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मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति पर राहुल-खड़गे ने क्यों उठाए सवाल
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति पर राहुल-खड़गे ने क्यों उठाए सवाल
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Published On: Tuesday, December 24, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। लेकिन लोकसभा एवं राज्यसभा में नेता विपक्ष क्रमशः राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
Authored By: गुंजन शांडिल्य
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम बने एनएचआरसी प्रमुख।
- राहुल गांधी और खड़गे ने एनएचआरसी प्रमुख की नियुक्ति पर उठाए सवाल।
- कहा, चयन प्रक्रिया में क्षेत्रीयता और विविधता के संतुलन का अभाव।
- अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति नियम का नहीं किया गया पालन।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन लोकसभा एवं राज्यसभा में नेता विपक्ष क्रमशः राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
इनका कहना है कि मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है। साथ ही उन्होंने इनके चयन पर अपनी असहमति जताई है। इनका यह भी कहना है कि चयन प्रक्रिया में तय नियम का पालन नहीं किया गया है। साथ ही इसमें आपसी परामर्श और आम सहमति नहीं बनाई गई है। इसके बाद एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनाव होने लाजमी है।
नियुक्ति की जानकारी एनएचआरसी (NHRC) ने दी
एनएचआरसी ने कल यानी 23 दिसंबर को एक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर नियुक्ति की जानकारी दी। पोस्ट में लिखा है, ‘भारत के राष्ट्रपति ने सेवनिवृत न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम को अध्यक्ष और प्रियांक कानूनगो एवं सेवनिवृत न्यायमूर्ति डॉ। बिदयुत रंजन सारंगी को एनएचआरसी का सदस्य नियुक्त किया है। प्रियांक कानूनगो इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष रह चुके हैं।
राहुल-खड़गे चाहते थे नरीमन को
लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अध्यक्ष पद के लिए न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति कुट्टियिल मैथ्यू जोसेफ के नाम प्रस्तावित किए थे। केंद्र सरकार ने इनके प्रस्ताव को नहीं माना और पूर्व न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम को प्रमुख के रूप में नियुक्त कर दिया।
सदस्यों के नाम भी किए थे प्रस्तावित
दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष गांधी और खड़गे ने एनएचआरसी सदस्यों के लिए भी अपनी ओर से नाम प्रस्तावित किए थे। इन दोनों नेताओं ने सदस्य के लिए न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति अकील अब्दुल हमीद कुरैशी के नामों की सिफारिश की थी। इनके नामों की सिफारिश करते हुए इनहोने कहा था कि इन दोनों न्यायमूर्ति के पास ‘मानव अधिकारों को बनाए रखने में अनुकरणीय ट्रैक रिकॉर्ड’ है।
राहुल खड़गे ने भेजे असहमति पत्र
राहुल गांधी और खड़गे ने पत्र लिखकर इस पर अपनी असहमति दर्ज कराई है। असहमति पत्र में कहा है, ‘एनएचआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति करते समय क्षेत्र, धर्म और जाति के संतुलन को ध्यान में नहीं रखा गया। इस तरह की चयन प्रक्रिया ‘सरकार के उपेक्षापूर्ण दृष्टिकोण’ को दर्शाती है। उनके नामों को शामिल करने से एनएचआरसी की प्रभावशीलता और विविधता के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलता।’
एक जून से खाली था पद
एनएचआरसी के अध्यक्ष का पद एक जून से ही खाली था। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा एनएचआरसी के अध्यक्ष थे। उनका कार्यकाल एक जून को खत्म हो गया था। 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली उच्च स्तरीय समिति ने एनएचआरसी के अगले अध्यक्ष का चयन करने के लिए एक बैठक की थी। उस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए थे।
कौन करता है इनका चयन ?
एनएचआरसी के नियम के मुताबिक इसके प्रमुख का चयन एक समिति करती है। इस समिति का नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। इनके अलावा दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) स्पीकर एवं उपसभापति और दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष के साथ केन्द्रीय गृह मंत्री समिति के सदस्य होते हैं। यही समिति पैनल के नामों पर चर्चा कर बहुमत से एनएचआरसी के अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों का चयन करते हैं।
इस चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है।