चुनाव से पहले नीतीश सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र, क्या सरकार करेगी गुड फील

चुनाव से पहले नीतीश सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र, क्या सरकार करेगी गुड फील

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, July 15, 2025

Last Updated On: Tuesday, July 15, 2025

नीतीश कुमार विधानसभा में अंतिम सत्र के दौरान भाषण देते हुए
नीतीश कुमार विधानसभा में अंतिम सत्र के दौरान भाषण देते हुए

वर्तमान सरकार की नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के मुख्यमंत्रित्वकाल में बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) का अंतिम मानसून सत्र आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आयोजित होने जा रहा है. यह सत्र 21 जुलाई से 25 जुलाई 2025 तक चलेगा और इसमें सरकार की ओर से एक दर्जन से अधिक विधेयकों को पेश करने की योजना बन रही है. नीतीश सरकार का यह अंतिम सत्र चुनाव अभियान का हिस्सा होगा, जिसमें, सरकार लोकलुभावन घोषणाओं और बजट सुधारों के ज़रिए जनता में “गुड-फील” पैदा करना चाहेगी.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Tuesday, July 15, 2025

Nitish Kumar Last Assembly Session : पांच दिन का यह सत्र न केवल विधानसभा कार्यवाही का हिस्सा होगा, बल्कि इसमें सरकार और विपक्ष के बीच आने वाले चुनावों की झलक भी देखने को मिलेगी. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपनी योजनाओं से जनता में भरोसा जगा पाती है या विपक्ष के हमलों से उसे बचाव की मुद्रा में आना पड़ता है.

सरकार की तैयारी

सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन इस सत्र में एकजुट और आक्रामक रुख अपनाने की रणनीति पर काम कर रहा है. माना जा रहा है कि सरकार इस अवसर का उपयोग जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणाओं और “गुड-फील फैक्टर” पैदा करने के लिए करेगी, जिससे चुनावी माहौल को अपने पक्ष में किया जा सके.

विपक्ष का साझा मोर्चा

वहीं दूसरी ओर, विपक्ष ने भी सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है. राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच साझा रणनीति तैयार की जा रही है. विपक्ष का फोकस बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, शिक्षा, बिजली और महंगाई जैसे मुद्दों पर रहेगा. सदन के भीतर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की योजना के तहत विपक्ष तीखे सवाल और बहस के जरिए सरकार को बैकफुट पर लाने की कोशिश करेगा. विपक्ष द्वारा कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और बिजली, शिक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को सदन में उछालने की रणनीति . “3C” (Crime, Corruption, Communalism) को लेकर उनकी आलोचना तीव्र – विपक्ष का दावा है कि इन क्षेत्रों में सरकार की छवि धूमिल हुई है. बिजली, बेरोजगारी, विशेषकर महिलाओं की नौकरी आरक्षण समेत विषयों पर भी विपक्षी दल सवाल कर सकते हैं.

25 जुलाई: मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अंतिम तिथि

सत्र के आखिरी दिन यानी 25 जुलाई 2025 को मतदाता सूची में नामांकन (फॉर्म भरने) की अंतिम तिथि है. ऐसे में विपक्ष इस पूरे सप्ताह इस विषय को बार-बार बहस और विरोध का मुद्दा बना सकता है. विपक्ष का आरोप है कि कई जिलों में नाम हटाने या न जोड़ने जैसी अनियमितताएं सामने आई हैं, जो लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा हैं.

अपराध के मुद्दे पर भी सरकार घिर सकती है

विधानसभा सत्र में कानून-व्यवस्था और बढ़ते अपराध भी प्रमुख मुद्दे बन सकते हैं. राजधानी पटना समेत कई जिलों में हाल के दिनों में हुई आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर नाकामी का आरोप लगाएगा और जवाब की मांग करेगा.

सरकार के लिए चुनौती

यह सत्र नीतीश सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम सत्र है. ऐसे में सरकार को अपनी उपलब्धियों को सामने लाकर जनमत को अपने पक्ष में बनाए रखने की बड़ी चुनौती है. वहीं विपक्ष इस बात को लेकर हमलावर रहेगा कि सरकार जनता के बुनियादी मुद्दों से भटक रही है.

कांग्रेस हाईकमान का निर्देश: स्थानीय मुद्दों को चुनावी एजेंडे से जोड़ें

इस बीच खबर है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बिहार के कांग्रेस विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे विधानसभा सत्र के दौरान स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाएं. उन्हें आगामी चुनावी एजेंडे से जोड़ें. इससे विपक्ष का हमला और अधिक संगठित और आक्रामक नजर आ सकता है.

संभावित टकराव

यह सत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत गरम रहने वाला है, क्योंकि यह वर्तमान विधानसभा का अंतिम सत्र है. चुनावी घोषणाएं और बजट संशोधन प्रस्ताव सामने आएंगे. सरकार गगनयान, कृषि नीति, शिक्षक बहाली, महिलाओं के आरक्षण जैसे मुद्दों पर घोषणाएं कर सकती है.

वहीं विपक्ष कठोर सवालों और स्थाई मुद्दों को सदन में छेड़कर सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करेगा, ये पांच दिन बिहार विधानसभा इतिहास के संभावित सबसे राजनीतिक रूप से गरम सत्रों में से एक साबित हो सकते हैं, जो भविष्य की सत्ता समीकरणों में अहम भूमिका निभाएंगे.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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