स्पेशल कैरेक्टर वाले UPI आईडी 1 फरवरी से होंगे ब्लॉक, जानें बचने का तरीका

स्पेशल कैरेक्टर वाले UPI आईडी 1 फरवरी से होंगे ब्लॉक, जानें बचने का तरीका

Authored By: संतोष आनंद

Published On: Friday, January 31, 2025

Updated On: Friday, January 31, 2025

UPI IDs With Special Characters Will Be Blocked From February 1

UPI ट्रांजैक्शन आईडी में किसी भी प्रकार के स्पेशल कैरेक्टर्स की अनुमति नहीं होगी। यदि किसी ट्रांजैक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर होंगे, तो उसे सेंट्रल सिस्टम द्वारा डिक्लाइन कर दिया जाएगा। यह नियम 1 फरवरी, 2025 से प्रभावी होगा।

Authored By: संतोष आनंद

Updated On: Friday, January 31, 2025

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और ये 1 फरवरी, 2025 से लागू होंगे। इस नए नियम के अनुसार, यदि किसी UPI आईडी में #, @, $ या * जैसे स्पेशल कैरेक्टर्स हैं, तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि जिन यूजर्स ने इन स्पेशल कैरेक्टर्स की मदद से यूपीआई आईडी बनाई है, उन्हें अब अपडेट करना होगा। NPCI ने 9 जनवरी को जारी एक परिपत्र में यह निर्देश दिया था कि UPI सिस्टम में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर (अक्षर A-Z और संख्याएं 0-9) का उपयोग किया जाए। यह बदलाव UPI टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस का पालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

NPCI का क्या है निर्देश

NPCI का निर्देश है कि UPI ट्रांजैक्शन आईडी के लिए स्पेसिफिकेशंस के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि UPI ट्रांजैक्शन आईडी में किसी भी प्रकार के स्पेशल कैरेक्टर्स की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि किसी ट्रांजैक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर होंगे, तो उसे सेंट्रल सिस्टम द्वारा डिक्लाइन कर दिया जाएगा। यह नियम 1 फरवरी, 2025 से प्रभावी होगा।

सभी UPI भागीदारों, जिनमें बैंक, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) और थर्ड-पार्टी ऐप्स शामिल हैं, को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सिस्टम निर्धारित प्रारूप (Prescribed Format) का पालन करें। Payment Failures को रोकने के लिए सभी संस्थाओं को लागू होने की तारीख से पहले ट्रांजैक्शन आईडी से Special Characters को हटाना आवश्यक होगा।

क्या होते हैं स्पेशल कैरेक्टर्स

स्पेशल कैरेक्टर वे होते हैं जो A-Z के मानक 26 कैरेक्टर या 0-9 अंकों का हिस्सा नहीं होते। इनमें विराम चिह्न (punctuation marks), उच्चारण चिह्न (accent marks) और अन्य प्रतीक (symbols) शामिल होते हैं।

भारत में डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी

  • भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में UPI की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। RBI की पेमेंट सिस्टम रिपोर्ट (Payment System Report) के अनुसार, 2019 में UPI का डिजिटल भुगतान में 34% योगदान था, जो 2024 में बढ़कर 83% हो गया है।
  • पिछले पांच वर्षों में UPI की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 74% रही है। वहीं, RTGS, NEFT, IMPS, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसे अन्य भुगतान सिस्टम की हिस्सेदारी इसी अवधि में 66% से घटकर 17% रह गई है।
  • मैक्रो लेवल पर देखें, तो UPI लेन-देन की संख्या 2018 में 375 करोड़ थी, जो 2024 में बढ़कर 17,221 करोड़ हो गई है। वहीं UPI लेन-देन का कुल मूल्य 2018 में ₹5.86 लाख करोड़ था, जो 2024 में बढ़कर ₹246.83 लाख करोड़ हो गया है।
  • बता दें कि UPI का उपयोग Daily Transactions में लगातार बढ़ रहा है। दिसंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, UPI लेन-देन 16.73 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो नवंबर की तुलना में 8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

UPI लेन-देन प्रभावित होने से कैसे बचा सकते हैं?

  • अपडेट की जांच करें: यह सुनिश्चित करें कि आपका UPI ऐप लेटेस्ट वर्जन के साथ अपडेट किया गया है, क्योंकि अपडेट में आमतौर पर नए नियमों का अनुपालन और सिक्योरिटी में सुधार किया जाता है। ऐप की सेटिंग्स या घोषणाओं को नियमित रूप से जांचें, ताकि NPCI के नए नियमों से संबंधित कोई भी सूचना आपको मिल सके।
  • कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें: यदि आपको अपने UPI ऐप की Compliance Status को लेकर संदेह है, तो उसके कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें। वे आपको यह पुष्टि करने में मदद करेंगे कि ऐप लेन-देन (Transactions) को सही तरीके से प्रोसेस कर सकता है या नहीं।
  • विश्वसनीय UPI ऐप्स का उपयोग करें: केवल भरोसेमंद सोर्स जैसे कि Google Play Store या Apple App Store से ही UPI ऐप डाउनलोड करें। खासकर ऐसे थर्ड-पार्टी ऐप्स से बचें जो NPCI दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर सकते हैं।
तकनीकी क्षेत्र में 15 वर्षों के अनुभव के साथ, संतोष आनंद कंप्यूटर, नेटवर्किंग, और सॉफ्टवेयर जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। नवीनतम तकनीकी प्रगतियों से हमेशा अपडेट रहते हुए, उन्होंने अपनी लेखनी से हजारों पाठकों के लिए तकनीकी समस्याओं के प्रभावी समाधान प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, मोबाइल फोन, और बॉलीवुड एवं एंटरटेनमेंट जैसे विविध विषयों पर भी लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी तकनीकी विषयों को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत करती है, जो पाठकों को आसानी से समझने और उनके उपयोग में मदद करती है।
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