US Tariffs Policy: क्या 2 अप्रैल से अमेरिका का स्वर्ण युग आने वाला है?

US Tariffs Policy: क्या 2 अप्रैल से अमेरिका का स्वर्ण युग आने वाला है?

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Tuesday, April 1, 2025

Updated On: Tuesday, April 1, 2025

US टैरिफ नीति और अमेरिका के आर्थिक भविष्य पर प्रभाव
US टैरिफ नीति और अमेरिका के आर्थिक भविष्य पर प्रभाव

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीति का उद्देश्य कर राजस्व बढ़ाना, अमेरिकी विनिर्माण को पुनर्जीवित करना और विदेश नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करना है. पहले दो उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने कई देशों के वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ा दिया है. यह दो अप्रैल से लागू हो जाएगा. ताकि अमेरिका का ‘स्वर्ण युग’ वापस लौट आए. हालांकि अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि ये उद्देश्य एक साथ अव्यवहारिक है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Tuesday, April 1, 2025

हाईलाइट

  • दो अप्रैल से ट्रंप प्रशासन द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ होंगे लागू.
  • कुछ अमेरिकी अर्थशास्त्रियों का कहना है कि टैरिफ से कर राजस्व बढ़ाना या उनके उद्देश्यों को पूरा करना असंभव है.
  • राजस्व प्राप्ति से अधिक घाटा हो सकता है.
  • टैरिफ बढ़ौतरी का भुगतान अंततः उपभोक्ता को करना होगा, इससे महंगाई बढ़ेगी.

US Tariffs Policy: राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप का फोकस अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का है. साथ ही अमेरिका में रोजगार का सृजन भी उनकी प्राथमिकता में रहा है. इसके लिए उन्होंने नई व्यापार नीति बनाई है. इसके तीन प्राथमिक उद्देश्य उन्होंने अमेरिकी लोगों के सामने रखा है. पहला संघीय बजट घाटे को खत्म करना और 2017 के कर कटौती एवं रोजगार में विस्तार करना है. दूसरा उद्देश्य, विदेशों में चले गए अमेरिकी विनिर्माण को वापस लाना है. ट्रंप का मानना है कि इसी से अमेरिका में एक नए ‘स्वर्ण युग’ की शुरुआत होगी. उनका तीसरा उद्देश्य, विदेश नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करना है.

तीनों एक साथ पूरा होना असंभव

अमेरिका के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इनमें से प्रत्येक उद्देश्य को प्राप्त करना काफी कठिन है. लेकिन सभी को एक ही समय में प्राप्त करना, (जैसा ट्रंप सुझाते हैं) इसे अकल्पनीय कहना भी कम होगा. अमेरिका का प्रतिष्ठित मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने इस पर एक शोध रिपोर्ट तैयार किया है. ट्रंप ने टैरिफ को जिन उद्देश्यों के लिए बढ़ाया है, इस रिपोर्ट में उन उद्देश्यों को असंभव बताया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कर राजस्व के महत्वपूर्ण स्रोत टैरिफ नहीं हो सकता. इसके लिए टैरिफ से कहीं अधिक, और अधिक स्थायी श्रोत ढूंढ़ने होंगे.

इन अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी टैरिफ दर औसतन 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के बीच कहीं बढ़ने की संभावना जताया है. यह बढ़ौतरी 1940 के दशक के बाद से सबसे अधिक है. जबकि वर्तमान में यह लगभग 2.2 प्रतिशत से ऊपर है.

आय से अधिक घाटे की आशंका

येल में बजट लैब ने भी टैरिफ के प्रभाव पर व्यापक काम किया है. इसके मुताबिक ट्रंप के टैरिफ बढ़ौतरी के बाद आयातित वस्तुओं पर टैरिफ 2026 और 2035 के बीच लगभग 3.52 ट्रिलियन डॉलर राजस्व प्राप्ति की संभावना है. बेशक यह बड़ी राशि है. इसी में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2034 तक अमेरिका का घाटा $4.6 ट्रिलियन होने की संभावना है. घाटा, राजस्व आय से बहुत अधिक है. बजट लैब में यह भी कहा गया है कि टैरिफ बढ़ाने पर उसका भुगतान अमेरिकी आयातक करेंगे. इससे देश में महंगाई बढ़ेगी. क्योंकि टैरिफ बढ़ौतरी का अंततः भुगतान उपभोक्ता को ही करना पड़ेगा. कोई निर्यातक देश इसका भुगतान नहीं करने वाला है.

महंगाई बढ़ेगी, उपभोक्ता कम खर्च करेंगे

मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मोटे तौर पर उच्च टैरिफ का मतलब अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए उच्च कीमतें और कंपनियों के लिए संभावित रूप से कम लाभ मार्जिन होगा. इनमें से कोई भी कर राजस्व में वृद्धि के लिए अनुकूल नहीं है. क्योंकि पहले से ही महंगाई के कारण ऊब चुके उपभोक्ता संभवतः खर्च कम कर देंगे.

यहां बजट लैब का अनुमान है कि यदि अन्य देश जवाबी कार्रवाई नहीं करते हैं तो अल्पावधि में मुद्रास्फीति दर 1.7 प्रतिशत अंक बढ़ेगी. यदि वे जवाबी कार्रवाई करते हैं तो यह 2.1 प्रतिशत अंक बढ़ जाएगी.

टैरिफ, व्यापार नहीं एक ड्रग युद्ध

व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट का इन आशंकाओं पर कहना है कि टैरिफ बिल्कुल भी सिर्फ कर राजस्व बढ़ाने के बारे में नहीं है. टैरिफ बढ़ौतरी व्यापार युद्ध नहीं है, यह एक ड्रग युद्ध है. अमेरिका के कई अर्थशास्त्रियों का स्पष्ट मानना है कि टैरिफ बढ़ौतरी से अमेरिका में स्वर्ण युग नहीं आएगा. इसके लिए कुछ स्थाई तौर पर करना होगा.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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