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जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार से मिलीं कई प्राचीन मूर्तियां और बहुमूल्य आभूषण
जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार से मिलीं कई प्राचीन मूर्तियां और बहुमूल्य आभूषण
Authored By: स्मिता
Published On: Wednesday, July 17, 2024
Updated On: Monday, January 20, 2025
जगन्नाथ रथयात्रा 2024 को सालों तक याद किया जायेगा। यह यात्रा इसलिए ख़ास रही कि जगन्नाथ मंदिर परिसर स्थित रत्न भंडार को 46 साल बाद खोला गया। रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में कीमती धातुओं से बनी कई प्राचीन मूर्तियां मिलीं। इन मूर्तियों को पहले की किसी भी सूची में सूचीबद्ध नहीं किया गया था।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, January 20, 2025
जगन्नाथ मंदिर स्थित रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में 5 से 7 प्राचीन छोटी मूर्तियां मिलीं। ये मूर्तियां पिछले चार दशकों में काली हो गई हैं।इन मूर्तियों की पूजा की गई। इन मूर्तियों को बाद में अस्थायी रूप से स्ट्रांगरूम में रख दिया जाएगा। सबसे पहले इन मूर्तियों का वजन और इनका निर्माण कब हुआ, इसके बारे में जानकारी ली जाएगी। इससे संबंधित सभी विवरण प्राप्त करने के बाद ही सूची बनाई जाएगी। यह सूचना रत्न भंडार की सूची की देखरेख करने के लिए गठित 11-सदस्यीय समिति देगी।
मंदिर के सेवादारों के अनुसार, इन मूर्तियों की पूजा बहुत पहले भंडार की देखभाल करने वाले करते थे। संभावना है कि आंतरिक कक्ष में कई कीमती वस्तुएं भी मौजूद हो सकती हैं। सोने के मुकुट, सोने और बाघ के पंजे, सोने की मालाएं, सोने के पहिये, सोने के फूल, सोने के मोहर, लॉकेट, चांदी के सिंहासन, कंगन जैसे मूलयवान वस्तु खजाने में मौजूद हो सकते हैं। हीरे और मोतियों से सजे हार और सोने से जड़ी मयूर चंद्रिका भी हो सकती है। इन मूलयवान वस्तुओं को राजा और आम लोगों ने समय-समय पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को अर्पित किया होगा।