पाकिस्तान को 24वीं बार कर्ज, फिर भी हाल बेहाल – IMF के रहम पर एक आतंक की अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान को 24वीं बार कर्ज, फिर भी हाल बेहाल – IMF के रहम पर एक आतंक की अर्थव्यवस्था

Authored By: Nishant Singh

Published On: Sunday, May 11, 2025

Last Updated On: Sunday, May 11, 2025

IMF Loan to Pakistan : पाकिस्तान को IMF से 24वीं बार कर्ज, फिर भी आर्थिक हालात बेहाल - शहबाज शरीफ की चिंता
IMF Loan to Pakistan : पाकिस्तान को IMF से 24वीं बार कर्ज, फिर भी आर्थिक हालात बेहाल - शहबाज शरीफ की चिंता

पाकिस्तान ने 24वीं बार IMF से कर्ज मांगा, फिर भी देश की अर्थव्यवस्था बेहाल है. जानिए कैसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला यह देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और विश्व बैंक पर निर्भर हो गया है.

Authored By: Nishant Singh

Last Updated On: Sunday, May 11, 2025

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पिछले कई वर्षों से गंभीर संकट में है, और बार-बार कर्ज लेने के बावजूद सुधार की कोई ठोस दिशा नजर नहीं आती. 1958 से अब तक पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 24 बार कर्ज ले चुका है. 9 मई को IMF ने एक बार फिर पाकिस्तान को 1.4 बिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया, जिसमें से 1 बिलियन डॉलर की पहली किस्त जारी कर दी गई है. यह कर्ज ऐसे समय में मिला है जब भारत-पाक संबंधों में तनाव चरम पर है. भारत ने IMF के इस कदम का विरोध किया है, यह आरोप लगाते हुए कि पाकिस्तान इस राशि का एक हिस्सा रक्षा बजट में खर्च करना चाहता है, जिससे क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है. इसके बावजूद, IMF ने मदद मंजूर की है.

IMF से पाकिस्तान को मिले ऋण की समयरेखा

वर्ष ऋण राशि (USD में) ऋण का उद्देश्य
1958 1.0 बिलियन बैलेंस ऑफ पेमेंट संकट
1965 0.5 बिलियन युद्ध के बाद की आर्थिक स्थिति
1971 0.3 बिलियन बांग्लादेश युद्ध के बाद
1988 0.6 बिलियन आर्थिक सुधार कार्यक्रम
2001 1.0 बिलियन 9/11 के बाद की आर्थिक स्थिति
2008 7.6 बिलियन वैश्विक वित्तीय संकट
2013 6.6 बिलियन ऊर्जा संकट और मुद्रास्फीति नियंत्रण
2019 6.0 बिलियन बजट घाटा और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी
2024 7.0 बिलियन आर्थिक स्थिरीकरण कार्यक्रम
2025 1.4 बिलियन जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सुधार

पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति

पाकिस्तान की कुल बाहरी ऋण राशि दिसंबर 2023 तक 131.159 बिलियन डॉलर तक पहुँच चुकी है. इसके अलावा, पाकिस्तान को चीन से भी भारी ऋण मिला है, जो नवंबर 2023 तक 68.91 बिलियन डॉलर था. इन ऋणों के बावजूद, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में कोई स्थायी सुधार नहीं हुआ है.

IMF के ऋणों का प्रभाव

IMF से प्राप्त ऋणों के बावजूद, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में स्थायी सुधार नहीं हुआ है. वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर -0.2% रही, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 2.5% और वित्त वर्ष 2024-25 में 2.7% रहने का अनुमान है. हालांकि, ये वृद्धि दरें अपेक्षाकृत कम हैं और अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाती हैं.

 पाकिस्तान का कुल कर्ज (2024–2025 तक)

ऋण का प्रकार आंकड़ा (डॉलर में)
कुल विदेशी ऋण (2024) 130 बिलियन डॉलर
IMF का बकाया कर्ज 8.3 बिलियन डॉलर
2025 में चुकाने योग्य लोन 30 बिलियन डॉलर
ऋण-से-जीडीपी अनुपात 60% से अधिक
वित्त वर्ष 2025 में वित्तीय अंतर 2.5 बिलियन डॉलर

भारत का विरोध

भारत ने IMF की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को दिए गए ऋण के खिलाफ विरोध जताया. भारत का कहना है कि पाकिस्तान इस धनराशि का उपयोग सीमा पार आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर सकता है. इसलिए, भारत ने मतदान से दूरी बनाई, लेकिन पाकिस्तान के लिए ऋण की मंजूरी में कोई बदलाव नहीं आया.

  • भारत ने IMF वोटिंग में भाग नहीं लिया और अपना डिसेंट दर्ज कराया.
  • भारत ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास पारदर्शिता और भरोसे की भारी कमी है.
  • भारत का मानना है कि IMF से मिला पैसा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में उपयोग हो सकता है.
  • IMF जैसे वैश्विक संस्थानों का ऐसा निर्णय वैश्विक मूल्यों और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है.

IMF से सबसे अधिक कर्ज लेने वाले देश (2025 तक)

रैंक देश बकाया IMF ऋण (बिलियन डॉलर)
1 अर्जेंटीना 40.9
2 यूक्रेन 14.6
3 मिस्र 10.3
4 पाकिस्तान 8.3
5 इक्वाडोर 5.0
6 केन्या 4.5
7 बांग्लादेश 4.2

IMF को फंड कहां से मिलता है?

स्रोत योगदान (SDR में) अनुमानित डॉलर में (~2024)
सदस्य देशों का कोटा 475 बिलियन SDR $635 बिलियन
न्यू अरेंजमेंट टू बॉरो (NAB) 364 बिलियन SDR $489 बिलियन
द्विपक्षीय उधारी (BBA) 141 बिलियन SDR $189 बिलियन
कुल ~980 बिलियन SDR ~$1 ट्रिलियन
About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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