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नो इफ नो बट, ओनली एक जगह से सियासी फाइट में होंगे केजरीवाल
नो इफ नो बट, ओनली एक जगह से सियासी फाइट में होंगे केजरीवाल
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, January 12, 2025
Updated On: Sunday, January 12, 2025
हाल के दिनों में कुछ जगहें खबरें प्रचारित की जा रही थी कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट के अलावा किसी और विधानसभा से भी चुनावी पर्चा भरेंगे। लेकिन, अब अरविंद केजरीवाल की ओर से इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। अब वे केवल और केवल नई दिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। उनके मुकाबले में यहां कांग्रेस से संदीप दीक्षित और भाजपा से प्रवेश वर्मा चुनावी मैदान में हैं।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Sunday, January 12, 2025
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) में उनकी (No If No But) आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा (BJP) के बीच सीधा मुकाबला होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह गठबंधन का चुनाव नहीं है, लेकिन जो भी पार्टियां उनके समर्थन में आएंगी, उनका स्वागत किया जाएगा। केजरीवाल ने दो सीटों से चुनाव लड़ने की अफवाहों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि वह केवल नई दिल्ली सीट से ही चुनाव लड़ेंगे, जो वर्तमान में उनके पास है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कई घोषणाओं के बीच बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर जाट समुदाय को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से जाट समुदाय को धोखा दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि 2015 में भाजपा ने जाट नेताओं को प्रधानमंत्री आवास पर बुलाकर उन्हें आश्वासन दिया था कि दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 2019 में यही वादा किया था, लेकिन अब तक इन वादों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने सवाल उठाया कि राजस्थान के जाट छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में आरक्षण का लाभ क्यों मिलता है, जबकि दिल्ली के जाट छात्रों को यह लाभ नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा, “दिल्ली में जाट समुदाय के हजारों बच्चे डीयू में दाखिला लेने में असमर्थ हैं, क्योंकि समुदाय केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल नहीं है।” केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली में ओबीसी श्रेणी के तहत मान्यता प्राप्त होने के बावजूद केंद्र सरकार ने दिल्ली के जाट समुदाय को लाभ देने से इनकार कर दिया है।
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