जेएमआई के प्रोफेसर तोकीर अहमद प्रतिष्ठित सीआरएसई कांस्य पदक के लिए चुने गए, हरित हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए उन्नत नैनोमटेरियल का किया विकास

Authored By: अंशु सिंह (वरिष्ठ लेखिका और पत्रकार)

Published On: Friday, August 30, 2024

Updated On: Friday, August 30, 2024

Professor Toqeer Ahmed

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. तोकीर अहमद को वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित सीआरएसआई कांस्य पदक के लिए चुना गया है। उन्हें रसायन विज्ञान में उनके उत्कृष्ट शोध योगदान, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए उन्नत नैनोमटेरियल के विकास के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रोफेसर अहमद को 3 से 5 जुलाई के दौरान आईआईटी गांधीनगर में आयोजित होने वाले 35वें सीआरएसआई राष्ट्रीय रसायन विज्ञान संगोष्ठी में पदक से सम्मानित किया जाएगा, जहां वे एक फ्लैश टॉक भी देंगे।

उपलब्धियों का लंबा सफर

रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो प्रो. तोकीर अहमद ने आईआईटी रुड़की से स्नातक और आईआईटी दिल्ली से पीएचडी की है। उनकी शोध रुचि में नैनोकैटलिसिस, टिकाऊ हरित हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन और गैस सेंसिंग अनुप्रयोगों के लिए कार्यात्मक हेटरोस्ट्रक्चर की डिजाइनिंग शामिल है। प्रो अहमद ने अब तक 16 पीएचडी, 79 स्नातकोत्तर, 10 परियोजनाओं का पर्यवेक्षण किया है। उनके नाम 202 शोध पत्र और तीन पुस्तकें हैं, जिनमें 7955 शोध साइटेशन, 53 एच-इंडेक्स और 157 आई10-इंडेक्स है। प्रो. अहमद 181 पत्रिकाओं के सक्रिय समीक्षक हैं। उन्होंने 175 आमंत्रित/मुख्य/पूर्ण वार्ताएं दी हैं और 62 बाहरी डॉक्टरेट शोध प्रबंधों का मूल्यांकन किया है। वे कई पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड के सदस्य के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। प्रो. अहमद को एमआरएसआई मेडल, एसएमसी कांस्य पदक, आईएससीएएस मेडल, इंस्पायर्ड टीचर्स प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया अवार्ड, डीएसटी-डीएफजी अवार्ड, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कार, मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार, शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार तथा नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया के सदस्य के रूप में चुना गया है। प्रो. अहमद को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा प्रतिष्ठित सूचियों और करियर के दौरान 2020 से लगातार चार वर्षों तक दुनिया के शीर्ष 2 फीसद वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है।

रसायन विज्ञान में प्रतिभाओं को पहचानना रहा है उद्देश्य

भारतीय रासायनिक अनुसंधान सोसायटी (सीआरएसआई) की स्थापना 1999 में देश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह के उपलक्ष्य में की गई थी। सीआरएसआई का मुख्य उद्देश्य रसायन विज्ञान और रासायनिक विज्ञान में प्रतिभा को पहचानना और बढ़ावा देना है तथा रसायन विज्ञान की सभी शाखाओं में रासायनिक शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार करना है। भारतीय रासायनिक अनुसंधान सोसायटी का रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री, अमेरिकन केमिकल सोसायटी, एशियन केमिकल एडिटोरियल सोसायटी, जर्मन केमिकल सोसायटी और फ्रेंच केमिकल सोसायटी के साथ सक्रिय सहयोग है।

पिछले बीस वर्षों से दैनिक जागरण सहित विभिन्न राष्ट्रीय समाचार माध्यमों से नियमित और सक्रिय जुड़ाव व प्रेरक लेखन।

Leave A Comment

यह भी पढ़ें

Email marketing icon with envelope and graph symbolizing growth

news via inbox

समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।

सम्बंधित खबरें