कैंसर सर्जन ने बताए आसान आहार और उपवास टिप्स, जिससे कम हो सकता है कैंसर का खतरा
Authored By: Galgotias Times Bureau
Published On: Thursday, November 27, 2025
Updated On: Thursday, November 27, 2025
आपका दैनिक आहार केवल वजन नहीं बल्कि कैंसर के जोखिम को भी प्रभावित करता है. कैंसर विशेषज्ञ डॉ. तरंग कृष्णा बताते हैं कि कौन-से खाद्य पदार्थ फायदेमंद हैं, किनसे बचना चाहिए और आंतरायिक उपवास कैसे आपकी सेहत और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद कर सकता है.
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Updated On: Thursday, November 27, 2025
Cancer Risk Reduction Diet: हम जो रोज़ खाते हैं, उसका असर सिर्फ़ वजन या ऊर्जा पर नहीं, बल्कि हमारे लंबे समय के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. कई बार हम कैलोरी या फैशनेबल डाइट पर ध्यान देते हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं, जबकि कुछ चुपचाप कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं. कैंसर हीलर सेंटर के विशेषज्ञ और 22 साल के अनुभव वाले सर्जन डॉ. तरंग कृष्णा ने राज शमनी के साथ एक पॉडकास्ट में बताया कि कौन से खाद्य पदार्थ कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं और किन चीज़ों से दूरी बनानी चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ और सुरक्षित रह सके.
आंतरायिक उपवास और कैंसर
22 साल के अनुभव वाले कैंसर विशेषज्ञ डॉ. तरंग कृष्णा के अनुसार, आंतरायिक उपवास (Intermittent Fasting) कैंसर और सामान्य स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक असर डाल सकता है. डॉ. कृष्णा बताते हैं कि उपवास के दौरान शरीर और कोशिकाओं को आराम और मरम्मत का समय मिलता है. इस दौरान कोशिकाएँ ‘रखरखाव मोड’ में चली जाती हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक सक्रिय होती है और क्षतिग्रस्त या अनावश्यक कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है. यह प्रक्रिया न केवल कोशिकाओं के कायाकल्प में मदद करती है बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है.
हालांकि, डॉ. कृष्णा एक आम भ्रांति पर भी ध्यान दिलाते हैं. कई लोग सोचते हैं कि कीटोजेनिक आहार (Ketogenic Diet) कैंसर को ठीक कर सकता है. विशेषज्ञ का कहना है कि यह सही नहीं है. शरीर तब ही कीटोजेनिक अवस्था में जाता है जब इसकी वास्तव में ज़रूरत होती है. बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरह के आहार का पालन करना हानिकारक हो सकता है और स्वास्थ्य पर उल्टा असर डाल सकता है.
डॉ. कृष्णा के अनुसार, आंतरायिक उपवास और संतुलित आहार को सही तरीके से अपनाने से कैंसर के जोखिम को कम करने और कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है. इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है.
कीटोजेनिक आहार और आंतरायिक उपवास: विशेषज्ञ की सलाह
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. तरंग कृष्णा के अनुसार, कीटोजेनिक आहार (Ketogenic Diet) हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है. उनका कहना है कि यह तभी अपनाना चाहिए जब आपकी कोशिकाओं या जीन अभिव्यक्ति संकेत दें कि यह आपके लिए लाभकारी होगा. आधी जानकारी या बिना विशेषज्ञ मार्गदर्शन के इस तरह के आहार को अपनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इसके नुकसान लाभ से अधिक हो सकते हैं.
डॉ. कृष्णा बताते हैं कि आंतरायिक उपवास (Intermittent Fasting) कोशिकाओं की मरम्मत, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और चयापचय संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है. उपवास के दौरान कोशिकाएँ ‘रखरखाव मोड’ में चली जाती हैं, जिससे शरीर अनावश्यक या क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को हटाने में सक्षम होता है.
हालांकि, वे जोर देते हैं कि उपवास को हमेशा सोच-समझकर और पेशेवर देखरेख में ही अपनाना चाहिए. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए जरूरी है जो किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं या कैंसर का इलाज करवा रहे हैं. सही मार्गदर्शन और संतुलित दिनचर्या के साथ, उपवास और आहार रणनीतियाँ स्वास्थ्य और कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक हो सकती हैं.
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