भारत में Types of Road, Highway और Expressway: सम्पूर्ण मार्ग परिचय, Lane Systems एवं सरकार की योजनाएं

भारत में Types of Road, Highway और Expressway: सम्पूर्ण मार्ग परिचय, Lane Systems एवं सरकार की योजनाएं

Authored By: Nishant Singh

Published On: Tuesday, June 17, 2025

Updated On: Monday, June 16, 2025

All About Types of roads highways and expressways in india till 2025

भारत का सड़क नेटवर्क (Road Network) न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बल्कि गांव, कस्बों और शहरों को जोड़ने वाला जीवनरेखा भी. यहां Types of Roads in India जैसे Village Roads, State Highways, National Highways और Expressway Network मिलकर एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं. इस लेख में जानें भारत में सड़कों के प्रकार (Road Types), उनके निर्माण की तकनीक, Highway Classification, Lane System, निर्माण सामग्री (Construction Materials) के आधार पर वर्गीकरण, Road Development Schemes, Modern Road Technology और Road Safety Measures से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी.

Authored By: Nishant Singh

Updated On: Monday, June 16, 2025

इस लेख में:

भारत एक बहुत बड़ा देश है – यहाँ हर तरफ अलग-अलग मौसम, लोग, संस्कृति और ज़रूरतें हैं. किसी को खेत से मंडी जाना होता है, किसी को स्कूल, ऑफिस या अस्पताल. ऐसे में सबको जोड़ने का काम करती हैं — सड़कें. ये सिर्फ रास्ते नहीं होतीं, ये दिलों और ज़िंदगियों को जोड़ने वाली रेखाएँ होती हैं.

भारत की सड़कें हमें एक शहर से दूसरे, एक राज्य से दूसरे और गांवों को देश से जोड़ती हैं. ये हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, खेती और कारोबार सबको चलाने में मदद करती हैं.

इस लेख में हम जानेंगे कि भारत में किस तरह की सड़कें होती हैं – जैसे कि ग्राम सड़कें, जिला सड़कें, राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और सीमा सड़कें. हम इन सड़कों की खासियतों, कामों और उनके निर्माण से जुड़ी जरूरी बातों को आसान भाषा और तालिकाओं की मदद से समझेंगे.

सड़कें क्यों ज़रूरी हैं? (Why Roads are important)

सड़कें किसी भी देश की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति की रीढ़ होती हैं. ये न केवल लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करती हैं, बल्कि व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित करती हैं. ग्रामीण भारत में सड़कें किसानों को मंडियों से जोड़ती हैं और शहरी क्षेत्रों में उद्योगों को बाज़ारों से. सड़क नेटवर्क जितना बेहतर होता है, देश की विकास गति उतनी ही तेज़ होती है. यही कारण है कि सड़कें केवल यातायात का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र के विकास की जीवनरेखा होती हैं.

भारत में सड़क नेटवर्क का वर्गीकरण

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भारत में सड़कों को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया गया है:

श्रेणी विशेषता जिम्मेदार एजेंसी
राष्ट्रीय राजमार्ग देश के राज्यों और प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सड़कें केंद्र सरकार (NHAI)
राज्य राजमार्ग एक राज्य के भीतर मुख्य शहरों को जोड़ने वाली सड़कें राज्य सरकार
जिला सड़कें जिले के भीतर कस्बों और गांवों को जोड़ने वाली सड़कें जिला प्रशासन
ग्राम सड़कें छोटे गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने वाली सड़कें ग्राम पंचायत / राज्य ग्रामीण योजना
एक्सप्रेसवे हाई-स्पीड, नियंत्रित प्रवेश वाली आधुनिक सड़कें केंद्र सरकार (विशेष प्राधिकरण)
सीमा सड़कें सीमावर्ती इलाकों में निर्माण की गई सड़कें सीमा सड़क संगठन (BRO)

राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways – NH)

राष्ट्रीय राजमार्ग भारत के प्रमुख सड़क मार्ग होते हैं जो देश के राज्यों, बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों और सीमा चौकियों को जोड़ते हैं. इनका प्रबंधन और विकास राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करता है. ये सड़कें आमतौर पर 4 से 8 लेन की होती हैं.

विशेषताएं:

  • उच्च गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री
  • तीव्र और सुरक्षित यातायात
  • नियमित टोल प्लाज़ा
  • आपातकालीन सेवा और पेट्रोलिंग सुविधा

उदाहरण:

  • NH-44: कश्मीर से कन्याकुमारी तक
  • NH-48: दिल्ली से मुंबई तक

राज्य राजमार्ग (State Highways – SH)

राज्य राजमार्ग किसी राज्य के भीतर विभिन्न जिलों और शहरों को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग होते हैं. इनका निर्माण राज्य सरकारों के सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किया जाता है.

विशेषताएं:

  • आमतौर पर 2 से 4 लेन
  • राज्य के विकास के लिए आवश्यक
  • कई बार राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ते हैं

जिला सड़कें (District Roads)

जिला सड़कें किसी जिले के अंतर्गत आने वाले कस्बों, गाँवों और स्थानीय बस्तियों को जोड़ने का काम करती हैं. इनका रख-रखाव स्थानीय निकाय या जिला पंचायत द्वारा किया जाता है.

उद्देश्य:

  • ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों को जोड़ना
  • स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यापार की पहुँच सुगम बनाना

ग्राम सड़कें (Village Roads)

ग्राम सड़कें गाँवों को मुख्य सड़क नेटवर्क से जोड़ती हैं. इन सड़कों का निर्माण सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत किया जाता है.

उपयोगिता:

  • किसानों को मंडी तक पहुँचाने का रास्ता
  • बच्चों को स्कूल और बुजुर्गों को अस्पताल पहुँचाने का माध्यम

एक्सप्रेसवे (Expressways)

एक्सप्रेसवे भारत में सबसे उन्नत और तेज़ यातायात वाली सड़कें हैं. ये विशेष रूप से डिज़ाइन की गई सड़कें होती हैं जिनमें नियंत्रित प्रवेश और निकास होता है. वाहनों की गति सीमा अधिक होती है (अक्सर 120 किमी/घंटा) और ये सड़कें बहु-लेन (6 से 12 लेन) होती हैं.

एक्सप्रेसवे का नाम लंबाई (किमी) प्रमुख राज्य विशेषता
दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे 1380 हरियाणा, एमपी, गुजरात भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 उत्तर प्रदेश फाइटर जेट लैंडिंग की सुविधा
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340.8 उत्तर प्रदेश पूर्वी यूपी को राजधानी से जोड़ता
मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे 94.5 महाराष्ट्र भारत का पहला एक्सप्रेसवे

एक्सप्रेसवे बनाम राष्ट्रीय राजमार्ग: एक तुलनात्मक विश्लेषण (Expressways vs State Highways)

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विशेषता राष्ट्रीय राजमार्ग एक्सप्रेसवे
नियंत्रण अर्ध-नियंत्रित प्रवेश पूर्ण नियंत्रित प्रवेश
गति सीमा 80-100 किमी/घंटा 100-120 किमी/घंटा
लेन 2–6 लेन 6–12 लेन
सुरक्षा सीमित उच्च स्तरीय
टोल अक्सर हमेशा

सीमा सड़कें (Border Roads)

सीमा सड़कें उन क्षेत्रों में बनाई जाती हैं जो भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के समीप स्थित होते हैं. इनका निर्माण सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation – BRO) द्वारा किया जाता है. इनका उपयोग सैन्य वाणिज्यिक एवं नागरिक उद्देश्यों में किया जाता है.

रणनीतिक महत्व:

  • सैन्य तैनाती में मदद
  • आपदा राहत पहुँचाने में सहायक
  • दूरस्थ इलाकों के लिए जीवन रेखा

अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग (International Highways)

भारत से अन्य देशों की सीमाओं तक जाने वाले कुछ मार्ग अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाते हैं. उदाहरण के लिए भारत–म्यांमार–थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग, जो तीन देशों को सड़क मार्ग से जोड़ता है.

निर्माण सामग्री के आधार पर सड़कें

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सड़कों का निर्माण कई तरह की चीज़ों से किया जाता है, जैसे मिट्टी, ईंट, गिट्टी, डामर (बिटुमिन) और सीमेंट. गाँवों में कच्ची मिट्टी वाली सड़कें आम होती हैं, जबकि शहरों में पक्की और मजबूत डामर या सीमेंट वाली सड़कें बनती हैं. जो सड़कें भारी वाहनों और बारिश को सहन कर सकें, उन्हें मजबूत सामग्री से बनाया जाता है ताकि वो लंबे समय तक टिक सकें.

सड़क का प्रकार निर्माण सामग्री विशेषताएं
कच्ची सड़क मिट्टी सबसे सस्ती, ग्रामीण इलाकों में उपयोगी
ग्रेवल सड़क बजरी + मिट्टी टिकाऊ, पर भारी वाहन के लिए नहीं
मुर्रम सड़क लाल मिट्टी सख्त, लेकिन सीमित जीवनकाल
कंकर सड़क कंकर (अशुद्ध चूना) असमान सतह
डब्ल्यूबीएम पत्थर + पानी मध्यम ट्रैफिक के लिए
डब्ल्यूएमएम मिश्रित पत्थर + पानी डब्ल्यूबीएम से बेहतर
बिटुमिनस डामर लचीली, शहरों में आम
कंक्रीट सीमेंट + स्टील महंगी पर टिकाऊ

लेन प्रणाली (Lane Systems)

जब सड़क पर बहुत सारे वाहन चलते हैं, तो उन्हें सही दिशा और लाइन में चलाने के लिए “लेन प्रणाली” बनाई जाती है. लेन यानी सड़क पर बनी लाइनें, जो यह बताती हैं कि किस वाहन को कहाँ चलना है. जैसे तेज़ गाड़ी दाईं ओर और धीमी गाड़ी बाईं ओर. इससे ट्रैफिक सुचारू रहता है और टक्कर की संभावना कम होती है. एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी सड़कों पर तो कई लेन होती हैं, जिससे सफर आसान और सुरक्षित बनता है.

लेन प्रकार विवरण
सिंगल लेन दोनों दिशाओं में एक ही लेन, गाँवों में
डबल लेन दो लेन, प्रत्येक दिशा में एक-एक
चार लेन प्रत्येक दिशा में दो-दो लेन
छह लेन तीन-तीन लेन दोनों ओर
आठ लेन चार-चार लेन दोनों ओर
मल्टी लेन इससे अधिक, व्यस्त मार्गों पर
एक्सप्रेस लेन हाई स्पीड वाहनों के लिए, सीमित एंट्री
राउंडअबाउट गोल चक्कर, सिग्नल रहित ट्रैफिक कंट्रोल

आधुनिक तकनीक का उपयोग

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भारत में सड़क निर्माण में अब आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है जैसे:

  • ग्रीन टेक्नोलॉजी: प्लास्टिक से सड़कें बनाना
  • GPS आधारित टोलिंग सिस्टम
  • डिजिटल सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणाली
  • स्मार्ट हाईवे परियोजना

सरकार की योजनाएं

भारत सरकार सड़कों के विकास के लिए कई बेहतरीन योजनाएँ चला रही है ताकि हर गाँव, शहर और राज्य आपस में अच्छे से जुड़ सकें. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना गाँवों को पक्की सड़कों से जोड़ती है, जबकि भारतमाला परियोजना देशभर में तेज़ और चौड़ी सड़कों का जाल बिछा रही है. सेतु भारतम योजना के तहत रेलवे क्रॉसिंग पर पुल बनाए जा रहे हैं. इन योजनाओं से देश की रफ्तार बढ़ रही है और हर कोना विकास की ओर बढ़ रहा है.

भारत सरकार ने सड़क विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं:

  • भारतमाला परियोजना: भारत को एक आर्थिक कॉरिडोर के माध्यम से जोड़ना
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाना
  • सेतु भारतम योजना: सभी रेलवे क्रॉसिंग को पुलों से बदलना

प्रमुख सड़क विकास योजनाएं

योजना उद्देश्य
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की सड़कें
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) नेशनल हाईवे निर्माण और रखरखाव
भारतमाला परियोजना लॉजिस्टिक नेटवर्क और कॉरिडोर
सागरमाला परियोजना पोर्ट कनेक्टिविटी के लिए

सड़क सुरक्षा के उपाय

  • सड़क चिन्हों का पालन
  • सीमित गति में वाहन चलाना
  • रिफ्लेक्टर, स्ट्रीट लाइट, और जेब्रा क्रॉसिंग
  • हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग
  • ओवरलोडिंग और शराब पीकर ड्राइव से बचाव

भारत का सड़क नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े नेटवर्कों में से एक है, जो लगभग हर गाँव, शहर, जिले और राज्य को जोड़ता है. यह न केवल भौगोलिक दूरी को कम करता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दूरी को भी घटाता है. एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे उन्नत मार्गों ने भारत की गति को बढ़ाया है, वहीं ग्रामीण सड़कें देश की आत्मा को मुख्यधारा से जोड़ती हैं.

हमारा उत्तरदायित्व है कि हम इन सड़कों का सही तरीके से उपयोग करें, सुरक्षित चलें और सड़क नियमों का पालन करें.

FAQ

भारत में मुख्यतः छह प्रकार की सड़कें होती हैं – ग्राम सड़कें, जिला सड़कें, राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और सीमा सड़कें. इनका निर्माण अलग-अलग जरूरतों और इलाकों के अनुसार किया जाता है, जैसे गाँवों को जोड़ने के लिए ग्राम सड़कें और तेज़ यातायात के लिए एक्सप्रेसवे.

हाइवे सामान्यतः अर्ध-नियंत्रित होते हैं जिनमें कई प्रवेश और निकास बिंदु होते हैं. वहीं एक्सप्रेसवे पूरी तरह नियंत्रित होते हैं, जहाँ एंट्री-एग्जिट सीमित होती है. एक्सप्रेसवे पर वाहन तेज़ गति से चलते हैं और ये अधिक सुरक्षित और चौड़ी लेन वाली सड़कें होती हैं.

राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण और देखरेख केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाता है. ये सड़कें राज्यों, प्रमुख शहरों, बंदरगाहों और सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने का काम करती हैं, और देश की आर्थिक रीढ़ होती हैं.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों को पक्की सड़कों से जोड़ना. यह योजना गांवों को शहरों और मंडियों से जोड़ने में मदद करती है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार तक पहुँच आसान होती है. इसे केंद्र सरकार चलाती है.

सड़क निर्माण में मिट्टी, बजरी, मुर्रम, कंकर, पत्थर, डामर (बिटुमिन) और कंक्रीट जैसी सामग्री का प्रयोग होता है. गाँवों में कच्ची सड़कों के लिए मिट्टी का प्रयोग होता है जबकि शहरों में मजबूत और टिकाऊ डामर या सीमेंट की सड़कों का निर्माण होता है.

भारतमाला परियोजना भारत सरकार की एक बड़ी योजना है, जिसका मकसद देश में तेज़, चौड़ी और सुरक्षित सड़कों का नेटवर्क तैयार करना है. यह योजना आर्थिक कॉरिडोर, औद्योगिक क्षेत्र और सीमावर्ती इलाकों को हाई क्वालिटी सड़क नेटवर्क से जोड़ने का कार्य करती है.

About the Author: Nishant Singh
निशांत कुमार सिंह एक पैसनेट कंटेंट राइटर और डिजिटल मार्केटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता और जनसंचार का गहरा अनुभव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए आकर्षक आर्टिकल लिखने और कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करने में माहिर, निशांत हर लेख में क्रिएटिविटीऔर स्ट्रेटेजी लाते हैं। उनकी विशेषज्ञता SEO-फ्रेंडली और प्रभावशाली कंटेंट बनाने में है, जो दर्शकों से जुड़ता है।
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