बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता जरूरी
Authored By: डॉ. डी.के. गुप्ता
Published On: Tuesday, July 2, 2024
Updated On: Tuesday, July 2, 2024
मानसून सीजन में वातावरण में नमी बढ़ने के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना, मच्छरों से बचाव करना, स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करना, और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
हाइलाइट
मानसून सीजन में बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ने से जुकाम और फ्लू के साथ डेंगू (Dengu), मलेरिया (Malaria), चिकनगुनिया (Chikungunya), टाइफाइड (Typhoid), हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A), गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) संबंधी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना, पानी जमा न होने देना, पोषक आहार लेना, और नियमित रूप से व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। अगर किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। जुकाम और फ्लू का कारण वायरस संक्रमण, तापमान में अचानक बदलाव होता है। इस कारण बुखार, नाक बहना, गले में खराश, खांसी, बदन दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि ठंडी और गीली जगहों से बचें, मास्क पहनें, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जुकाम और फ्लू होने कर डॉक्टर की सलाह लें, आराम करें, तरल पदार्थ का सेवन करें।
टाइफाइड दूषित पानी और भोजन का सेवन करने से होता है। इस कारण तेज बुखार, पेट दर्द, दस्त या कब्ज, भूख कम लगना जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, हाथ धोकर खाना खाएं। रोग होने पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें, डॉक्टर की सलाह लें। हेपेटाइटिस ए संक्रमित पानी और भोजन का सेवन करने से होता है। इस कारण बुखार, थकान, भूख कम लगना, पीलिया जैसे लक्षण दिखते है। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, टीकाकरण कराएं। रोग होने पर आराम करें, डॉक्टर की सलाह लें, उचित दवाओं का सेवन करें। गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवी द्वारा संक्रमित भोजन या पानी है। इससे दस्त, उल्टी, पेट में ऐंठन, बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, हाथ धोकर खाना खाएं। तरल पदार्थ का सेवन करें, डॉक्टर की सलाह लें, प्रोबायोटिक्स का सेवन करें।
डेंगू बुखार एडिस मच्छर के काटने से होता है। इस कारण तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचें, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह लें, आराम करें, तरल पदार्थ का सेवन करें। मलेरिया संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इससे तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते है । बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों से बचें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें, घर के आसपास पानी जमा न होने दें। मलेरिया होने पर दवाओं का सेवन करें, डॉक्टर से परामर्श लें। चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। इस कारण तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते है। बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों से बचें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें। रोग होने पर डॉक्टर से परामर्श लें, दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें।
मानसून सीजन में होने वाली बीमारी (Disease) के लक्षण:
मानसून में बीमारियों के बढ़ने के कारण :
मानसून में बीमारियों से बचने के उपाय:
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