Rakshabandhan 2024 : रक्षाबंधन के बाद भाई कब उतारे कलाई से राखी?

Rakshabandhan 2024 : रक्षाबंधन के बाद भाई कब उतारे कलाई से राखी?

Authored By: स्मिता

Published On: Saturday, August 17, 2024

Updated On: Monday, January 20, 2025

rakshabandhan 2024
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Rakshabandhan 2024 : भाई-बहन एक-दूसरे की कलाई पर प्यार और सुरक्षा के भाव के रूप में राखी बांधते हैं। भाई-बहन अकसर असमंजस में रहते हैं कि भाई-बहन के अटूट बंधन स्वरुप राखी को कलाई पर कितने घंटे तक बांधा रखा जाये और इसे कब उतारा या खोला जाये। आइये एक ज्योतिषाचार्य से जानते हैं इसके बारे में सब कुछ।

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, January 20, 2025

भाई-बहन के प्रतीक स्वरुप रक्षाबंधन का त्योहार भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े उत्साह और स्नेह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते के प्रति प्रेम और सम्मान प्रकट करने का दिन है। भाइयों की दाहिनी कलाई पर बहन पवित्र रक्षा कुछ राखी बांधती है। यह बहन को जीवन भर सुरक्षा देने का वादा करने का प्रतीक है। वहीं बहन भी भाई के आजीवन स्वस्थ और सुरक्षित रहने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है। भले ही राखी हिंदू संस्कृति में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है, लेकिन बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि इसे कब उतारना चाहिए।

कब उतारनी चाहिए कलाई से राखी (When to untie Rakhi)

ज्योतिषाचार्य पंडित राजा व्यास (Astrologer Pandit Raja Vyas) जी बताते हैं, ‘ हिंदू शास्त्रों के अनुसार, इसके कोई निर्दिष्ट समय नहीं है। कोई भी व्यक्ति जब तक चाहे राखी बांधे रख सकता है। यह पूरी तरह भाई के विवेक और इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कब तक धागा पहनना जारी रखता है। हिंदू धर्मग्रंथों में भी इसका उल्लेख नहीं है, लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इसे खोलने की मान्यता है। महाराष्ट्र की संस्कृति में भाई को रक्षा बंधन के दिन से 15 दिनों तक राखी पहनने की मान्यता है। कम से कम 24 घंटे तक राखी बांधे हुए रहना चाहिए।’

त्योहार के बाद राखी का क्या करें

पंडित राजा व्यास जी बताते हैं, ‘अकसर देखा जाता है कि लोग राखी को त्योहार के बाद जहां-तहां रख देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। राखी को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जहां आप संरक्षित चीज़ों को रखते हैं । यदि आप इसे संरक्षित नहीं रख पाते हैं, तो इसे बहते हुए पानी में डाल देना चाहिए। इसे मिट्टी के नीचे भी दबाया जा सकता है।

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पावस दिन पर उपवास रखने का विधान

रक्षा बंधन श्रावण में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 19 अगस्त, सोमवार को पड़ रहा है। इस दिन भाई और बहन सुबह जल्दी उठते हैं, पवित्र स्नान करते हैं और पारंपरिक परिधान पहनते हैं।

बहन भाई को राखी बांधने तक उपवास रखती हैं। राखी की थाली दीया, राखी, भाई की पसंद की स्वादिष्ट मिठाई, अक्षतऔर कुमकुम से तैयार की जाती है। थाली को मंदिर में भगवान के सामने रखा जाता है। दिन के शुभ मुहूर्त में भाई- बहन ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, उनका आशीर्वाद लेते हैं और फिर थाली ले लेते हैं। बहन भाई को आरती दिखाकर कुमकुम और अक्षत लगाती है। भाई की कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिला देती है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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