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WhatsApp Hack Alert: बिना किसी लिंक पर क्लिक किए फोन हो सकता है हैक
WhatsApp Hack Alert: बिना किसी लिंक पर क्लिक किए फोन हो सकता है हैक
Authored By: संतोष आनंद
Published On: Friday, February 7, 2025
Updated On: Friday, February 7, 2025
WhatsApp ने अपने यूजर्स को आश्वस्त किया है कि वह उनकी गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. इस मामले की जांच जारी है.
Authored By: संतोष आनंद
Updated On: Friday, February 7, 2025
हाल ही में WhatsApp ने सिक्योरिटी खतरे का खुलासा किया है, जिसमें इजराइली स्पाइवेयर कंपनी Paragon Solutions द्वारा डेवलप एडवांस्ड हैकिंग टूल का इस्तेमाल किया गया. इस हमले में लगभग 100 लोगों को निशाना बनाया गया, जिनमें पत्रकार और सिविल सोसाइटी के सदस्य भी शामिल थे. आमतौर पर यह स्पाइवेयर सरकारों को अपराध रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बेचा जाता है, लेकिन इसके जरिए पर्सनल प्राइवेसी पर भी खतरा मंडरा रहा है.
जीरो-क्लिक हैक क्या है?
Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इसमें जीरो-क्लिक एक्सप्लॉइट का इस्तेमाल किया गया यानी पीड़ितों को किसी भी संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक करने की जरूरत नहीं पड़ी. Paragon के इस स्पाइवेयर ने बिना किसी यूजर इंटरैक्शन के उनके फोन को हैक कर लिया. एक बार डिवाइस में एंटर करने के बाद यह हैकर्स को पूरे फोन का एक्सेस दे देता है, जिसमें एन्क्रिप्टेड मैसेज भी शामिल होते हैं. इससे पर्सनल और पेशेवर सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है.
WhatsApp अधिकारियों ने इस डाटा ब्रीच की पुष्टि की है, जो पहली बार दिसंबर में सामने आई थी. बताया गया है कि लगभग 90 लोगों को निशाना बनाया गया, जिनमें से कई यूरोप में स्थित हाई-प्रोफाइल शख्सियतें थीं. हालांकि प्रभावित व्यक्तियों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है.
WhatsApp की जांच प्रक्रिया
WhatsApp ने तुरंत इस हैकिंग हमले को रोकने के लिए हस्तक्षेप किया और प्रभावित यूजर्स की सुरक्षा के लिए कदम उठाए. कंपनी ने इस मामले को कनाडा स्थित इंटरनेट वॉचडॉग ग्रुप Citizen Lab को सौंपा है, जो स्पाइवेयर हमलों पर शोध करता है। हालांकि WhatsApp ने Paragon Solutions को इस हमले के पीछे कैसे पहचाना, इसका खुलासा नहीं किया, लेकिन यह बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां और उद्योग से जुड़े अन्य विशेषज्ञ जांच में शामिल हैं.
इसके अलावा, WhatsApp ने Paragon Solutions को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें इस साइबर हमले की गंभीरता को बताते हुए कंपनी को तुरंत अपनी गतिविधियां रोकने के लिए कहा गया है. WhatsApp प्रवक्ता के मुताबिक, हम लोगों की प्राइवेसी की रक्षा करना जारी रखेंगे.
स्पाइवेयर उद्योग की चिंताएं
Paragon के इस स्पाइवेयर का खुलासा होने से मर्कनेरी स्पाइवेयर (Mercenary Spyware) के बढ़ते खतरे को लेकर नई बहस छिड़ गई है. यह एक ऐसा उद्योग बनता जा रहा है, जो सरकारों और अन्य शक्तिशाली संस्थाओं को प्राइवेसी मॉनिटरिंग टूल उपलब्ध कराता है। Citizen Lab के शोधकर्ता John Scott-Railton ने रॉयटर्स को बताया कि यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि मर्कनेरी स्पाइवेयर लगातार फैल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि स्पाइवेयर हमलों में अक्सर इन्हीं पैटर्न का पालन किया जाता है, जहां सरकारें और अन्य संस्थाएं पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि को निशाना बनाती हैं.
Paragon का टिप्पणी से इनकार
स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी Paragon Solutions ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हाल ही में यह कंपनी AE Industrial Partners द्वारा अधिग्रहित की गई थी और यह दावा करती है कि उसके टूल केवल गंभीर अपराधों से निपटने के लिए विकसित किए गए हैं. हालांकि इसके स्पाइवेयर के इस्तेमाल को लेकर सामने आए खुलासों ने कंपनी की नैतिकता और उद्देश्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. WhatsApp ने अपने यूजर्स को आश्वस्त किया है कि वह उनकी गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। इस मामले की जांच जारी है और इसने स्पाइवेयर कंपनियों और सरकारों द्वारा उपयोग की जा रही तकनीकों पर नई बहस छेड़ दी है.