई, एक प्रमुख अंबेडकरवादी नेता, सांसद और बिहार व केरल के राज्यपाल रह चुके हैं. उनका परिवार बौद्ध धर्म का पालन करता है और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों से प्रेरित है.
कानूनी करियर
जस्टिस गवई ने 16 मार्च 1985 को वकालत शुरू की और बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में मुख्य रूप से प्रैक्टिस की. उन्होंने सरकारी वकील और विशेष लोक अभियोजक के रूप में भी कार्य किया. 14 नवंबर 2003 को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में स्थायी न्यायाधीश बने.
सुप्रीम कोर्ट में योगदान
24 मई 2019 को जस्टिस गवई को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया. वे 2010 के बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले पहले अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के न्यायाधीश हैं. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 150 से अधिक महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनमें से कई आपराधिक, सेवा, संपत्ति और पर्यावरण मामलों से संबंधित हैं.
मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल
यदि परंपरा के अनुसार नियुक्ति होती है, तो जस्टिस गवई (Justice B.R. Gawai)14 मई 2025 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे और 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. वे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे, पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन थे, जिन्होंने 2007 में यह पद संभाला था.