Antimicrobial Resistance : एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य

Antimicrobial Resistance : एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है उद्देश्य

Authored By: स्मिता

Published On: Tuesday, November 19, 2024

Updated On: Tuesday, November 19, 2024

world antimicrobial resistance week
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एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के परिणामस्वरूप एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी एजेंट अप्रभावी हो जाते हैं और संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है। इससे बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, November 19, 2024

बैक्टीरिया, वायरस, फन्जाई (Fungi) और परजीवी (Parasite) की प्रतिक्रिया समय के साथ बदलते हैं। उन पर दवाओं का प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसे एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (AMR) कहते हैं। लोगों में जागरूकता और समझ बढ़ाने और दवा प्रतिरोधी संक्रमणों के प्रसार को कम करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन 18-24 नवंबर तक एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस वीक (Antimicrobial Resistance Awareness Week) मनाता है।

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (Antimicrobial Resistance)

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन (Who) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस तब होता है जब दवा प्रतिरोध के परिणामस्वरूप एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी दवाएं अप्रभावी हो जाती हैं। इससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है। मई 2015 में अड़सठवीं विश्व स्वास्थ्य सभा में एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी दवाओं के प्रतिरोध की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक वैश्विक कार्य योजना का समर्थन किया गया था। योजना का प्रमुख उद्देश्य प्रभावी संचार, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से एएमआर के बारे में जागरूकता और समझ में सुधार करना है।

वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस वीक (WAAW)

वर्ल्ड एएमआर जागरूकता सप्ताह (WAAW) एक वैश्विक अभियान है, जो एएमआर के बारे में जागरूकता और समझ में सुधार करने जनता, वन हेल्थ हितधारकों और नीति निर्माताओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह एएमआर के उभरने और फैलने को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्यों होता है एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (Cause of Antimicrobial Resistance)

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी अब रोगाणुरोधी एजेंटों का जवाब नहीं देते हैं। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के परिणामस्वरूप एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी एजेंट अप्रभावी हो जाते हैं और संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है। इससे बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस की थीम (Antimicrobial Resistance Theme)

वर्ल्ड एएमआर जागरूकता सप्ताह (WAAW) 2024 थीम है “शिक्षित करें। वकालत करें। अभी कार्य करें।” यह विषय मानव, पशु, पौधे और पर्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्रों के हितधारकों के बीच एक ऑनलाइन सर्वेक्षण से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर चुना गया था, जिसमें वैश्विक स्तर पर लगभग 200 प्रतिक्रियायें एकत्र की गई थीं।

कई तरह के हो सकते हैं एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (Types of Antimicrobial Resistance)

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी बताते हैं, ‘एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस मेकेनिज्म चार मुख्य श्रेणियों में आते हैं: 1 दवा के अवशोषण को सीमित करना, 2-दवा लक्ष्य को संशोधित करना, 3- दवा को निष्क्रिय करना, 4- सक्रिय दवा का उत्सर्जन। एमआरएसए सबसे आम एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया में से एक है। एमआरएसए संक्रमण के लक्षण अक्सर त्वचा पर छोटे लाल थक्कों के रूप में शुरू होते हैं, जो आगे चलकर गहरे, दर्दनाक फोड़े फोड़े में बदल सकते हैं। ये स्किन के नीचे मवाद से भरे हुए मास होते हैं। इन्हें ओपरेट कर खोला जाना चाहिए और निकाला जाना चाहिए।‘

क्या है उपचार (Antimicrobial Resistance Treatment)

वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस जीवन के किसी भी चरण में लोगों को प्रभावित कर सकता है। रेसिस्टेंस के कारण होने वाले संक्रमण का इलाज करना मुश्किल होता है। कभी-कभी इसका इलाज नहीं हो पाता है। कई मामलों में इन संक्रमणों के लिए लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है।फ़ॉलो अप के लिए डॉक्टर के पास लगातार जाना पड़ता है। ऐसे उपचार की आवश्यकता होती है जो महंगे और संभावित रूप से विषाक्त हो सकते हैं।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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