बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता जरूरी

बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता जरूरी

Authored By: डॉ. डी.के. गुप्ता

Published On: Tuesday, July 2, 2024

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

bimariyo se bachav ke liye svachchhata jaruri
bimariyo se bachav ke liye svachchhata jaruri

मानसून सीजन में वातावरण में नमी बढ़ने के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना, मच्छरों से बचाव करना, स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करना, और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना महत्वपूर्ण है। किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

Authored By: डॉ. डी.के. गुप्ता

Last Updated On: Thursday, May 1, 2025

हाइलाइट

  • मानसून में बढ़ जाता है जुकाम और फ्लू के साथ डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए, गैस्ट्रोएंटेराइटिस संबंधी बीमारियों का प्रकोप।
  • मच्छरों से बचाव, स्वच्छ पानी और भोजन के साथ नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना है जरूरी।

मानसून सीजन में बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ने से जुकाम और फ्लू के साथ डेंगू (Dengu), मलेरिया (Malaria), चिकनगुनिया (Chikungunya), टाइफाइड (Typhoid), हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A), गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) संबंधी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना, पानी जमा न होने देना, पोषक आहार लेना, और नियमित रूप से व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। अगर किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। जुकाम और फ्लू का कारण वायरस संक्रमण, तापमान में अचानक बदलाव होता है। इस कारण बुखार, नाक बहना, गले में खराश, खांसी, बदन दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि ठंडी और गीली जगहों से बचें, मास्क पहनें, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जुकाम और फ्लू होने कर डॉक्टर की सलाह लें, आराम करें, तरल पदार्थ का सेवन करें।

टाइफाइड दूषित पानी और भोजन का सेवन करने से होता है। इस कारण तेज बुखार, पेट दर्द, दस्त या कब्ज, भूख कम लगना जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, हाथ धोकर खाना खाएं। रोग होने पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें, डॉक्टर की सलाह लें। हेपेटाइटिस ए संक्रमित पानी और भोजन का सेवन करने से होता है। इस कारण बुखार, थकान, भूख कम लगना, पीलिया जैसे लक्षण दिखते है। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, टीकाकरण कराएं। रोग होने पर आराम करें, डॉक्टर की सलाह लें, उचित दवाओं का सेवन करें। गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण बैक्टीरिया, वायरस, या परजीवी द्वारा संक्रमित भोजन या पानी है। इससे दस्त, उल्टी, पेट में ऐंठन, बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि स्वच्छ पानी और भोजन का सेवन करें, हाथ धोकर खाना खाएं। तरल पदार्थ का सेवन करें, डॉक्टर की सलाह लें, प्रोबायोटिक्स का सेवन करें।

डेंगू बुखार एडिस मच्छर के काटने से होता है। इस कारण तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखते हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचें, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह लें, आराम करें, तरल पदार्थ का सेवन करें। मलेरिया संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इससे तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखते है । बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों से बचें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें, घर के आसपास पानी जमा न होने दें। मलेरिया होने पर दवाओं का सेवन करें, डॉक्टर से परामर्श लें। चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। इस कारण तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखते है। बचाव के लिए जरूरी है कि मच्छरों से बचें, मच्छरदानी और मच्छर निरोधक क्रीम का उपयोग करें। रोग होने पर डॉक्टर से परामर्श लें, दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें।

मानसून सीजन में होने वाली बीमारी (Disease) के लक्षण:

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • आंखों के पीछे दर्द
  • त्वचा पर लाल चकत्ते
  • मतली और उल्टी
  • कंपकंपी और पसीना
  • सिरदर्द
  • थकान
  • पेट दर्द
  • कब्ज या दस्त
  • भूख की कमी
  • गले में खराश
  • नाक बहना या बंद होना
  • खांसी
  • लाल आंखें

मानसून में बीमारियों के बढ़ने के कारण :

  • बारिश के कारण जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जिससे मच्छर पनपते हैं। मच्छरजनित बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है।
  • बारिश के दौरान पानी के स्रोत दूषित हो सकते हैं। ऐसे में लोग अक्सर संक्रमित पानी पी लेते हैं, जिससे डायरिया, हैजा और टाइफाइड जैसी बीमारियां होती हैं।
  • गंदगी और कीचड़ के कारण बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं। नमी के कारण घरों में फंगस और मोल्ड भी बढ़ जाते हैं, जो एलर्जी और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
  • बारिश के कारण ड्रेनेज सिस्टम ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे गंदा पानी और सीवेज सड़कों पर आ जाता है। इससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • भारी बारिश के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं, जिससे लोग घर में बंद हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्तिगत स्वच्छता और साफ-सफाई का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है।
  • मानसून के दौरान तापमान और नमी में बदलाव होता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। इस कारण सर्दी, खांसी और वायरल फीवर जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं।
  • मानसून में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं। संक्रमित या खराब खाना खाने से पेट संबंधी बीमारियाँ और फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
  • बारिश के दौरान लोग गीले कपड़े और जूते पहनते हैं, जो बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का कारण बनते हैं। इससे त्वचा संक्रमण और फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

मानसून में बीमारियों से बचने के उपाय:

  • अपने आस-पास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के पनपने का स्थान बन सकता है। घर के अंदर और बाहर नियमित रूप से सफाई करें।
  • मच्छरदानी का उपयोग करें। मच्छर भगाने वाली क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें। पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
  • केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। सड़क किनारे या खुले में बिकने वाले पानी से बचें।
  • ताजा और साफ-सुथरा खाना खाएं। खुले में बिकने वाले खाने-पीने की चीजों से बचें। सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
  • नियमित रूप से हाथ धोएं, विशेषकर खाना खाने से पहले और टॉयलेट का उपयोग करने के बाद। गीले कपड़े और जूतों को तुरंत बदलें।
  • बरसात के पानी को सही तरीके से निकालें ताकि पानी जमा न हो। ड्रेनेज सिस्टम को साफ रखें।
  • मानसून के मौसम में यदि कोई लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाएं।
  • विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं जैसे कि संतरे, नींबू, और आंवला। इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
चेयरमैन, फेलिक्स हॉस्पिटल, नोएडा
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