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क्या है हिन्दूफोबिया विधेयक, अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में लाया गया विशेष विधेयक
क्या है हिन्दूफोबिया विधेयक, अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में लाया गया विशेष विधेयक
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, April 13, 2025
Updated On: Sunday, April 13, 2025
अमेरिका में अब हिन्दू समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है. जॉर्जिया राज्य में 'हिन्दूफोबिया' (Hinduphobia in anti-discrimination laws) के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया है, जो अमेरिका के किसी भी राज्य में पहली बार इस प्रकार का कदम माना जा रहा है.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, April 13, 2025
Georgia Hinduphobia bill 2025 : इस विधेयक का उद्देश्य उन गतिविधियों और भाषणों पर रोक लगाना है, जो हिन्दू धर्म या हिन्दू पहचान के खिलाफ घृणा, हिंसा या भेदभाव को बढ़ावा देते हैं. इसे ‘हेट क्राइम’ के दायरे में लाया जाएगा. अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में हिन्दूफोबिया (Hinduphobia in anti-discrimination laws) के खिलाफ कानून बनाने की दिशा में राज्य की सीनेट में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों दलों ने इस विधेयक को समर्थन दिया है. जॉर्जिया की प्रांतीय सीनेट में हिन्दूफोबिया (Hinduphobia in anti-discrimination laws) के खिलाफ कार्रवाई के उद्देश्य से एक विधेयक पेश किया गया है, जिसका नाम फिलहाल SB375 है. यह विधेयक 4 अप्रैल, 2025 को सीनेट में प्रस्तुत किया गया था और वर्तमान में इस पर चर्चा जारी है.
हालांकि अभी यह प्रस्ताव सीनेट से पारित नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह से दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि यह विधेयक जल्द ही कानून का रूप ले सकता है. जॉर्जिया राज्य की विधानसभा में यह प्रस्ताव आने के बाद हिन्दू समुदाय में प्रसन्नता की लहर है. इस विधेयक को भारतीय मूल के नेताओं और सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है, जो वर्षों से अमेरिका में हिन्दुओं के खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार और भेदभाव की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे थे.
क्या है हिन्दूफोबिया विधेयक
इस विधेयक में हिन्दू धर्म के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयानों, गलत व्याख्याओं और सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को सांस्कृतिक और धार्मिक घृणा अपराध माना जाएगा. साथ ही, ऐसे मामलों में कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है.
क्या होगा इस कानून का असर?
अगर यह विधेयक पारित होता है, तो जॉर्जिया के स्थानीय कानूनों में संशोधन किया जाएगा. इसके तहत:
- हिन्दूफोबिया (Hinduphobia in anti-discrimination laws) को घृणा आधारित अपराध के अंतर्गत लाया जाएगा.
- ऐसे मामलों में कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा.
- हिन्दू समुदाय के हितों की रक्षा के लिए विशेष नियम और तंत्र बनाए जाएंगे.
- हिन्दू विरोधी गतिविधियों को लेकर शिक्षा और जागरूकता अभियान भी चलाए जा सकते हैं.
क्यों उठी यह मांग?
विधेयक का समर्थन करते हुए कई विधायकों ने कहा कि अमेरिका में हिन्दू समुदाय शांति, शिक्षा और उद्यमिता का प्रतीक है, लेकिन हाल के वर्षों में उन्हें भ्रामक प्रचार, सांस्कृतिक असहिष्णुता और विभेदात्मक व्यवहार का सामना करना पड़ा है. इसलिए हिन्दूफोबिया को एक संवैधानिक और कानूनी पहचान देना आवश्यक हो गया है.
अमेरिका में बीते कुछ वर्षों के दौरान हिन्दू समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इन हमलों को लेकर अब चिंता गहराती जा रही है. ‘हिन्दूफोबिया ट्रैकर’ के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क जैसे प्रमुख शहरों में खालिस्तानी तत्वों द्वारा मंदिरों पर हमले किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन हमलों के दौरान न केवल मंदिरों को निशाना बनाया गया, बल्कि हिन्दू समुदाय के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियाँ भी की गईं. ऐसे कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें हिन्दुओं की धार्मिक पहचान पर हमला, अपमानजनक लेखन और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने वाले नारे शामिल हैं. इन घटनाओं ने अमेरिकी हिन्दू समुदाय में चिंता और असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है। समुदाय के नेताओं और संगठनों ने इन हमलों की कड़ी निंदा करते हुए अमेरिकी सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है.
हिन्दू संगठनों की भूमिका
इस पहल के पीछे अमेरिका में सक्रिय हिन्दू संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने नीति-निर्माताओं को यह समझाने में सफलता पाई कि हिन्दूफोबिया कोई काल्पनिक या सीमित परिघटना नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक चुनौती है, जिससे हिन्दू छात्रों, व्यवसायियों और आम नागरिकों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है.
अन्य अमेरिकी राज्य भी इसी राह पर आगे बढ़ सकते हैं
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह विधेयक (Hinduphobia in anti-discrimination laws) जॉर्जिया राज्य में पारित हो जाता है, तो अन्य अमेरिकी राज्य भी इसी राह पर आगे बढ़ सकते हैं. यह न केवल हिन्दू समुदाय के लिए सुरक्षा और सम्मान की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि अमेरिका में धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को मजबूती देने का कार्य करेगा. यह विधेयक भारतवंशियों और हिन्दू मूल की परंपराओं को मानने वाले लाखों लोगों के लिए न्याय और आत्मसम्मान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है.