Delhi High Court को मिले 6 नए जज, कॉलेजियम में भी हुआ बदलाव

Delhi High Court को मिले 6 नए जज, कॉलेजियम में भी हुआ बदलाव

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Monday, July 21, 2025

Last Updated On: Monday, July 21, 2025

Delhi High Court में 6 नए जजों की नियुक्ति और कॉलेजियम में बदलाव से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और सुधार की उम्मीद, जानिए इससे जुड़ी अहम जानकारी.
Delhi High Court में 6 नए जजों की नियुक्ति और कॉलेजियम में बदलाव से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और सुधार की उम्मीद, जानिए इससे जुड़ी अहम जानकारी.

Delhi High Court को छह नए जज मिले हैं, जिनमें वी. कामेश्वर राव, नितिन वासुदेव साम्ब्रे, विवेक चौधरी, अनिल क्षेत्रपाल, अरुण मोंगा और ओम प्रकाश शुक्ला शामिल हैं. मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने उन्हें शपथ दिलाई. इसके साथ ही हाई कोर्ट में जजों की संख्या अब 40 हो गई है.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Monday, July 21, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में न्यायपालिका के ढांचे को सशक्त करते हुए सोमवार को छह नए न्यायाधीशों ने पदभार संभाला. इनमें न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव, न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे, न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल, न्यायमूर्ति अरुण मोंगा और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला शामिल हैं. शपथ समारोह में दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने सभी नए जजों को शपथ दिलाई. इन सभी जजों का स्थानांतरण सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद हुआ है. 

इस नियुक्ति के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है, जबकि स्वीकृत पदों की कुल संख्या 60 है. ये सभी जज सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद अन्य हाई कोर्टों से दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित किए गए हैं.

Delhi High Court को 6 नए जज मिले

न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव का नाम सबसे खास है, जो मई 2024 में कर्नाटक हाई कोर्ट गए थे और अब अपने मूल कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट, में लौट आए हैं. उन्हें अप्रैल 2013 में दिल्ली हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज और मार्च 2015 में स्थायी जज बनाया गया था.

न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से आए हैं. उन्होंने 1988 में चंडीगढ़ में वकालत शुरू की थी और 2014 में सीनियर एडवोकेट बने. जुलाई 2017 में उन्हें अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था.

न्यायमूर्ति अरुण मोंगा राजस्थान हाई कोर्ट से स्थानांतरित हुए हैं. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली और 1991 में वकालत शुरू की. 199798 में दिल्ली आए और अक्टूबर 2018 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जज बने. नवंबर 2023 में उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट भेजा गया था.

न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला इलाहाबाद हाई कोर्ट से आए हैं. उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 2003 में यूपी बार काउंसिल में नामांकन कराया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद और दिल्ली हाई कोर्ट में कई तरह के मामलों में वकालत की. अगस्त 2022 में वे अतिरिक्त जज और मार्च 2024 में स्थायी जज बने.

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी भी इलाहाबाद हाई कोर्ट से आए हैं. उन्होंने 1988 में मेरठ यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली और उसी साल एडवोकेट के रूप में नामांकन कराया. फरवरी 2017 में वे अतिरिक्त जज और मार्च 2018 में स्थायी जज बने.

न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे बॉम्बे हाई कोर्ट से आए हैं. उन्होंने 1992 में नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली और उसी साल वकालत शुरू की. जनवरी 2014 में उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट का जज बनाया गया.

तीन सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन भी हुआ

इस फेरबदल के परिणामस्वरूप उच्च न्यायालय के तीन सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन भी हुआ है. अब तक उच्च न्यायालय कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय, न्यायमूर्ति बाखरू और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह शामिल थे. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह के बाद कॉलेजियम में अब मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय और न्यायमूर्ति राव तथा न्यायमूर्ति साम्ब्रे शामिल होंगे क्योंकि वे न्यायमूर्ति सिंह से वरिष्ठ हैं.

केंद्र सरकार ने 14 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर इन छह न्यायाधीशों को उनके संबंधित उच्च न्यायालयों से दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी की.

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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