ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड (Online Payment Fraud) से कैसे बच सकते हैं आप

ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड (Online Payment Fraud) से कैसे बच सकते हैं आप

Authored By: संतोष आनंद

Published On: Tuesday, June 4, 2024

Updated On: Saturday, April 26, 2025

online payment fraud

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग 300 प्रतिशत बढ़कर वित्तीय वर्ष (Financial Year) 2023-24 में 36,075 मामले हो गए हैं।

Authored By: संतोष आनंद

Updated On: Saturday, April 26, 2025

कोरोना काम के बाद भारत में ऑनलाइन पेमेंट काफी तेजी से पॉपुलर हुआ है। इसके साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड की घटना में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। हाल में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग 300 प्रतिशत बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 36,075 मामले हो गए हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के मामले 5 गुना बढ़े हैं। पिछले वित्त वर्ष में साइबर ठगों ने लोगों से 14.57 बिलियन यानी 1457 करोड़ रुपये की फ्रॉड की है। केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 24 में दर्ज किए गए धोखाधड़ी के 67 प्रतिशत मामले निजी क्षेत्र के बैंकों से थे, जबकि कुल फ्रॉड राशि का 75 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए थे। वित्तीय वर्ष 24 में निजी ऋणदाताओं द्वारा रिपोर्ट की गई फ्रॉड राशि का प्रतिशत 22.8 प्रतिशत था।

1457 करोड़ रुपये की ठगी

वार्षिक रिपोर्ट में पिछले दो वर्षों में ऑनलाइन फ्रॉड या धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) या कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी की संख्या में वृद्धि के साथ मेल खाती है। दो वर्षों में जालसाजों द्वारा ऑनलाइन ठगे गए पैसे की राशि 145 प्रतिशत बढ़कर 1457 करोड़ रुपये हो गई है।

ऑनलाइन पेमेंट में फ्रॉड से कैसे बचें

एसएमएस (SMS) और ईमेल (E-mail) अलर्ट के लिए रजिस्टर करें: अपने अकाउंट के साथ एसएमएस और ईमेल अलर्ट सेट करें। इससे आपको हर ट्रांजैक्शन की जानकारी मिल सकेगी। अगर आपकी जानकारी के बगैर किसी ने ट्रांजैक्शन किया है तो उसकी जानकारी भी आपको मिल जाएगी। ऐसा होने पर बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें। अगर बिना वजह के अचानक फोन बंद हो जाए तो अपने मोबाइल ऑपरेटर से बात करें। हो सकता है कि किसी ने आपके नाम से डुप्लिकेट सिम हासिल कर लिया हो और आपका सिम बंद कर दिया गया हो।

डिटेल्स शेयर न करें (Don’t Share Details to Anyone): अपना नेट बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम या फोन पिन किसी के भी साथ शेयर न करें। आपको पता होना चाहिए कि बैंक या क्रेडिट कार्ड से जुड़े किसी भी अधिकारी को कार्ड की डिटेल्स जानने का हक नहीं है।

सीवीवी छुपाएं: किसी साइट पर सीवीवी डालते समय ध्यान रखें कि स्क्रीन पर नंबर नजर न आएं, सिर्फ स्टार ही दिखें। खासकर विदेशी साइट्स पर पेमेंट करते हुए इस बात का जरूर ध्यान रखें, क्योंकि वहां वेरिफिकेशन और अप्रूवल के लिए सीवीवी ही अकेला जरिया होता है। वेबसाइट पर पेमेंट करते हुए वर्चुअल कीबोर्ड यूज करें और एटीएम यूज करते हुए कीपैड को हाथ से ढक कर रखें।

साइट्स पर डिटेल्स सेव न करें: किसी भी शॉपिंग साइट जैसे कि अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ सर्वर, मोबाइल या डेस्कटॉप पर क्रेडिट कार्ड्स की डिटेल्स सेव न करें।

अगर हो जाए ठगी

जैसे ही आपको पता लगे कि आपके साथ चीटिंग हुई है, बैंक को कॉल कर कार्ड बंद करवा दें। फिर लिखित शिकायत करें। बैंक को 30 दिन के अंदर आपको जवाब देना चाहिए। आप चाहें, तो आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर मसला सॉल्व न हो तो डिस्ट्रिक्ट कंस्यूमर रिड्रेसल फोरम और फिर कोर्ट में शिकायत करें।

तकनीकी क्षेत्र में 15 वर्षों के अनुभव के साथ, संतोष आनंद कंप्यूटर, नेटवर्किंग, और सॉफ्टवेयर जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। नवीनतम तकनीकी प्रगतियों से हमेशा अपडेट रहते हुए, उन्होंने अपनी लेखनी से हजारों पाठकों के लिए तकनीकी समस्याओं के प्रभावी समाधान प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, मोबाइल फोन, और बॉलीवुड एवं एंटरटेनमेंट जैसे विविध विषयों पर भी लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी तकनीकी विषयों को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आसानी से समझने और उनके उपयोग में मदद करती है।
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