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Bank Loan Guarantor: लोन गारंटर बनने में क्या हैं जोखिम, समझ लें वरना होगा बहुत नुकसान
Bank Loan Guarantor: लोन गारंटर बनने में क्या हैं जोखिम, समझ लें वरना होगा बहुत नुकसान
Authored By: Suman
Published On: Sunday, March 30, 2025
Updated On: Sunday, March 30, 2025
Bank Loan Guarantor: बैंक लोन में गारंटर बनने के बहुत से वित्तीय और कानूनी जोखिम हैं. इन सबको पहले समझ लेना और फिर अच्छी तरह से सोच-विचार कर निर्णय लेना जरूरी है.
Authored By: Suman
Updated On: Sunday, March 30, 2025
Bank Loan Guarantor: अक्सर लोगों को किसी खास दोस्त या रिश्तेदार की मदद के लिए उसके बैंक लोन में गारंटर (Bank Loan Guarantor) बनना पड़ता है. आखिर दुनिया ऐसे ही चलती है, सबको एक-दूसरे की मदद करनी ही पड़ती है. लेकिन बैंक लोन में गारंटर बनने के बहुत से वित्तीय और कानूनी जोखिम हैं. इन सबको पहले समझ लेना और फिर अच्छी तरह से सोच-विचार कर निर्णय लेना जरूरी है.
कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी
हमारे देश में ऐसा कानून है कि अगर किसी वजह से कर्जधारक कर्ज नहीं चुका पाया तो गारंटर को कर्ज चुकाना होगा. बैंक या कर्ज देने वाली कोई अन्य संस्था इसके लिए गारंटर को नोटिस भेज सकती है. भारतीय न्याय संहिता में लोन डिफॉल्ट (Default) और धोखाधड़ी की कई धाराओं के तहत गारंटर पर कार्रवाई की जा सकती है.
क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव असर
अगर कर्ज लेने वाला डिफॉल्ट करता है तो इससे आपको क्रेडिट स्कोर पर बहुत खराब असर हो सकता है. कर्ज में किसी भी डिफॉल्ट या लेट पेमेंट पर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज किया जाता है और आपकी क्रेडिट रिपोर्ट खराब होती है. इससे भविष्य में कोई लोन लेने में आपको समस्या हो सकती है. अगर लोन मिले भी तो आपसे ज्यादा ब्याज लिया जा सकता है.
कानूनी दुष्परिणाम
कर्जधारक के डिफॉल्ट या किस्त भुगतान न होने की स्थिति में कर्ज देने वाले बैंक या अन्य संस्थाएं गारंटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं. उसे अदालत जाना पड़ सकता है और मुकदमेबाजी में पैसा खर्च करना पड़ सकता है. इससे गारंटर की वित्तीय हालत (financial condition) खराब हो सकती है.
वित्तीय बोझ बढ़ सकता है
अगर कोई कर्जधारक डिफॉल्ट करता है नहीं चुकाता है तो गारंटर से न सिर्फ लोन अमाउंट बल्कि इंट्रेस्ट पेनल्टी, फाइन आदि भी चार्ज किया जा सकता है. अगर लोन अमाउंट बड़ा है तो इससे आपका आर्थिक बोझ काफी बढ़ सकता है.
मानसिक तनाव
सबसे बड़ी बात यह कि डिफॉल्ट की स्थिति में गारंटर को आर्थिक नुकसान हो या नहीं उसकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर तो पड़ता ही है. पहले तो हमेशा यह तनाव कि कर्ज लेने वाला समय से कर्ज चुकाता रहे और वह डिफॉल्ट कर जाए तो कानूनी कार्रवाई का तनाव. इसके अलावा कर्जधारक से आपके रिश्ते भी खराब हो जाते हैं. आपकी इमेज खराब हो सकती है, आपकी ईमानदारी पर सवाल उठाए जा सकते हैं जिससे आप भावनात्मक रूप से कमजोर हो सकते हैं.
संपत्ति जब्त होने का डर
कर्ज डिफॉल्ट होने की स्थिति में गारंटर से वसूली की जाती है और अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो उसकी संपत्ति जैसे कि जमीन, सोना-चांदी भी जब्त की जा सकती है. यही नहीं, नियम तो ऐसा है कि अगर गारंटर की मौत भी हो जाती है तो डिफॉल्ट की हालत में उसकी संपत्ति को जब्त कर कर्ज वसूली की जा सकती है. हालांकि उसके परिवार के सदस्यों की कोई जवाबदेही नहीं होती.
गारंटी वापस लेना आसान नहीं
अगर कोई एक बार गारंटर हो जाता है, तो उसे अपनी गारंटी वापस लेना या उससे हटना आसान नहीं होता. इसके लिए असल में जो कॉन्ट्रैक्ट भराया जाता है उसमें कड़ी शर्त होती है. गारंटी से हटने के लिए लेंडर यानी बैंक की मंजूरी की जरूरत होती है और बैंक आसानी से इसके लिए तैयार नहीं होते. यह तभी होता है जब कोई दूसरा गारंटर मिल जाए या कर्ज लेने वाले ने लोन की रकम के बदले कुछ गिरवी रख दी हो.
क्या करना चाहिए
अगर किसी खास दोस्त या रिश्तेदार के लिए गारंटन बनना आपकी मजबूरी है तो इस बात को पुख्ता कर लें कि वह वास्तव में जितना लोन ले रहा उसे चुकाने की स्थिति में भी है या नहीं.
गारंटी के एग्रीमेंट और शर्तों को बहुत ध्यान से पढ़ें. अगर कुछ न समझ आ रहा हो तोे किसी वकील की मदद लें. अपनी लायबिलिटी को आप सीमित कर सकते हैं. जैसे कि आप यह तय कर सकते हैं कि आप एक निश्चित राशि या अवधि तक के लिए ही गारंटर रहेंगे.
सभी रिकॉर्ड यानी दस्तावेजों को बहुत संभालकर रखें. आजकल लोन के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी भी आती है तो अगर आपका दोस्त या रिश्तेदार आपको गारंटर बनाना चाहता है तो इसकी जगह उसे लोन का इंश्योरेंस लेने के लिए प्रेरित करें.