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दिल्ली में आज 28 जून का मौसम:बारिश की दस्तक या उमस का प्रहार? जानिए क्या होगा, राहत की फुहार या सांसों पर वार
दिल्ली में आज 28 जून का मौसम:बारिश की दस्तक या उमस का प्रहार? जानिए क्या होगा, राहत की फुहार या सांसों पर वार
Authored By: Nishant Singh
Published On: Friday, June 27, 2025
Last Updated On: Friday, June 27, 2025
दिल्ली में 28 जून 2025 का मौसम मानो एक रोमांचक सीरियल बनने वाला है, हर एपिसोड में उम्मीदें होंगी, लेकिन क्लाइमेक्स थोड़ा इंतजार कराएगा! पूरे दिन उमस का दंगल जारी रहेगा, तापमान 37°C तक पहुंच सकता है और AQI 92 से 122 के बीच झूलता नजर आएगा. यानी, सुबह थोड़ा “संतोषजनक” माहौल होगा, लेकिन दोपहर तक हवा में फिर ज़हर घुल सकता है. बादल तो छाए रहेंगे, लेकिन फुहारें शायद नजर न आएं. मानो बादल भी ‘जलवायु बदलाव’ के मूड में हों. बारिश की हल्की-फुल्की उम्मीद जरूर जताई जा रही है, लेकिन जब तक वो हकीकत नहीं बनती, मास्क और छाता दोनों साथ रखना समझदारी होगी. क्योंकि दिल्ली में न सिर्फ पसीने से भीगना तय रहेगा, बल्कि सांस लेना भी एक चुनौती बनने वाला है!
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Friday, June 27, 2025
दिल्ली में आज 28 जून 2025 को मौसम अपनी रंगीला दृश्य पेश कर रहा है – मानो मानसून आके सिर्फ ‘हाईलाइट’ देखने आया हो, मगर असल ड्रामा अभी बाकी है! सुबह से ही आसमान में बादलों की चादर बिछी हुई है, जैसे किसी ने ठान रखा हो कि तहलका मचा कर दिखाएगा, लेकिन फिर भी बारिश ने कदम जमाने से इनकार कर रखा है. तापमान भी 37 °C को पार कर गया है और उमस 80% के आसपास बनी हुई है – यानी घर से बाहर निकलते ही आपको धूप और घनघोर भीगाव का मुफ्त में न्योता मिलेगा.
लेकिन, दिल्लीवासियों के लिए अब थोड़ी-सी उम्मीद की किरण भी नजर आ रही है: मौसम विभाग की मानें तो दोपहर से हल्की तड़क-भड़क के साथ बारिश का सफर शुरू हो सकता है. हालांकि बीते दिनों कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया, पर 28 जून से दिल्ली में तेज बारिश की संभावनाएं बलवती हो गई हैं. इस बारिश से उमस और गर्मी का पारा थोड़ा नीचे झुक सकता है और लोग थोड़ी राहत की सांस ले पाएंगे. ऐसे में कुछ छाता-पानी ले लेना समझदारी होगी… आखिर मानसून का ड्रामा शुरू होने वाला है!
दिल्ली मौसम और वायु गुणवत्ता आंकड़े – 28 जून 2025
मापदंड | विवरण |
---|---|
अधिकतम तापमान | 37°C |
न्यूनतम तापमान | 28°C |
हवा की गति | 50-60 किमी/घंटा (28 June को 50-60 किमी/घंटा अनुमानित) |
वर्षा | अनुमानित |
बादल | नहीं |
आर्द्रता (Humidity) | 90% |
AQI स्तर | 92 |
प्रमुख प्रदूषक तत्व | पीएम2.5, पीएम10, NO₂, ओज़ोन |
दिल्ली मौसम और वायु गुणवत्ता आंकड़े – 28 जून 2025
दिल्ली में जून का महीना जैसे किसी अधूरी कहानी की तरह बीत रहा है- जहां हर सुबह उम्मीदों के बादल उमड़ते हैं, लेकिन दोपहर तक वो सिर्फ धूप में घुलकर गायब हो जाते हैं. सुबह-सुबह ठंडी हवा का झोंका चेहरे पर उम्मीद जगाता है कि शायद आज पानी बरसे, लेकिन दोपहर तक वही चिपचिपी उमस लोगों का पसीना निकाल देती है. बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक, सबकी निगाहें आसमान पर टिकी हैं, मानो बादलों से सवाल कर रहे हों- “कब बरसोगे?” मौसम वैज्ञानिक भी मानते हैं कि इस बार मानसून की चाल धीमी है, लेकिन जैसे ही वो रफ्तार पकड़ेगा, दिल्ली भी भीग उठेगी. तब तक लोग सिर्फ मौसम के मिजाज से जूझने को मजबूर हैं.
कब बरसेगा दिल्ली पर बादलों का करम?
दिल्लीवालों की निगाहें आसमान पर टिकी हैं, लेकिन हर दिन सिर्फ उम्मीदों की रिमझिम होती है, बारिश की नहीं. मौसम विभाग ने हल्की बारिश की बात कही, पर नज़ारा वही रहा—सूखा आसमान और पसीने से भीगी ज़मीन. प्री-मानसून की बारिश तक का न आना, जैसे मौसम ने मस्ती की जगह सज़ा दे दी हो! लू कुछ हद तक थमी है, लेकिन उमस ने जैसे दिल्ली को जकड़ लिया है. विशेषज्ञ बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी और मध्य भारत में बने मौसमी सिस्टम दिल्ली तक सही समय पर नहीं पहुंच पा रहे. मानसूनी हवाएं ज़रूर तैयार हैं, लेकिन अरावली की पहाड़ियों ने उन्हें जैसे ‘नो एंट्री’ का बोर्ड दिखा दिया है. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून अब दो से तीन दिन और लेट हो सकता है, यानी रविवार तक राहत की फुहारें दिल्ली को भिगो सकती हैं. तब तक, इंतज़ार ही सही साथी है.
पिछले 10 दिनों में नई दिल्ली में मौसम का मिज़ाज
दिनांक | Min-Max Temp (°C) |
---|---|
June 28, 2025 | 28 – 37 |
June 27, 2025 | 28 – 34 |
June 26, 2025 | 28 – 36 |
June 25, 2025 | 26-28 – 34-36 |
June 24, 2025 | 25 – 34 |
June 23, 2025 | 29 – 36 |
June 22, 2025 | 25 – 34 |
June 21, 2025 | 28 – 37 |
June 20, 2025 | 26 – 35 |
June 19, 2025 | 23 – 34 |
उमस के साथ प्रदूषण की मार – सांस लेना भी बना चुनौती
गर्मी और उमस से जूझती दिल्ली अब वायु प्रदूषण की चपेट में भी आ चुकी है. आज राजधानी का AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया है, जो सीधे “खराब” श्रेणी में आता है. इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ता है जो पहले से सांस संबंधी बीमारियों, एलर्जी या दिल की समस्या से जूझ रहे हैं. सुबह की सैर हो या शाम की वॉक – हर सांस के साथ प्रदूषित कण फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं. खुले में समय बिताना अब ताजगी देने के बजाय परेशानी बढ़ा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक तेज बारिश नहीं होती, तब तक हवा में घुली धूल, धुएं और प्रदूषक तत्व नीचे नहीं बैठते. ऐसे में जरूरी है कि लोग मास्क पहनें, घर में एयर प्योरीफायर का इस्तेमाल करें और बाहर निकलने से पहले AQI की जांच जरूर करें. दिल्ली को अब सिर्फ बारिश ही राहत दिला सकती है.
AQI श्रेणियां और उनके प्रभाव
AQI रेंज | श्रेणी | स्वास्थ्य प्रभाव |
---|---|---|
0 – 50 | अच्छा | स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं |
51 – 100 | संतोषजनक | सामान्य लोग प्रभावित नहीं होते |
101 – 200 | मध्यम | संवेदनशील समूहों को असर हो सकता है |
201 – 300 | खराब | श्वसन समस्याओं वाले लोग प्रभावित हो सकते हैं |
301 – 400 | बहुत खराब | गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं |
401 – 500 | गंभीर | सभी के लिए अत्यधिक खतरनाक |
दिल्ली की ज़हरीली हवा: जानिए वो कारण जो बना रहे हैं सांस को भी बोझ
- दिल्ली की हवा हर साल एक जैसे दर्द से गुजरती है – और ये अब सिर्फ मौसम की मार नहीं, बल्कि इंसानी लापरवाही का नतीजा है. जैसे-जैसे शहर फैला, वैसे-वैसे सांस लेने की जगह सिकुड़ती चली गई. गाड़ियों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि हर सिग्नल पर खड़ा होना अब एक गैस चैंबर में खड़े होने जैसा लगता है. ऊपर से हर जगह चल रहे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स, जिनसे उड़ती धूल ने वातावरण को और जहरीला बना दिया है.
पेड़ कट रहे हैं, और हरियाली घट रही है – ऐसे में हवा को शुद्ध करने वाला प्राकृतिक फिल्टर ही खत्म हो रहा है. गर्मियों में सूरज की तपिश और हवा में मौजूद नमी मिलकर प्रदूषकों को लंबे समय तक तैरने देती है, जिससे सांस लेना और मुश्किल हो जाता है.
मुख्य कारणों की एक झलक:
गाड़ियों से निकलने वाला धुआं - कंस्ट्रक्शन साइट्स से धूल
- खुले में कचरा जलाना
- फैक्ट्रियों की हानिकारक गैसें
- हरियाली में भारी कमी
- उमस और गर्मी का रासायनिक प्रभाव