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श्रीलंका की कमान अनुरा कुमार दिसानायके के हाथ, कैसा होगा भारत से संबंध
श्रीलंका की कमान अनुरा कुमार दिसानायके के हाथ, कैसा होगा भारत से संबंध
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, September 23, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
अनुरा कुमार दिसानायके (Anura Kumar Dissanayake) का श्रीलंका की कमान संभालना भारत-श्रीलंका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। अनुरा कुमार दिसानायके, जो जनजाति समाजवादी पार्टी (JVP) के नेता हैं, श्रीलंका की राजनीति में एक प्रमुख वामपंथी चेहरा हैं और उनका आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण मुख्य रूप से जन-हितैषी सुधारों पर केंद्रित रहा है। उनकी नीतियां पारंपरिक रूप से गरीब वर्गों और श्रमिकों के समर्थन में रही हैं, और उनके नेतृत्व में श्रीलंका के आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर नए आयाम दिख सकते हैं।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
अनुरा कुमार दिसानायके का नेतृत्व श्रीलंका में एक नए युग की शुरुआत हो सकता है, जहां आर्थिक सुधारों और सामाजिक समावेश पर जोर दिया जाएगा। भारत-श्रीलंका संबंधों में यह नेतृत्व संभावित रूप से स्थिरता और सहयोग की ओर अग्रसर हो सकता है, लेकिन यह भी निर्भर करेगा कि श्रीलंका किस तरह से अपनी आंतरिक चुनौतियों को संभालता है और बाहरी कूटनीतिक रिश्तों में संतुलन बनाए रखता है।
नौंवे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली अनुरा कुमार दिसानायके
राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले नेशनल पीपुल्स पावर के नेता अनुरा कुमार दिसानायके (Anura Kumar Dissanayake) ने श्रीलंका की बागडोर संभाल ली। उन्होंने राष्ट्रपति सचिवालय में श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। 56 वर्षीय दिसानायके के निर्वाचित होने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स हैंडल पर उन्हें बधाई दी।
#श्रीलंका– वामपंथी नेता #अनुरा_कुमारा_दिसानायके ने आज देश के 9वें #राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति दिसानायके ने कहा कि वह सभी लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए देश को विकास की… pic.twitter.com/shIA5eGhxJ
— Galgotias Times (@galgotiastimes) September 23, 2024
पीएम मोदी (PM Modi) ने दी है बधाई
श्रीलंका के समाचार पत्र डेली न्यूज के अनुसार, भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ’’ अनुरा कुमार दिसानायके आपको श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई। भारत की पड़ोस प्रथम नीति और विजन सागर में श्रीलंका का विशेष स्थान है। मैं अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए सहयोग को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं।’’
डेली न्यूज के अनुसार, कल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद दिसानायके ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि चुनाव के बाद हिंसा बहुत कम हुई है। अब चुनाव कराने के तरीके में बदलाव की जरूरत है। जीत का जश्न मनाने के तरीके में भी बदलाव होना चाहिए। उन्होंने कल रात चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा के बाद अपने प्रतिद्वंद्वियों की मौजूदगी में लोगों को संबोधित किया। दिसानायके ने कहा कि जीत का जश्न मनाने की संस्कृति जो हारने वाले के मन में डर पैदा करती है, उसे खत्म किया जाना चाहिए।
भारत-श्रीलंका संबंध पर प्रभाव
आर्थिक सहयोग: श्रीलंका की अर्थव्यवस्था लंबे समय से संकट में है, और भारत ने इसे स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिसानायके की नीतियां वामपंथी झुकाव के बावजूद आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं। भारत के साथ व्यापार, निवेश, और विकास परियोजनाओं में साझेदारी जारी रहने की उम्मीद है, विशेषकर बुनियादी ढांचे और ऊर्जा क्षेत्रों में।
राजनीतिक दृष्टिकोण: दिसानायके की नीतियों में स्वतंत्रता और तटस्थता पर जोर हो सकता है। श्रीलंका ने हाल के वर्षों में चीन के साथ अपने संबंध मजबूत किए हैं, लेकिन भारत की सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए उनके नेतृत्व में संतुलन साधने की कोशिश की जा सकती है। दिसानायके भारत के साथ मित्रवत संबंध बनाए रखना चाहेंगे, खासकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक संबंध काफी गहरे हैं।
तमिल मुद्दा: तमिल समुदाय के अधिकारों और समावेश पर भारत का विशेष ध्यान रहा है। दिसानायके के नेतृत्व में श्रीलंका में इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार हो सकता है। उनकी वामपंथी पृष्ठभूमि के कारण वे तमिल अल्पसंख्यकों के लिए न्याय और समानता की आवाज उठा सकते हैं, जो भारत-श्रीलंका संबंधों को सकारात्मक दिशा में प्रभावित कर सकता है।
चीन के साथ संबंध: श्रीलंका ने बीते कुछ वर्षों में चीन के साथ बड़े आर्थिक समझौते किए हैं, खासकर हंबनटोटा बंदरगाह जैसी परियोजनाओं के संदर्भ में। दिसानायके के नेतृत्व में चीन से संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश की जा सकती है, ताकि श्रीलंका की आर्थिक मजबूती कायम रहे, लेकिन इसके साथ ही भारत के साथ भी सामरिक और रणनीतिक हितों को ध्यान में रखा जाएगा।
सबको साथ लेकर चलने की बात
वे देश के हित के लिए अन्य दलों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। बेहतर राजनीतिक संस्कृति बनाने की जिम्मेदारी सभी की है। उन्होंने कहा कि देश आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में अस्थिरता का सामना कर रहा है। हम सबको इस दिशा में काम करना होगा।
10 प्रतिशत मतों के अंतर से विजयी
निर्वाचन आयोग (Election Commission) के अनुसार दिसानायके अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा से लगभग 10 प्रतिशत मतों के अंतर से विजयी हुए। उन्होंने ने 22 जिलों में से 14 जिलों में जीत हासिल की। इस बार चुनाव में 38 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। मगर मुख्य मुकाबला तत्कालीन राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा और वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच माना जा रहा था।
(हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)