कानपुर में आज का मौसम 16 April 2025: कानपुर में इस दिन रहेगा 46 डिग्री तापमान, जानिए समय से पहले कैसे करें बचाव

कानपुर में आज का मौसम 16 April 2025: कानपुर में इस दिन रहेगा 46 डिग्री तापमान, जानिए समय से पहले कैसे करें बचाव

Authored By: Khursheed

Published On: Tuesday, April 15, 2025

Categories: Weather

Updated On: Tuesday, April 15, 2025

kanpur Mai Aaj Ka Mausam 16 April 2025
kanpur Mai Aaj Ka Mausam 16 April 2025

मौसम विभाग ने 16 अप्रैल से कानपुर में पांच दिनों तक बादल न रहने की वजह से तपिश और लू बढ़ने का अनुमान लगया है. ऐसे में अधिकतम तापमान 46 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहने की संभावना है. बढ़ता तापमान कानपुर के लोगों के लिए चुनौती भरा हो सकता है. आपको गर्मी से किसी तरह का नुकसान न हो, इससे बचने के लिए पहले से कैसे इंतजाम करें. जानिए..

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Updated On: Tuesday, April 15, 2025

16 अप्रैल को कानपुर में अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम 29 डिग्री रहने का अनुमान है. ऐसे में कानपुरवासियों के लिए गर्म हवा और उमस भरी गर्मी का दौर शुरू हो गया. मंगलवार के मुकाबले बुधवार को तापमान में तीन डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. इसके अलावा न्यूनतम तापमान भी दो-तीन डिग्री ज्यादा रहने का रहेगा.ऐसे में आपको गर्मी और धूप की मार से बचने और जरूरी सावधानियां बरतने की जरूरत है. वहीं, कानपुर समेत पूर्वी हिस्से में गुरुवार तक 12 से 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. 

ऐसे में सवाल ये है – क्या आज घर के भीतर रहना ही बेहतर होगा, या अगर ज़रूरी काम से बाहर निकलना है तो किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है? आइए, मौसम का पूरा हाल जानें – ताकि आप दिनभर सतर्क और तैयार रह सकें.

कानपुर में 17-18 अप्रैल से गर्म हवा के साथ लू चलने वाली हैं. मौसम विभाग ने कानपुर के लिए फिलहाल किसी तरह का एलर्ट जारी नहीं किया है. लेकिन आने वाले दिनों में बढ़ती गर्मी को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत हैं क्योंकि धूल भरी आंधी और तेज हवाओं की संभावना है. 

17 अप्रैल: महीने का हो सकता है सबसे गर्म दिन ?

17 अप्रैल को स्थिति सबसे गंभीर हो सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस दिन तापमान 46°C तक जा सकता है और तेज सतही हवाए चलेंगी. यह गर्म हवाए न सिर्फ बाहर निकलना मुश्किल बना देंगी, बल्कि लू जैसी स्थितियां भी पैदा कर सकती हैं. दोपहर की चिलचिलाती धूप में बाहर निकलना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

18 अप्रैल: ‘हीट वेव’ 

18 अप्रैल तक भी कानपुर के तापमान में किसी तरह की गिरावट की संभावना नहीं है. ऐसे में आने वाला मौसम अपना ‘कहर’ बरपाएगा. 18 अप्रैल को अधिकतम तापमान 45 डिग्री तक जा सकता है. डॉक्टरों की सलाह है – “दोपहर 12 से 4 बजे तक घर के अंदर रहें, ढेर सारा पानी पिएं और हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें.”

अगले पांच दिन कानपुर में गर्मी का ‘रौद्र रूप’ देखने को मिलेगा. आंधी, धूल भरी हवाएं और लू जैसे हालात – सभी कुछ इस ‘गर्मी के थ्रिलर’ का हिस्सा हैं. समझदारी इसी में है कि सावधानी बरती जाए और मौसम के इस ‘उग्र स्वभाव’ से बचकर रहा जाए!

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Kanpur
12:01 am, Apr 19, 2025
weather icon 32°C
L: 32° H: 32°
few clouds
Wind Wind 23 Km/h E
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5 Days ForecastHourly Forecast
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27°44°°C 0 mm 0% 19 Km/h 5 % 755 mmhg 0 mm/h

कानपुर में प्रदूषण का स्तर

कानपुर की चिलचिलाती गर्मी के साथ प्रदूषण में उतार चढ़ाव हुआ है. हालांकि प्रदूषण में ज्यादा फर्क नहीं आया है. 16 अप्रैल को एक्यूआई मध्यम स्तर पर दर्ज किया गया. पिछले दिनों के मुकाबले वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहतर रहा है. ऐसे में प्रदूषण को लेकर विशेष चिंता करने की जरूर नहीं हैं. 

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय अस्थमा और दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बाहर निकलते समय मास्क पहनना, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना समझदारी होगी.

पिछले 10 दिनों में कानपुर में मौसम का मिज़ाज

दिनांक Min Temp. Max Temp.
Apr 16, 2025 29 42
Apr 15, 2025 26 39
Apr 14, 2025 24 37
Apr 13, 2025 25 38
Apr 12, 2025 26 40
Apr 11, 2025 25 40
Apr 10, 2025 28 42
Apr 9, 2025 27 41
Apr 8, 2025 25 40
Apr 7, 2025 25 41

कानपुर में इतनी गर्मी का क्या है कारण?

राजस्थान और अन्य शुष्क क्षेत्रों से आने वाली पछुआ हवाएं कानपुर में गर्मी का मुख्य कारण बन रही हैं. ये हवाएं बेहद शुष्क और तपती हुई होती हैं, जो तापमान को तेजी से बढ़ा देती हैं.

शहरीकरण का दुष्प्रभाव

कानपुर में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने ‘अर्बन हीट आइलैंड’ प्रभाव को जन्म दिया है. कंक्रीट के जंगलों ने प्राकृतिक हरियाली को निगल लिया है, जबकि निर्माण गतिविधियों ने गर्मी सोखने वाली खुली जमीन को कम कर दिया है. एयर कंडीशनर और वाहनों से निकलने वाली गर्मी ने शहर के तापमान को और बढ़ा दिया है.

प्रदूषण की भूमिका

वायु प्रदूषण ने कानपुर की गर्मी की समस्या को और विकराल बना दिया है. वायुमंडल में जमा प्रदूषक कण सूरज की गर्मी को रोककर रखते हैं, जबकि धूल और स्मॉग की मोटी परत शहर को एक गर्म कंबल की तरह ढंक लेती है. यह प्रभाव रात के तापमान को भी असामान्य रूप से बढ़ा देता है.

मौसम पैटर्न में बदलाव

पिछले कुछ वर्षों में मौसम के पैटर्न में आए बदलाव ने भी गर्मी को बढ़ाया है. पश्चिमी विक्षोभ की कमी, मानसून पूर्व बारिश में कमी और लंबे समय तक चलने वाली शुष्क हवाओं ने गर्मी की अवधि को बढ़ा दिया है.

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

वैश्विक जलवायु परिवर्तन ने दिल्ली के तापमान को भी प्रभावित किया है. बढ़ता वैश्विक तापमान, अप्रत्याशित मौसम चक्र और गर्मी के मौसम की अवधि में वृद्धि ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.

तत्काल प्रभाव और समाधान

इस भीषण गर्मी के कारण लू की घटनाएं बढ़ी हैं, बिजली की मांग आसमान छू रही है और जल संकट गहराता जा रहा है. इस स्थिति से निपटने के लिए शहर में हरियाली बढ़ाने, जल संरक्षण के उपाय अपनाने और सतत विकास की नीतियों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है.

क्या करें कानपुरवासी?

हाइड्रेटेड रहें 

  • दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं.
  • नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, आम पना जैसे प्राकृतिक पेय लें.
  • कैफीन और अल्कोहल से बचें, ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं.

ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें

  • सूती या लिनन जैसे हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनें.
  • गहरे रंगों से बचें क्योंकि वे गर्मी को ज्यादा सोखते हैं.

दोपहर में बाहर निकलने से बचें

  • विशेष रूप से दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर के अंदर रहें
  • अगर बाहर निकलना ही पड़े तो सिर को टोपी, स्कार्फ या छाते से ढकें

सनस्क्रीन का उपयोग करें

  • धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं.

हल्का और ठंडा भोजन करें

  • ज्यादा मसालेदार, तली हुई और भारी चीजों से बचें.
  • फल और सलाद को अपनी डाइट में शामिल करें—खरबूजा, तरबूज, खीरा, संतरा आदि.

प्रदूषण से बचाव करें

  • सुबह 6-8 बजे तक बाहरी गतिविधियों से बचें क्योंकि इस समय वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है.

घर में हरियाली बढ़ाएं

  • नीम, तुलसी, एलोवेरा जैसे एयर-प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं जो हवा को साफ और ठंडा रखने में मदद करते हैं.

लक्षणों को नजरअंदाज न करें

  • अत्यधिक पसीना, चक्कर, सिरदर्द, थकावट जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
  • यह हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, जो गंभीर स्थिति बन सकती है.

FAQ

इसका मुख्य कारण पछुआ (पश्चिमी) गर्म हवाएं हैं, जो राजस्थान और अन्य शुष्क इलाकों से आती हैं। ये हवाएं बेहद शुष्क होती हैं और तापमान को तेज़ी से बढ़ा देती हैं।

जब शहरों में कंक्रीट की इमारतें, सड़कें और वाहनों की गर्मी प्राकृतिक हरियाली की जगह ले लेती हैं, तब तापमान बढ़ जाता है। इसे ‘Urban Heat Island Effect’ कहते हैं। कानपुर जैसे शहरी इलाकों में यह प्रभाव ज्यादा दिखता है, जिससे शहर का तापमान आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक होता है।

हां। वायु में मौजूद धूल और स्मॉग की मोटी परत सूरज की गर्मी को वातावरण में रोककर रखती है, जिससे तापमान और उमस बढ़ जाती है। यह परत शहर को एक गर्म कंबल की तरह ढक लेती है, जिससे रात में भी तापमान सामान्य से अधिक बना रहता है।

बिलकुल ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण गर्मी जल्दी शुरू हो जाती है, लंबे समय तक रहती है और अधिक तीव्र होती है। अप्रत्याशित मौसम चक्र भी इस बदलाव का हिस्सा हैं।

हां, मानसून पूर्व बारिश और पश्चिमी विक्षोभ की कमी ने मिट्टी की नमी को घटा दिया है, जिससे गर्म हवाएं ज़्यादा असर डालती हैं और ज़मीन तेज़ी से गर्म होती है।

About the Author: Khursheed
खुर्शीद ने हिंदी पत्रकारिता जगत में 2020 से अपने करियर की शुरुआत की थी, सबसे पहले उन्हें लोकमत में काम करने का मौका मिला, यहां पर वह राजनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय खबरों के साथ-साथ करंट खबरों पर लिखा करते थे. इसके बाद न्यूज 24 और वार्ता 24 में काम करने का मौका मिला. अब गलगोटियाज टाइम्स में कार्यरत हैं.
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