बिहार में चुनावी मुद्दा बना पलायन, झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की नई योजना

बिहार में चुनावी मुद्दा बना पलायन, झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की नई योजना

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, April 22, 2025

Updated On: Tuesday, April 22, 2025

Hemant Soren की तस्वीर के साथ Jharkhand migrant worker scheme को दर्शाता हुआ एक जानकारीपूर्ण पोस्टर
Hemant Soren की तस्वीर के साथ Jharkhand migrant worker scheme को दर्शाता हुआ एक जानकारीपूर्ण पोस्टर

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले पलायन (Migration) का मुद्दा राजनीतिक गर्मी बढ़ा रहा है. कांग्रेस (Congress) ने नीतीश सरकार को इस मसले पर घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाल ही में अपनी पदयात्रा के दौरान पलायन और बेरोजगारी को केंद्र में रखकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए.

Authored By: सतीश झा

Updated On: Tuesday, April 22, 2025

Jharkhand Migrant Worker Scheme : बिहार से सटे झारखंड में कांग्रेस के समर्थन से चल रही हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हित में एक अहम कदम उठाया है. झारखंड सरकार ने “राज्य प्रवासी सुलभ सहायता योजना” की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जो झारखंड के प्रवासी मजदूरों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करेगी.झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) पहले भी आदिवासी और श्रमिक वर्ग के लिए कई योजनाएं शुरू कर चुके हैं. अब इस नई योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को न केवल पंजीकरण की सुविधा मिलेगी, बल्कि आपात स्थितियों में सहायता, स्वास्थ्य सेवा, और कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी.

झारखंड की यह पहल बिहार की राजनीतिक बहस को कर सकती है प्रभावित

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झारखंड की यह पहल सीधे तौर पर बिहार की राजनीतिक बहस को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि बिहार से हर साल लाखों लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करते हैं. कांग्रेस (Congress) इस योजना को एक मॉडल के रूप में पेश कर बिहार की मौजूदा सरकार पर दबाव बना सकती है, जबकि झारखंड सरकार इसे अपनी जनहितकारी नीतियों की सफलता के रूप में प्रचारित कर रही है.

झारखंड में शुरू हुई नई योजना

झारखंड राज्य प्रवासी सुलभ सहायता योजना के तहत, सरकार पांच विभिन्न राज्यों में प्रवासी नियंत्रण केंद्र स्थापित करेगी, ताकि प्रवासी मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके. इसके अलावा, राज्य में प्रवासी कोषांग भी स्थापित किये जाएंगे जो मजदूरों के कल्याण के लिए काम करेंगे.

श्रम विभाग ने इन नियंत्रण केंद्रों के लिए पांच राज्यों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह नियंत्रण केंद्र उन राज्यों में स्थित होंगे, जहां झारखंड से सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर काम करने के लिए जाते हैं. इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य प्रवासी मजदूरों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाना और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना होगा. इसके अलावा, अगर कभी प्रवासी मजदूरों के साथ कोई दुर्घटना होती है, तो यह केंद्र राहत प्रदान करने में भी मदद करेगा, जिससे प्रवासी श्रमिकों को समय पर सहायता मिल सके.

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अनुदान योजना भी तैयार

झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए एक और बड़ी योजना की शुरुआत की है, जिसे मुख्यमंत्री (CM Hemant Soren) झारखंड अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक अनुदान योजना कहा गया है. इस योजना के तहत, विदेशों में काम करने वाले श्रमिकों को मुक्त कराने और विदेश में मृत श्रमिकों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेजने की व्यवस्था की जाएगी. योजना के तहत, इन श्रमिकों को वापस लाने में रेल या वायुयान पर होने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी, ताकि प्रवासी श्रमिकों के परिवार को किसी भी तरह की वित्तीय मुश्किल का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर श्रम विभाग ने इस योजना को तैयार किया है. इससे झारखंड के प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत का एक नया रास्ता खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार में विपक्ष इस मुद्दे को किस तरह से भुनाता है और क्या नीतीश सरकार इसके जवाब में कोई ठोस योजना लेकर आती है या नहीं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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