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PM मोदी का बिहार दौरा: क्या विकास होगा या बढ़ेगा सियासी घमासान? नेताओं की बड़ी प्रतिक्रियाए
PM मोदी का बिहार दौरा: क्या विकास होगा या बढ़ेगा सियासी घमासान? नेताओं की बड़ी प्रतिक्रियाए
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, June 19, 2025
Last Updated On: Thursday, June 19, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के 20 जून को प्रस्तावित बिहार दौरे को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है. जहां एनडीए (NDA) के नेता इस दौरे को “विकसित बिहार” की दिशा में एक और मजबूत कदम बता रहे हैं, वहीं विपक्ष सवालों की बौछार कर रहा है.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, June 19, 2025
PM Modi Bihar Visit 2025: दरअसल,बिहार विधानसभा का आगामी चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) सिर्फ राज्य की सियासत तक सीमित नहीं रहने वाला, बल्कि यह चुनाव देश की राजनीति में एक नई करवट का संकेत देने जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का विधानसभा परिणाम केंद्र सरकार के भविष्य को गहराई से प्रभावित करेगा. प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट की तरह देखा जा रहा है.
जहां एक ओर गरीबी, बेरोजगारी और सरकारी नौकरी जैसे बुनियादी मुद्दे प्रमुखता से सामने हैं, वहीं सबसे बड़ा राजनीतिक सवाल यह बन गया है कि क्या बिहार एक बार फिर NDA के साथ खड़ा रहेगा या इंडिया गठबंधन को मौका देगा.इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का फोकस बिहार पर अधिक है. NDA में शामिल नेता प्रधानमंत्री की मंशा जानकर ही अपनी ओर से मोर्चा संभाले हुए हैं.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पीएम के दौरे को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकता में जिस तरीके से बिहार दिखता है, यह दर्शाता है कि वे विकसित बिहार के लक्ष्य को लेकर कितने गंभीर हैं. जब-जब पीएम बिहार आए हैं, तब-तब राज्य को हजारों-करोड़ों की सौगात देकर गए हैं. कल का दौरा भी उसी दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा.”
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी बिहार आ रहे हैं और यह जो पैसा खर्च हो रहा है, वह बिहार की जनता का है. वे लोगों से कह रहे हैं कि हमने अनाज और ट्रेन की व्यवस्था की है, लेकिन जनता जानना चाहती है कि पलायन कब रुकेगा? आखिर फैक्ट्रियां सिर्फ गुजरात में ही क्यों लगती हैं, बिहार में क्यों नहीं?”
लोजपा (रामविलास) नेता अरुण भारती (Arun Bharti) ने प्रधानमंत्री की यात्रा को विकासपरक बताते हुए कहा,”पीएम मोदी कल बिहार को कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं समर्पित करेंगे. NDA सरकार लगातार बिहार को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रही है और प्रधानमंत्री का यह दौरा उन प्रयासों को और गति देगा,”
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव (Arun Sav) ने तेजस्वी और लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा, “बिहार की जनता जंगलराज, लूट और माफिया राज को भूली नहीं है जो लालू-तेजस्वी के शासनकाल में चरम पर था. अब डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में बिहार की दिशा-दशा बदल रही है. जनता पूरी तरह NDA के साथ खड़ी है.”
भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) ने सिवान में होने वाली पीएम की जनसभा का जिक्र करते हुए कहा, “जब भी प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) बिहार की धरती पर कदम रखते हैं, RJD की राजनीति हिल जाती है. इस बार भी महागठबंधन में घबराहट है. तेजस्वी यादव को डर है कि मोदी की उपस्थिति से उनका जनाधार खिसक सकता है.”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की यह यात्रा न सिर्फ विकास योजनाओं की घोषणाओं से जुड़ी होगी, बल्कि यह आगामी चुनावी समीकरणों और राजनीतिक दावों-प्रतिदावों के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार की भूमिका राष्ट्रीय राजनीति में बेहद अहम है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंक रहे हैं और कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहते. बिहार को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद चौथा सबसे बड़ा राजनीतिक राज्य माना जाता है, जहां से देश की स्थिरता और नेतृत्व की दिशा तय होती है. यही वजह है कि आगामी बिहार चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का साधन नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने वाला पर्व बन गया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव परिणामों के बाद देश में नई राजनीतिक खेमेबंदी शुरू होगी, जिसका असर 2029 के आम चुनावों पर भी पड़ेगा. इसलिए सभी प्रमुख दल बिहार को राजनीतिक युद्ध का सबसे अहम मोर्चा मानकर मैदान में उतर चुके हैं.