Next Kumbh: 26 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ का अंतिम स्नान, जानिए कहां लगेगा अगला कुंभ?

Next Kumbh: 26 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ का अंतिम स्नान, जानिए कहां लगेगा अगला कुंभ?

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, February 18, 2025

प्रयागराज महाकुंभ का अंतिम स्नान और अगला कुंभ स्थान

Next Kumbh : 26 फरवरी को अंतिम स्नान के साथ प्रयागराज महाकुंभ संपन्न हो जाएगा. वर्ष 2027 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ, तो वर्ष 2028 में उज्जैन में होगा कुंभ का आयोजन.

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, February 18, 2025

हाइलाइट

  • कुंभ मेले (Kmubh Mela) के चार प्रकार हैं- कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महा कुंभ. वे कितनी बार आयोजित होते हैं और
  • उनका ज्योतिषीय महत्व क्या है, इस आधार पर वे अलग-अलग होते हैं.
  • कुंभ मेले के प्रकार (Types of Kumbh)
    कुंभ (Kumbh) : हर चार साल में होता है
    अर्ध कुंभ (Ardha Kumbh) : प्रयागराज और हरिद्वार में हर छह साल में होता है
    पूर्ण कुंभ (Purna Kumbh) : हर 12 साल में होता है
    महाकुंभ (Mahakumbh) : प्रयागराज में हर 144 साल में एक बार होता है

प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) अब समापन की ओर बढ़ रहा है. तीन अमृत और दो विशेष पर्व स्नान हो चुके हैं. सभी अखाड़े भी लौट चुके हैं. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2025) है. इस दिन अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela) संपन्न हो जाएगा. महाकुंभ के अंतिम स्नान से पूर्व प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. साधु-संतों के साथ ही अब श्रद्धालुगण भी अगले कुंभ की प्रतीक्षा करने लगे हैं. इस आलेख के माध्यम से जानते हैं कि अगला कुंभ (Mahakumbh 2025) कहां आयोजित होगा?

2027 में हरिद्वार में लगेगा अर्ध कुंभ (Haridwar Ardha kumbh 2027)

अगला कुंभ धर्मनगरी हरिद्वार में लगने वाला है. हालांकि यह कुंभ अर्द्धकुंभ होगा, जो 2027 में आयोजित होगा. प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगा चुके हैं. प्रयागराज महाकुंभ मेले की व्यवस्था को देखकर उत्तराखंड सरकार ने भी हरिद्वार में होने वाले 2027 के अर्धकुंभ की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. 6 साल बाद लगने वाले इस अर्ध कुंभ में भी करोड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. यह जानना जरूरी है कि वर्ष 2021 में कोरोना महामारी की वजह से हरिद्वार कुंभ का आयोजन केवल पंरपराओं तक सीमित रहा.

कुंभ और अर्ध कुंभ में अंतर (Kumbh and Ardha kumbh Differences)

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले कुंभ मेले का आयोजन 12 साल में हर 3 साल के अंतराल पर प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में क्रमश: होता है. हरिद्वार में गंगा तट पर, उज्जैन में शिप्रा नदी तट पर, नासिक में गोदावरी नदी तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर कुंभ मेले का अयोजन होता है. कुंभ प्रत्येक 12 वर्ष में 4 स्थानों पर होता है, जबकि अर्ध कुंभ प्रत्येक 6 वर्ष में 2 स्थानों पर (हरिद्वार और प्रयागराज) में होता है. हालांकि कुंभ मेला और अर्ध कुंभ मेला दोनों का स्वरूप बेहद अलग होता है. साधु संतों की पेशवाई, श्रद्धालुओं की भीड़, कुंभ में सबसे अधिक होती है। 6 साल में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले में वह भव्यता भले ही ना हो, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ अर्ध कुंभ मेले में भी अत्यधिक पहुंचती है.

2028 में उज्जैन में होगा कुंभ का आयोजन (Ujjain Kumbh 2028)

श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ के अनुसार, हरिद्वार में आयोजित होने वाले अर्ध कुंभ मेले के दौरान उज्जैन में कुंभ का आयोजन होता है, लेकिन 2027 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ (Haridwar Ardha kumbh 2027) और 2028 में उज्जैन में कुंभ (Ujjain Kumbh 2028) का आयोजन होगा. दोनों के बीच 1 साल का अंतर होगा. प्रयागराज महाकुंभ में अब सिर्फ 8 दिन बचे हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हो रही है. 37 दिनों में 54 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.


(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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