Sarvam AI बनाएगा भारत का पहला अपना ChatGPT, जो समझने और बोलने में भी माहिर होगा
Sarvam AI बनाएगा भारत का पहला अपना ChatGPT, जो समझने और बोलने में भी माहिर होगा
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Saturday, April 26, 2025
Updated On: Saturday, April 26, 2025
भारत अब अपना खुद का ChatGPT जैसा AI बना रहा है, जो हमारी भाषा, हमारी जरूरत और हमारे देश के हिसाब से होगा। इसका फायदा हर आम आदमी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को मिलेगा।
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Saturday, April 26, 2025
भारत सरकार पिछले कुछ समय से अपने खुद के बड़े एआई मॉडल (LLM) बनाने की बात कर रही थी। इसी साल की शुरुआत में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत 10 महीनों में ऐसा एआई मॉडल तैयार कर लेगा, जो ChatGPT और DeepSeek जैसे बड़े नामों को टक्कर देगा। इसके बाद फरवरी में पेरिस एआई समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि भारत अपना खुद का LLM बना रहा है। अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने इंडिया एआई मिशन के तहत Sarvam कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
Sarvam को पहली बार खासतौर पर अपने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर एक नया एआई मॉडल बनाने के लिए कंप्यूटर और तकनीक दी जा रही है। यह मॉडल समझदारी से जवाब देगा, आवाज के जरिए काम करेगा, भारतीय भाषाओं में बात करेगा और देशभर में बड़ी तादाद में सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा।
सरकार ने कहा है कि यह मॉडल पूरी तरह भारत में बनेगा, भारतीय तकनीक से तैयार होगा और भारतीय युवाओं द्वारा बनाया जाएगा। इसका मकसद है कि हम एआई के मामले में आत्मनिर्भर बनें, नई तकनीकें खुद विकसित करें और दुनिया में एआई के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाएं।
Sarvam के तीन मॉडल
Sarvam भारतीय एआई कंपनी है, जिसका मकसद है भारत के लिए अपना एआई बनाना और जनरेटिव एआई को आम लोगों तक पहुंचाना। कंपनी ने पहले भी भारतीय भाषाओं के लिए शानदार मॉडल बनाए हैं। घोषणा के समय अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें भरोसा है कि Sarvam के मॉडल दुनिया के टॉप मॉडल्स से मुकाबला कर सकेंगे। Sarvam के को-फाउंडर डॉ. प्रत्युष कुमार ने कहा कि भारत के लिए एआई बनाना हमेशा से हमारा सपना रहा है। सरकार का साथ पाकर हम बहुत आभारी हैं।
उन्होंने बताया कि कंपनी तीन तरह के मॉडल बना रही है:
- Sarvam-Large: जो गहरे सवाल-जवाब और कंटेंट जनरेशन के लिए होगा।
- Sarvam-Small: जो फटाफट बातचीत और इंटरैक्शन के लिए होगा।
- Sarvam-Edge: जो मोबाइल या छोटे डिवाइसों पर काम करने के लिए हल्का और तेज होगा।
Sarvam के एक और को-फाउंडर डॉ. विवेक राघवन ने कहा कि हम पर जो भरोसा किया गया है, हम उसके लिए तैयार हैं। हम एक ऐसा एआई बनाना चाहते हैं, जो हर भारतीय के लिए जाना-पहचाना और भरोसेमंद हो। कंपनियों के लिए भी ये फायदेमंद होगा, क्योंकि उन्हें अपना डाटा देश के बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Sarvam इस काम के लिए IIT मद्रास के AI4Bharat के साथ भी मिलकर काम कर रहा है, जो भारतीय भाषाओं में एआई पर शानदार रिसर्च कर रहा है।
Sarvam AI क्या करने जा रही है?
Sarvam AI को सरकार से खास कंप्यूटर सिस्टम और जरूरी संसाधन दिए जाएंगे ताकि वह एकदम शुरू से अपना खुद का मॉडल बना सके। ये मॉडल पूरी तरह से भारत में बनेगा, चलेगा और सुधारा जाएगा।
ये मॉडल खासतौर पर इन बातों पर ध्यान देगा:
- रीजनिंग (सोचने-समझने की क्षमता)अच्छी होगी।
- आवाज (Voice) से बात करने में माहिर होगा।
- भारतीय भाषाओं में अच्छे से काम करेगा।
- देश के सुरक्षित डाटा नियमों का पूरा पालन करेगा।
मतलब साफ है कि यह मॉडल ऐसा बनेगा जो हमारी भाषा, हमारी जरूरत और हमारे देश के लोगों के हिसाब से होगा।
आसान शब्दों में कहें, तो भारत अब अपना खुद का ChatGPT जैसा AI बना रहा है, जो हमारी भाषा, हमारी जरूरत और हमारे देश के हिसाब से होगा। इसका फायदा हर आम आदमी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को मिलेगा। और सबसे बड़ी बात हमारा डाटा देश के अंदर ही सुरक्षित रहेगा।
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