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Cervical Cancer Elimination Day of Action : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कुछ वीमेन टेस्ट हैं जरूरी
Cervical Cancer Elimination Day of Action : सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कुछ वीमेन टेस्ट हैं जरूरी
Authored By: स्मिता
Published On: Saturday, November 16, 2024
Updated On: Monday, November 18, 2024
हर साल WHO सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन और दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए ऐतिहासिक कार्रवाई दिवस मनाता है। सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने का वैश्विक आंदोलन उन समुदायों, भागीदारों और व्यक्तियों को ऊर्जा, जुनून और गति से भर देता है, जो बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, November 18, 2024
कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है, जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या tissue में हो सकता है। इसमें असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। अपनी सामान्य सीमाओं से आगे बढ़कर वे शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करती हैं या अन्य अंगों में फैल जाती हैं। इन दिनों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे अधिक देखे जा रहे हैं। इसलिए वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 17 नवंबर को सर्वाइकल कैंसर एलिमिनेशन डे ऑफ़ एक्शन (Cervical Cancer Elimination Day of Action) मनाता है।
सर्वाइकल कैंसर एलिमिनेशन डे ऑफ़ एक्शन (Cervical Cancer Elimination Day of Action)
हर साल WHO सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन और दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए ऐतिहासिक कार्रवाई दिवस मनाता (Cervical Cancer Elimination Day of Action) है। सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने का वैश्विक आंदोलन उन समुदायों, भागीदारों और व्यक्तियों को ऊर्जा, जुनून और गति से भर देता है, जो बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह तारीख 2020 के उस दिन को चिह्नित करती है जब WHO ने 194 देशों द्वारा पारित प्रस्ताव के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन में तेजी लाने के लिए वैश्विक रणनीति शुरू की थी।
भारत में क्या है आंकड़ा (Cervical Cancer in India)
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय महिलाओं में सबसे आम प्रकार के कैंसर गर्भाशय ग्रीवा((Cervical Cancer), स्तन, मुंह और अन्नप्रणाली के कैंसर हैं। स्तन कैंसर अब भारत में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है, जो महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर का 27% है। यह कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण भी है (फेफड़ों के कैंसर के बाद)।
गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं प्रभावित होने पर सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा (cervix) की कोशिकाएं प्रभावित होने पर होता है। यह कैंसर सर्विक्स के इनर टिश्यू को प्रभावित कर देता है। बाद में यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है। इस कैंसर की रोकथाम टीके से की जा सकती है।
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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण को पहचानना आसान नहीं (Cervical cancer Symptoms)
WHO के अनुसार, शुरुआत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचानना आसान नहीं होता है। इसलिए सतर्क होना सबसे अधिक जरूरी है, क्योंकि अन्य समस्याओं जैसे ही सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नज़र आते हैं। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण यूरीन पास करने में परेशानी हो सकती है। यूरीन में ब्लड आने के साथ-साथ फ्रीक्वेंट यूरीनेशन भी हो सकता है। सर्वाइकल कैंसर कभी-कभी पीठ दर्द या पेल्विक रीजन में दबाव या भारीपन का कारण बन जाता है। यदि लगातार हड्डी में दर्द रहता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। इसके अलावा किडनी खराब होने का भी डर रहता है। थकान, कमर दर्द, पेट दर्द भी सर्वाइकल कैंसर की निशानी हो सकती है।
सर्विक्स हेल्थ को मजबूती देने के उपाय
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नियमित पैप स्मीयर कराएं
WHO के अनुसार, स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान जो स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है, उनमें से एक पैप स्मीयर है। यह परीक्षण सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए डिज़ाइन किया गया । यह कई जिंदगियों को बचाने के लिए जिम्मेदार है। 21 साल की उम्र में किसी भी महिला को पैप स्मीयर लेना शुरू करना होगा। 65 साल की उम्र तक हर तीन साल में नियमित पैप स्मीयर करवाना जारी रखना होगा। सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाने और इलाज करने से पूरी तरह ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
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रूटीन में महिलाओं के लिए जरूरी टेस्ट कराना
साल में एक बार सभी वीमेन हेल्थ टेस्ट जरूरी है। इसे अपनी रूटीन में शामिल करें। इस हेल्थ टेस्ट के दौरान किसी भी महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य का आकलन हो जाता है। इस महत्वपूर्ण हेल्थ टेस्ट के जरिये सभी स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी मिल जाती है। इसके जरिये गर्भाशय ग्रीवा की समस्या दूर कर सरविक्स हेल्थ को मजबूती मिल जाती है।
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एचपीवी परीक्षण (HPV Test)
स्वास्थ्य जांच में एचपीवी परीक्षण जोड़ने से गर्भाशय ग्रीवा भी स्वस्थ रहती है। जब आप 30 वर्ष की आयु तक पहुंचती हैं, तो आप एक ही समय में पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण करा सकती हैं। एचपीवी टेस्ट पैप टेस्ट के समान है और इसमें सर्विक्स से सेल्स के नमूने की जरूरत होती है।
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एचपीवी वैक्सीन
ह्यूमन पेपिलोमावायरस से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज होता है। ये गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा देते हैं। एचपीवी वैक्सीन उस वायरस से बचा सकता है, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। एचपीवी वैक्सीन 9 साल की उम्र से शुरू हो सकते हैं। यदि आपने बाद में टीका लगवाया है, तो भी आप सुरक्षित रह सकती हैं। एचपीवी वैक्सीन 45 वर्ष की आयु तक की महिलाओं के लिए स्वीकृत है।