सीएम उमर अब्दुला ने जम्मू-कश्मीर के साथ दिल्ली को लेकर दिया ये अपडेट, वाकई पूर्ण राज्य का मिल पाएगा दर्जा
सीएम उमर अब्दुला ने जम्मू-कश्मीर के साथ दिल्ली को लेकर दिया ये अपडेट, वाकई पूर्ण राज्य का मिल पाएगा दर्जा
Authored By: सतीश झा
Published On: Friday, November 1, 2024
Updated On: Friday, November 1, 2024
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के साथ दिल्ली के संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, जिससे स्थानीय प्रशासन में सुधार और नागरिकों को अधिक स्वायत्तता मिल सके।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Friday, November 1, 2024
नवंबर में महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है। इस संबंध में उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ चर्चा करने के लिए 24 अक्टूबर को नई दिल्ली की यात्रा की। इससे पहले, 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसे तीन दिन बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंजूरी दे दी।
राज्य का दर्जा बहाल होने से जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिरता और विकास की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग अभी भी प्रासंगिक है और उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की अपील की। उनका मानना है कि यह कदम न केवल राजनीतिक स्थिरता लाएगा बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए भी आवश्यक है।
पीएम से मिलने के बाद सीएम ने दिया है यह बयान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उच्च-स्तरीय आश्वासन मिला है कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा केवल अस्थायी है। श्रीनगर में प्रशासनिक सचिवों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने साझा किया कि दिल्ली में हाल की बैठकों में राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के शासन मॉडल को परिष्कृत करने की प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ लोग वर्तमान सिस्टम का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में जो खामियां हैं, उन्हें उजागर कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक अस्थायी स्थिति है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में मेरी बैठकें सफल रहीं हैं, और मुझे उच्चतम स्तर पर यह आश्वासन मिला है कि जम्मू-कश्मीर के लिए जो प्रतिबद्धताएं की गई हैं, खासकर हमारे शासन मॉडल के संदर्भ में, वे बदलेंगी।”
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि एक बार जब जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा, तो किसी भी प्रकार के शोषण की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। यह बयान जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
असली मकसद कहीं ये तो नहीं
इस अपडेट के पीछे का मकसद यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अपने अधिकारों और पहचान को फिर से प्राप्त करें। हालांकि, यह भी देखने की बात होगी कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें
news via inbox
समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।