कैसे मनाएं हम अपना जन्मदिन

कैसे मनाएं हम अपना जन्मदिन

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, July 25, 2024

Updated On: Monday, January 20, 2025

how do we celebrate our birthday
how do we celebrate our birthday

अपने जन्मदिन का लोग बेसब्री से साल भर इंतज़ार करते हैं। वे इंतज़ार क्यों न करें! इस दिन वे अपने मन के राजा होते हैं और अपनी खुशी के लिए कई तरह के आयोजन दिन भर करते रहते हैं। इन दिनों हम अपनी भारतीय संस्कृति भुलाकर केक काटते हैं और न जाने क्या-क्या करते हैं? एक विशेषज्ञ से जानते हैं कि भारतीय संस्कृति के अनुसार हमें अपना जन्मदिन कैसे मनाना चाहिए?

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, January 20, 2025

अपने जन्मदिन का इंतज़ार किसे नहीं रहता है? यही वह दिन है, जिसमें कुछ सार्थक करने के लिए व्यक्ति का जन्म होता है। इन दिनों हम अपनी भारतीय संस्कृति भुला बैठे हैं। पश्चिम जगत के अंधानुकरण करने के फेर में हम अपना जन्मदिन अपनी संस्कृति के अनुसार मनाना जानते तक नहीं हैं। हम केक काटकर और पार्टी मनाकर इस विशेष दिन का कोरम पूरा कर लेते हैं। भारतीय संस्कृति हमेशा स्व यानी “अपना” के साथ-साथ पर यानी “दूसरे” की भलाई के बारे में भी सोचने पर जोर देता है। यदि हम ऐसा कुछ भी नहीं करते हैं, तो हमारे लिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है। जन्मदिन जैसे ख़ास अवसर पर तो इस विचार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

क्या कहा स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) ने

महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती हम सभी युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए एक बार कहा था, जन्मदिन या अन्य ख़ास अवसरों को मौज-मस्ती में समय गंवा देने की बजाय कुछ विशेष और सार्थक करने का प्रयास हर व्यक्ति को करना चाहिए।अपने जन्मदिन के दिन चुनौतियों से पार पाने की शक्ति और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने का संकल्प हर व्यक्ति लें। यह ख़ास दिन आत्म-खोज, ज्ञान और अपने सपनों को पूरा करने के लिए खुद में अदम्य साहस भरने का दिन है।

कौन से अनुष्ठान का करें पालन

भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के ज्ञाता डॉ. सुरेश वत्स बताते हैं, ‘यदि आप अध्यात्म से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, तो जन्मदिन तिथि के अनुसार मनाना सबसे अनुकूल है। हमारी संस्कृति में हर अनुष्ठान की तरह जन्मदिन के अवसर पर कुछ निश्चित अनुष्ठानों के पालन करने की बात कही गई है।

अपना जन्मदिन मनाने वाले व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठान ये हो सकते हैं –

  • अभ्यंग स्नान- तेल से पहले संपूर्ण शरीर की मालिश कर लें, फिर स्नान करें।

  • प्रणाम अर्पित करना- इस अवसर पर अपने माता-पिता, गुरु जनों और बड़ों को प्रणाम कर आशीर्वाद लें।

  • कुलदेवता की पूजा-अपने परिवार के देवता यानी कुलदेवता की पूजा करें। यदि संभव हो, तो उनका अभिषेक भी करें। दूध या पानी से अनुष्ठान स्नान भी किया जा सकता है।

  • ध्यान की अवस्था में बैठ जाएं- मन ही मन अपने कुलदेवता और ईष्ट देव के नाम का जाप करें। आप उनका नाम लेते हुए 4-5 बार तुलसी माला भी फेर सकते हैं।

  • ईर्ष्या-द्वेष से दूर- किसी भी तरह की पूजा दिखावा नहीं, बल्कि अंतर्मन से होना चाहिए। पूजा करने के दौरान आपका मन शांत होना चाहिए। आप हर तरह की ईर्ष्या-द्वेष और क्रोध से दूर हों।

क्या करें परिवार के अन्य सदस्य

डॉ. सुरेश वत्स बताते हैं, ‘ माता-पिता या घर के अन्य बड़े सदस्य यदि घर के किसी बच्चे या वयस्क का जन्मदिवस मनाते हैं, तो उन्हें भी कुछ अनुष्ठान करना चाहिए।

  • कुलदेवता और जिन देवता-देवियों की घर में पूजा-उपासना होती है, उनका ध्यान करें। उनकी पूजा-अर्चना करें। उन सभी देवी-देवताओं का ध्यान करते हुए जन्मदिन मनाये जाने वाले बच्चे या वयस्क के सिर पर तीन बार अक्षत (सिंदूर सहित अखंडित चावल) रखना चाहिए।
  • जिनका जन्मदिन है, उनका घी से जलाए गए दीपक से आरती करनी चाहिए।
  • उन्हें देवता को अर्पित किये गए प्रसाद देना चाहिए। प्रसाद में मनपसंद मीठा खाद्य पदार्थ या मिठाई भी हो सकती है।
  • उन्हें आशीर्वाद दें और ईश्वर से उन्हें आशीर्वाद देने के लिए प्रार्थना करें।
  • जन्मदिन वाले व्यक्ति को कोई उपहार दिया जा सकता है। उपहार लेने वाले के मन में किसी भी तरह की अपेक्षा नहीं होनी चाहिए। जन्मदिवस मनाने वाले को यह भाव विकसित करना चाहिए कि ‘उपहार भगवान से प्राप्त होने वाला प्रसाद है।

ये सभी कार्य नहीं कर सकते हैं

यदि आप भारतीय संस्कृति को मानते हैं, तो आपको ये कार्य नहीं करना चाहिए-

मोमबत्ती बुझा देना

भारतीय संस्कृति (Indian Culture) में दीपक का बहुत महत्व है। जलता हुआ दीपक जीवन में प्रकाश फैलने का प्रतीक है। दीपक जलाने पर हर तरह की नकारात्मकता दूर होती है और चारों ओर सकारात्मकता का प्रकाश फैलता है। दिया जलाना अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान की ज्योति जलाने का प्रतीक है। मोमबत्ती बुझाकर हम ज्ञान के स्रोत को बुझा कर खुद को अंधकार में डुबोने का काम कर रहे हैं। इसलिए जन्मदिन जैसे मांगलिक अवसर पर मोमबत्ती बुझाने से बचना चाहिए।

केक काटना और कानफोड़ू संगीत पर नाचना

भारतीय संस्कृति काटने नहीं जोड़ने पर जोर देती है। इसलिए केक काटने की बजाय मिठाइयों से मुंह मीठा करें। बहुत अधिक वॉल्यूम पर या पश्चिमी गीतों की बजाय शांति और सुकून देने वाले संगीत सुनें। इससे मन शांत होगा। जन्मदिन मनाने वाला व्यक्ति तरोताज़ा महसूस करेगा।

अंत में

यदि कोई वयस्क या वरिष्ठ व्यक्ति जन्मदिन मना रहे हैं, तो किसी न किसी जरूरतमंद को अपनी हैसियत के अनुसार जरूर दान करें। यदि घर के बड़े सदस्य अपने बच्चे का जन्मदिन मना रहे हैं, तो बच्चे के नाम पर आप खुद जरूरतमंद की सहायता करें। इससे आपका बच्चा भी लोगों की मदद करना सीखेगा। बुज़ुर्गों के लिए जन्मदिन चिंतन का दिन होता है। यह पिछले साल को देखने, बढ़िया अवसरों के लिए ईश्वर को आभार व्यक्त करने, की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगने और अगले साल एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लेने का दिन है। बड़े हों या बच्चे, हमेशा आनंदमय और सार्थक जन्मदिन मनाने की कोशिश करें।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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