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जीवनः कभी टोक्यो, कभी पेरिस
जीवनः कभी टोक्यो, कभी पेरिस
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Published On: Saturday, August 10, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
आजकल यूट्यूब, शार्ट्स और रील का जमाना है। मोटिवेशन भी रेडीमेड अवेलेबल है। हर तरह का मोटिवेशन मिल रहा है, लेकिन ज्यादातर किताबी है। सुनने में अच्छा लगता है, लेकिन रियलिज्म से दूर होता है। इसी बीच आई है मोटिवेशन की एक शानदार कहानी खेल के मैदान से जो बताती है कि जीवन मेहनत के साथ किस्मत का भी खेल है, वह भी खासा रोचक। बात हो रही गुरुवार देर रात पेरिस ओलंपिक के भालाफेंक इवेंट की। भारत ही नहीं, दुनिया की निगाह में स्वर्ण पदक के दावेदार थे नीरज चोपड़ा और बाजी मार ले गए पाकिस्तान के अरशद नदीम। वही अरशद जिन्हें पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में नीरज ने दोस्त की तरह दिलासा दिया था, समझाया था, साथ बुलाया था। महज तीन साल बाद वही अरशद थे, वही नीरज, बस तस्वीर दूसरी थी। इस कहानी से बहुत कुछ सीखने लायक है।
Authored By: अनुराग श्रीवास्तव
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
टोक्यो में जब नीरज भालाफेंक इवेंट में उतरे थे तो उम्मीदें तो थीं, लेकिन सोना मिलेगा यह कम ही लोगों ने सोचा था। 87.58 मीटर तक भाला फेंक कर नीरज ने सोने पर ही निशाना नहीं लगाया था, अपने स्टारडम को भी जमीं से आकाश पर पहुंचा दिया था। क्रिकेट के लिए दीवाने रहने वाले देश में वह विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे सितारों की श्रेणी में आकर खड़े हो गए थे। एंडोर्समेंट मिलने लगे थे, टीवी पर इंटरव्यू होते थे। अखबारों में सुर्खियां। वही नीरज तीन साल बाद पेरिस ओलंपिक के भालाफेंक इवेंट में पहुंचे तो कंधे पर 140 करोड़ उम्मीदों का भारी बोझ भी था। हालांकि वह जिस जीवट के हैं, उसमें यह बोझ महसूस नहीं होता।
विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बनकर नीरज इसे साबित कर चुके हैं, किंतु पेरिस में कुछ तो मिसिंग था। टीवी स्क्रीन पर पहले अटेम्प्ट के लिए जब नीरज आए तो यह महसूस हुआ। थ्रो फाउल होते ही समझ आ गया कि रिद्म में कुछ मुश्किल है। तब तक अरशद 92.97 मीटर का थ्रो लगा चुके थे। भारतीयों के दिल में कहीं कुछ दरक सा चुका था। नीरज कभी 90 मीटर का आंकड़ा छू नहीं सके हैं, इस कारण स्वर्ण फिसलने की आशंका प्रबल होने लगी। खैर नीरज का दूसरा थ्रो आया, फाउल नहीं हुआ और भाला 89.45 मीटर दूर गिरा। अरशद के बाद सबसे दूर…लगा कि अब सब ठीक होगा, लेकिन न जी न। दिन नहीं था न नीरज का। कुल छह अटेम्प्ट मिलते हैं एक खिलाड़ी को फाइनल में। नीरज के दूसरे के अलावा बाकी अटेम्प्ट फाउल रहे। घोर निराशा जैसा माहौल, लेकिन साहब इसमें भी पाजिटिव है। एक ही मौका मिले तो इस प्रकार प्रदर्शन करो कि वह बाकी असफलताओं को ढक ले।
नीरज के दूसरे थ्रो ने भी यही किया। रजत पदक लेकर आया औऱ नीरज ओलंपिक के इतिहास में एक स्वर्ण और एक रजत जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। इतने खराब दिन में भी इतिहास बना। यानी स्थितियां विपरीत हों तो भी निराश नहीं होना चाहिए। बाद में नीरज ने साफ किया कि उनकी चोट परेशान कर रही थी। आपरेशन पेरिस ओलंपिक के कारण टाल दिया था।
अब यहां अगला मोटिवेशन है-समझदारी से फैसला लो। जब चोट में हरियाणवी छोरे ने चांदी कूट ली तो सोचिए फुल फिट होता तो। ओलंपिक चार साल में एक बार आने वाला विश्व का सबसे प्रतिष्ठित इवेंट है। दिन नीरज का नहीं था, लेकिन वह एक पल था जिसमें भाला 89.45 मीटर दूर गिरा। वही पल मायने रखता है। इसलिए एक-एक पल को तवज्जो दीजिए। नीरज ने मुकाबले के बाद कहा कि आज अरशद का दिन था…लेकिन हम तो कहेंगे कि नीरज का भी दिन था। दुनिया में कितने लोग ओलंपिक का फाइनल खेलने का मौका पाते हैं और फिर एक ही थ्रो में रजत पदक अपने नाम कर लेते हैं। सो मेहनत करते रहिए…काम जरूर आती है…बाकी नीरज तो अभी कई स्वर्ण लेकर आएंगे। बस उम्मीद बनाए रखिए…
पेरिस ओलंपिक 2024 पदक तालिका
Rank | Country | Total | |||
---|---|---|---|---|---|
1 | USA | 27 | 35 | 32 | 94 |
2 | CHN | 25 | 23 | 17 | 65 |
3 | AUS | 18 | 13 | 11 | 42 |
4 | FRA | 13 | 17 | 21 | 51 |
5 | GBR | 12 | 17 | 20 | 49 |
6 | KOR | 12 | 8 | 7 | 27 |
7 | JPN | 12 | 7 | 13 | 32 |
8 | NED | 10 | 5 | 6 | 21 |
9 | ITA | 9 | 10 | 9 | 28 |
10 | GER | 8 | 5 | 5 | 18 |
33 | IND | 0 | 0 | 3 | 3 |