EPFO क्या है? PF अकाउंट से पैसे कैसे निकालें – आसान तरीका, दस्तावेज, टैक्स नियम और नए अपडेट

EPFO क्या है? PF अकाउंट से पैसे कैसे निकालें – आसान तरीका, दस्तावेज, टैक्स नियम और नए अपडेट

Authored By: Nishant Singh

Published On: Monday, June 16, 2025

Updated On: Monday, June 16, 2025

how to withdraw money from pf account

यह लेख कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना की विस्तृत जानकारी सरल हिंदी में प्रस्तुत करता है. इसमें EPF क्या है, इसका योगदान कैसे होता है, निकासी के प्रकार, निकासी की पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़, टैक्स नियम और ऑनलाइन निकासी प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है. साथ ही, EPF ट्रांसफर प्रक्रिया, खाते की स्थिति जांचने के तरीके, आंशिक निकासी की सीमाएँ, और हाल की अपडेट्स जैसे डिजिटल सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला गया है. यह लेख कर्मचारियों को EPF के लाभ समझने, अपने खाते का सही प्रबंधन करने और योजना का अधिकतम लाभ उठाने में मदद करता है.

Authored By: Nishant Singh

Updated On: Monday, June 16, 2025

भारत में लाखों कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान आर्थिक सुरक्षा के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना से जुड़े हुए हैं. यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है और इसका प्रबंधन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाता है. EPF कर्मचारियों के मासिक वेतन का एक निश्चित हिस्सा जमा करता है, जो उनकी सेवाकाल के दौरान बढ़ता रहता है और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि के रूप में या पेंशन के रूप में मिलता है. यह योजना न केवल रिटायरमेंट के बाद आय सुनिश्चित करती है, बल्कि जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पड़ावों जैसे मकान खरीद, शादी या मेडिकल इमरजेंसी के लिए आंशिक निकासी की सुविधा भी प्रदान करती है. EPF में योगदान कैसे होता है? क्या इसे समय से पहले निकाला जा सकता है? टैक्स पर क्या असर पड़ता है? और ऑनलाइन निकासी की प्रक्रिया कितनी सरल है? यह लेख इन सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में देता है। 

EPF क्या है?

EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को उनके सेवा जीवन के बाद आर्थिक सुरक्षा देना है. इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हर महीने वेतन का एक निश्चित हिस्सा जमा करते हैं. जमा राशि पर सरकार द्वारा ब्याज दिया जाता है, जो हर साल बढ़ता रहता है. EPF खाता हर कर्मचारी के लिए यूनिक होता है, जिसे UAN (Universal Account Number) के जरिए मैनेज किया जाता है. यह योजना भारत के संगठित क्षेत्र के लगभग सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है.

EPF निकासी प्रक्रिया (ऑनलाइन)

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EPFO ने EPF निकासी को पूरी तरह से डिजिटल और आसान बना दिया है. आप घर बैठे ही अपने EPF खाते से ऑनलाइन फॉर्म भरकर निकासी कर सकते हैं. यह प्रक्रिया आपको EPFO की वेबसाइट या UMANG ऐप के माध्यम से उपलब्ध है.

EPF ऑनलाइन निकासी के स्टेप्स:

  • EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in /memberinterface/
  • UAN और पासवर्ड के जरिए लॉगिन करें.
  • ‘Manage’ सेक्शन में जाकर KYC डिटेल्स जांचें और अपडेट करें.
  • ‘Online Services’ में ‘Claim (Form-31, 19 & 10C)’ पर क्लिक करें.
  • निकासी का कारण चुनें और फॉर्म भरें.
  • OTP के माध्यम से अपनी जानकारी सत्यापित करें.
  • फॉर्म सबमिट करें.

क्लेम अप्रूव होने पर राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी.

EPF निकासी पर टैक्स नियम

EPF की निकासी पर टैक्स नियम बहुत महत्वपूर्ण हैं. यदि आपने 5 साल से कम समय तक EPF में योगदान किया है, तो निकासी पर टैक्स लगता है. यदि 5 साल या उससे अधिक समय योगदान किया हो तो निकासी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है. इसके अलावा पैन कार्ड अपडेट न होने पर TDS ज्यादा कटता है.

टैक्स नियम तालिका:

स्थिति टैक्स स्थिति TDS दर
5 साल से कम योगदान टैक्स देना होगा 30%
5 साल या अधिक योगदान पूरी निकासी टैक्स फ्री कोई TDS नहीं
पैन कार्ड अपडेट नहीं TDS बढ़ सकता है 30%
पैन कार्ड अपडेट हो कम TDS कटेगा 10%

EPF की मुख्य विशेषताएँ

  • सामूहिक बचत योजना: कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान.
  • ब्याज: जमा राशि पर सरकार द्वारा तय ब्याज.
  • टैक्स लाभ: 5 साल से अधिक योगदान पर पूरी राशि टैक्स फ्री.
  • ऑनलाइन सुविधा: UAN के माध्यम से खाते की पूरी जानकारी और निकासी ऑनलाइन.
  • सुरक्षा: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय सुनिश्चित करना.

EPF में योगदान कैसे होता है?

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EPF खाते में योगदान कर्मचारी और नियोक्ता दोनों द्वारा किया जाता है. आमतौर पर कुल वेतन का 12% कर्मचारी और 12% नियोक्ता द्वारा जमा किया जाता है. नियोक्ता का योगदान दो हिस्सों में बंटा होता है – EPF और EPS (Employees’ Pension Scheme). कर्मचारी का पूरा योगदान EPF खाते में जमा होता है

योगदान का विवरण तालिका में:

योगदानकर्ता कुल योगदान (%) EPF में (%) EPS (पेंशन) में (%)
कर्मचारी 12 12 0
नियोक्ता 12 3.67 8.33

महत्वपूर्ण: कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए (Dearness Allowance) का 12% EPF खाते में जाता है. नियोक्ता के 12% में से 3.67% EPF और 8.33% EPS (पेंशन स्कीम) में जमा होता है.

EPF के लाभ और महत्व

EPFO (Provident Fund) योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देती है. इसके अलावा, EPF पर मिलने वाला ब्याज बैंक के एफडी से अधिक होता है, जिससे आपकी जमा राशि बेहतर तरीके से बढ़ती है. EPF में जमा राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज, और निकासी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है यदि आपने 5 साल से अधिक समय तक योगदान किया हो. इसके अलावा, EPF से आपातकालीन जरूरतों के लिए आंशिक निकासी की भी अनुमति मिलती है.

EPF के प्रमुख लाभ:

  • आर्थिक सुरक्षा: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय.
  • ब्याज दर: लगभग 8% से 8.5% तक.
  • टैक्स में छूट: 5 साल बाद निकासी टैक्स फ्री.
  • आंशिक निकासी: शादी, मकान, शिक्षा और मेडिकल जैसे जरूरतों के लिए.
  • ऑनलाइन सेवा: क्लेम और ट्रांसफर की सुविधा.

EPF खाते से निकासी के प्रकार

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EPF खाते से दो तरह की निकासी की जा सकती है: पूर्ण निकासी और आंशिक निकासी. पूर्ण निकासी आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद या नौकरी छोड़ने के बाद की जाती है. वहीं आंशिक निकासी जीवन के महत्वपूर्ण मौकों के लिए की जाती है, जैसे शादी, मकान निर्माण, या मेडिकल इमरजेंसी.

EPF निकासी के प्रकार और उनकी शर्तें:

निकासी का प्रकार पात्रता / कारण शर्तें और लिमिट
पूर्ण निकासी 58 वर्ष की उम्र, नौकरी छोड़ना 2 महीने बेरोजगारी के बाद
आंशिक निकासी (शादी) कर्मचारी या बच्चे की शादी बेसिक+DA का 50%, 7 साल सेवा
आंशिक निकासी (मकान) मकान खरीदना या बनवाना बेसिक+DA का 90%, 5 साल सेवा
आंशिक निकासी (शिक्षा) बच्चों की उच्च शिक्षा बेसिक+DA का 50%, 7 साल सेवा
मेडिकल इमरजेंसी गंभीर बीमारी या इलाज 6 माह की बेसिक+DA, कोई सेवा सीमा नहीं
प्राकृतिक आपदा आपदा प्रभावित होने पर बेसिक+DA का 50%, प्रमाण पत्र जरूरी

EPF ट्रांसफर कैसे करें?

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जब कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो उसका EPF अकाउंट भी नए नियोक्ता के साथ ट्रांसफर होना चाहिए. यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होती है और इसके लिए नया UAN लेने की जरूरत नहीं होती. पुराने UAN को नए नियोक्ता के साथ लिंक कर ट्रांसफर किया जाता है.

EPF ट्रांसफर की प्रक्रिया:

  • EPFO की वेबसाइट पर लॉगिन करें.
  • ‘One Member One EPF Account’ विकल्प चुनें.
  • पुराने और नए अकाउंट की जानकारी भरें.
  • फॉर्म ऑनलाइन सबमिट करें.
  • ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपके पुराने EPF खाते का पैसा नए खाते में ट्रांसफर हो जाएगा.

EPF खाते की जानकारी कैसे जांचें?

आप अपना EPF बैलेंस (pf balance check), पासबुक और निकासी स्थिति आसानी से ऑनलाइन या मोबाइल से देख सकते हैं. इसके कई तरीके हैं जो बहुत सरल और तेज हैं.

EPF बैलेंस और स्टेटस जांचने के तरीके:

  • EPFO की वेबसाइट पर लॉगिन करके.
  • UMANG ऐप डाउनलोड कर EPF सेक्शन में.
  • SMS के जरिए: EPFOHO UAN ENG टाइप कर 7738299899 पर भेजें.
  • मिस्ड कॉल: 9966044425 पर मिस्ड कॉल दें

EPF निकासी के दौरान सावधानियां

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EPF से निकासी करते समय आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपका क्लेम बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके.

सावधानियां:

  • KYC विवरण (आधार, पैन, बैंक) अपडेट और सत्यापित होना चाहिए.
  • फर्जी दस्तावेज न दें.
  • मोबाइल नंबर और ईमेल EPFO पोर्टल पर अपडेट रखें.
  • क्लेम के लिए सही कारण और दस्तावेज़ प्रस्तुत करें.
  • गलत जानकारी देने पर आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.

EPF के फायदे और उपयोगिता

EPF सिर्फ रिटायरमेंट की योजना नहीं, बल्कि यह आपकी आज की आर्थिक जरूरतों में भी मदद करता है. यह आपको लंबे समय तक बचत करने और उसका सुरक्षित निवेश सुनिश्चित करता है. EPF की ब्याज दर बैंक एफडी से बेहतर होती है और इसमें जमा राशि पर टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा, EPF की ऑनलाइन सेवाओं से पैसा निकालना, ट्रांसफर करना बहुत आसान हो गया है.

EPF के फायदे:

  • आर्थिक सुरक्षा.
  • बेहतर ब्याज दर.
  • टैक्स में छूट.
  • ऑनलाइन क्लेम और ट्रांसफर.
  • आंशिक निकासी की सुविधा.
  • पेंशन स्कीम से भविष्य में नियमित आय.

हाल की EPFO अपडेट्स (2024-25)

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EPFO लगातार अपनी सेवाओं को बेहतर बना रहा है. हाल ही में कुछ नई सुविधाएं और बदलाव हुए हैं जो कर्मचारियों के लिए लाभकारी हैं.

ताजा अपडेट्स:

  • UPI और ATM के जरिए EPF निकासी की सुविधा.
  • ऑटो-सेटलमेंट लिमिट ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने का प्रस्ताव.
  • 96% से ज्यादा क्लेम ऑटोमेटेड प्रोसेसिंग से निपटाए जा रहे हैं.
  • क्लेम सेटलमेंट की अवधि 3 दिनों तक कम हुई है.
  • ऑनलाइन ट्रैकिंग और मोबाइल ऐप के जरिए क्लेम स्टेटस जांचना आसान हुआ है.

निष्कर्ष

EPF योजना भारत के संगठित क्षेत्र के करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा योजना है. यह न केवल रिटायरमेंट के बाद आय का जरिया है, बल्कि जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पड़ावों पर भी आर्थिक सहारा प्रदान करता है. EPFO द्वारा उपलब्ध कराई गई डिजिटल सेवाओं ने इस योजना को और भी उपयोगी, पारदर्शी और सुलभ बना दिया है. इसलिए सभी कर्मचारी चाहिए कि वे अपने EPF खाते की नियमित जांच करें, KYC अपडेट रखें और जरूरत पड़ने पर समय पर निकासी या ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करें.

FAQ

EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) एक बचत योजना है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता हर महीने योगदान करते हैं ताकि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके. वहीं EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) भारत सरकार का संगठन है जो इस योजना का प्रबंधन और संचालन करता है.

पूर्ण निकासी के लिए कर्मचारी को नौकरी छोड़ने के बाद कम से कम 2 महीने तक बेरोजगार रहना आवश्यक है. हालांकि, मेडिकल इमरजेंसी या आंशिक निकासी के मामलों में यह नियम लागू नहीं होता.

यदि आपने EPF में 5 साल से कम समय तक योगदान किया है, तो निकासी पर टैक्स लगता है और TDS भी कटता है. लेकिन यदि योगदान 5 साल या उससे अधिक का है, तो पूरी निकासी टैक्स फ्री होती है.

EPF से आंशिक निकासी निम्नलिखित कारणों से की जा सकती है:

  • शादी (स्वयं या बच्चों की)
  • मकान खरीदना या बनवाना
  • बच्चों की उच्च शिक्षा
  • मेडिकल इमरजेंसी
  • प्राकृतिक आपदा से नुकसान

हर कारण के लिए विशिष्ट शर्तें और सेवा अवधि निर्धारित है.

जरूरी दस्तावेज़ों में शामिल हैं:

  • UAN नंबर
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड (₹5 लाख से अधिक निकासी पर)
  • बैंक पासबुक या चेक की कॉपी

निकासी कारण से संबंधित प्रमाण (जैसे मेडिकल रिपोर्ट, शादी कार्ड, मकान के दस्तावेज़)

आप EPFO की वेबसाइट या UMANG ऐप के माध्यम से PF निकासी के लिए फॉर्म-31, 19 या 10C भर सकते हैं. KYC वेरीफिकेशन और फॉर्म सबमिट करने के बाद, निकासी आमतौर पर 3 से 10 कार्यदिवसों के भीतर आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है. ऑटोमेटेड क्लेम सिस्टम से यह समय और भी कम हो सकता है.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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