आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब नहीं कर पाएंगे कहीं मेडिकल प्रैक्टिस, मेडिकल काउंसिल ने रद्द किया उनका लाइसेंस

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष अब नहीं कर पाएंगे कहीं मेडिकल प्रैक्टिस, मेडिकल काउंसिल ने रद्द किया उनका लाइसेंस

Authored By: सतीश झा

Published On: Thursday, September 19, 2024

Dr. Sandip Ghosh former principal of RG kar medical college
Dr. Sandip Ghosh former principal of RG kar medical college

आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह निर्णय उनके खिलाफ गंभीर आरोपों और अनियमितताओं के कारण लिया गया है, जिनकी जांच के बाद मेडिकल काउंसिल ने यह सख्त कदम उठाया।

Authored By: सतीश झा

Updated On: Wednesday, January 22, 2025

इस कार्रवाई के बाद डॉ. संदीप घोष (Dr. Sandeep Ghosh) अब चिकित्सा प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे, और उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह कदम मेडिकल क्षेत्र में अनुशासन और नैतिकता को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि चिकित्सा सेवाओं में किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जा सके। यह मामला चिकित्सा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है, और इससे अस्पताल प्रशासन और मेडिकल काउंसिल की सख्ती की एक मिसाल सामने आई है।

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने की यह कार्रवाई

पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (WBMC) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष (Dr. Sandeep Ghosh) का मेडिकल प्रैक्टिशनर पंजीकरण रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई डॉ. घोष की गिरफ्तारी के बाद की गई, जिन्हें आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार-हत्या मामले और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था। मेडिकल काउंसिल ने जारी नोटिस में कहा कि परिषद द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के जवाब में आपसे 13 दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी स्पष्टीकरण प्राप्त न होने के मद्देनजर, इस परिषद द्वारा अपनाई गई चिकित्सा आचार संहिता की धारा 37 (iii) के साथ पठित बंगाल चिकित्सा अधिनियम, 1914 (संशोधित) की धारा 25(ए)(ii) के तहत निहित प्रावधानों के अनुसार 19 सितंबर 2024 से आपका नाम इस परिषद द्वारा बनाए जा रहे पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के रजिस्टर से हटा दिया गया है।

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कार्रवाई से चिकित्सा जगत में हड़कंप

डॉ. संदीप घोष के खिलाफ इस सख्त कार्रवाई से चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है, और यह मामला अब कानून और चिकित्सा प्रशासन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। WBMC द्वारा उनके पंजीकरण को रद्द करना उनके करियर पर बड़ा प्रभाव डालेगा, और यह कार्रवाई चिकित्सा क्षेत्र में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2 सितंबर को आरजी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में डॉ. घोष को हिरासत में लिया था। इसके बाद, पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने 7 सितंबर को उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया और तीन दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा था कि उनका मेडिकल पंजीकरण रद्द क्यों न किया जाए।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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