किर्गिस्तान में क्यों भड़की हिंसा
Authored By: Gunjan Shandilya
Published On: Monday, May 20, 2024
Updated On: Saturday, June 29, 2024
13 मई को मिस्र के कुछ मेडिकल छात्रों और स्थानीय छात्रों के बीच विवाद हुआ। विवाद बढ़कर दोनों ग्रुप्स के बीच मारपीट में बदल गई। उस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
पिछले कुछ दिनों से मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में उथल-पुथल मचा हुआ है। यहां विदेशी छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश के छात्रों के साथ-साथ भारतीय छात्रों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। भारतीय छात्रों के साथ मारपीट की खबर मिलते ही बिश्केक में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय हरकत में है। मंत्रालय की सूचना के मुताबिक वहां स्थानीय लोगों के उपद्रव में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्रों को ज्यादा नुकसान हुआ है। हालांकि इससे भारतीय छात्र भी दहशत में हैं।
बीते 17 मई को देर रात बिश्केक के मेडिकल कॉलेज के हॉस्टलों में स्थानीय लोग जबरन घुस आये। स्थानीय लोगों ने हॉस्टल में मौजूद छात्रों के साथ मारपीट की। पहले ख़बरें आई कि हॉस्टल में भारतीय छात्रों के साथ मारपीट की गई है। सोशल मीडिया पर यह खबर आते ही बिश्केक में भारतीय दूतावास हरकत में आ गया। दूतावास को जानकारी मिली की राजधानी के कुछ होस्टलों में स्थानीय लोगों द्वारा छात्रों के साथ मारपीट की गई है लेकिन उनमें अधिकांशतः पाकिस्तानी छात्र थे। इस मारपीट में तीन-चार भारतीय छात्रों के भी घायल होने की सूचना मिली। किर्गिस्तान की एक मीडिया वेबसाइट के मुताबिक उक्त मारपीट में करीब 29 छात्र घायल हुए थे। हिंसा के बाद से विदेशी छात्र डर के साये में हैं।
हरकत में आया भारतीय विदेश मंत्रालय
हास्टलों में मारपीट की सूचना पर भारतीय विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) तत्काल सक्रिय हुआ और उसने निर्देश जारी किया कि छात्र हॉस्टल से बाहर न निकले। यदि वे घरों में रह रहे हैं तो घरों में ही रहें। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि वे किर्गिस्तान की घटना के पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिश्केक में भारतीय दूतावास ने इमरजेंसी नंबर 0555710041 जारी किया। यह नंबर चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है।
भारतीय राजदूत ने किर्गिज़ गणराज्य के विदेश मंत्रालय से बात कर अपनी चिंता जाहिर की। विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने तत्काल बिश्केक फोन कर भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किया है। साथ ही किर्गिस्तान सरकार को हर हाल में शांति स्थापित करने को कहा है।
छात्रों पर हुई हिंसा की पृष्ठभूमि
आखिर बिश्केक के मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टल में हिंसा क्यों भड़की। किर्गिस्तान की एक मीडिया रिपोर्ट को मानें तो यह हिंसा 13 मई से जुड़ा बताया जा रहा है। दरअसल, 13 मई को मिस्र के मेडिकल छात्रों और कुछ स्थानीय छात्रों के बीच विवाद हुआ। विवाद बढ़कर दोनों ग्रुप्स के बीच मारपीट हुई। उस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। वीडियो देखकर स्थानीय स्तर पर उपद्रवी तत्वों ने इसका लाभ उठाया। इसके बाद 16 मई को विदेशी छात्रों पर हमला शुरू हुआ। इसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। इसी की प्रतिक्रिया स्वरूप 17 मई को देर रात और 18 मई को भी हिंसा होती रही।
किर्गिस्तान में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की शिक्षा लेने जाते हैं। कोविड महामारी के दौरान की एक रिपोर्ट को ध्यान दें तो उस समय ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत किर्गिस्तान से क़रीब 14 हज़ार भारतीयों को निकालकर देश वापस लाया गया था। इनमें अधिकतर छात्र थे। आज की वर्तमान स्थिति के बारे में बिश्केक स्थित भारतीय दूतावास का आंकड़ा बताता है कि क़रीब 17,400 भारतीय छात्र यहां पढ़ाई करते हैं।
क्या कहता है, किर्गिज विदेश मंत्रालय
किर्गिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि बिश्केक में अब स्थिति नियंत्रण में है। राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सहित सभी संबंधित संस्थाओं को लगाया गया है।घायल हुए छात्रों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाया गया है। सभी छात्र सुरक्षित हैं।
किर्गिस्तान मध्य एशिया का दूसरा सबसे छोटा देश है। तुर्कमेनिस्तान मध्य एशिया का सबसे छोटा देश है। इसकी आबादी 64 लाख के करीब है। वहीं किर्गिस्तान की जनसंख्या करीब 70 लाख है। शीत युद्ध के बाद 1991 में सोवियत संघ से अलग होकर किर्गिस्तान बना था। इसकी राजधानी बिश्केक हैं। यह देश करीब 2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
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