योग और मेडिटेशन से कंट्रोल में रह सकती है आपकी डायबिटीज

योग और मेडिटेशन से कंट्रोल में रह सकती है आपकी डायबिटीज

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, November 7, 2024

Updated On: Thursday, November 7, 2024

yoga meditation control diabetes
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लाइफस्टाइल के कारण होने वाला रोग है डायबिटीज। ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहने पर जीवनपर्यंत दवाई तो खानी ही पड़ती है। साथ-साथ नियमित रूप से योग और मेडिटेशन करने पर ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Thursday, November 7, 2024

डायबिटीज लाइफस्टाइल में गडबड़ी के कारण होता है। ‘द लैंसेट’ पत्रिका के एक हालिया रिसर्च के अनुसार, भारत की 10 करोड़ आबादी डायबिटीज से ग्रसित है। साथ ही, 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीक हैं। सिर्फ दवाओं से बात नहीं बन सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार, योग एवं अन्य माइंडफुलनेस अभ्यास डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।

साइलेंट किलर है डायबिटीज (Silent Killer Diabetes)

हम डायबिटीज को हल्के में नहीं ले सकते हैं। इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि मधुमेह से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं। दिल के दौरे, स्ट्रोक और निचले अंगों के विच्छेदन का खतरा बढ़ सकता है। अगर हम इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एवं नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के एक सर्वे पर ध्यान दें, तो पुरुषों के मुकाबले (8.5 फीसदी) देश की महिलाओं (10.2 फीसदी) एवं शहरी व्यस्कों में मधुमेह अधिक पाया गया।

टाइप-2 डायबिटीज कैसे होता है

जब शरीर ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है, तो टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका बढ़ जाती है। दवाओं के अलावा आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इसको बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं।

माइंड-बॉडी प्रैक्टिस से कंट्रोल होगा डायबिटीज

रोजमर्रा की जिंदगी के दबाव और तनाव डायबिटीज के प्रमुख कारणों में से एक हैं। माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस तनावग्रस्त, चिंतित और उदास होने के इस निरंतर चक्र को तोड़ने में मदद कर सकती है। नेचर जर्नल की स्टडी के अनुसार, योग और अन्य माइंडफुलनेस प्रैक्टिस से कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल कम होता है। इससे तन और मन दोनों रिलैक्स रहते हैं, जिसे इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार होता है और आपका डायबिटीज कंट्रोल में रहता है। रेगुलर एक्सरसाइज, योग, मेडिटेशन, माइंडफुलनेस आदि की प्रैक्टिस के कई फायदे हैं।

  1. मेडिटेशन के हैं बहुत फायदे

    अपने डेली रूटीन में मेडिटेशन को शामिल किया जा सकता है। सुबह या शाम को कम से कम 10 मिनट मेडिटेशन करने से काफी फर्क नजर आ सकता है। इसके लिए चाहें, तो किसी एक्सपर्ट की राय या मेडिटेशन एप्स की मदद ली जा सकती है।

  2. एक्सरसाइज, योग एवं प्राणायाम का अभ्यास

    किसी योग गुरु या एक्सपर्ट की निगरानी में योग का अभ्यास करें। इसके अलावा प्राणायाम भी जरूर करें। डायबिटीज को कंट्रोल करने में स्लो मार्शल आर्ट टेक्निक कीगॉन्ग भी काफी फायदेमंद साबित हुई है। रेगुलर एक्सरसाइज या योग से मसल्स ब्लड शुगर का बेहतर इस्तेमाल करते हैं और बॉडी भी इंसुलिन का ठीक से उपयोग कर पाती है।

  3. दवाओं एवं डाइट के बीच संतुलन

    डायबिटीज की दवा के साथ संतुलित डाइट जरूरी है। मधुमेह की दवा के अनुपात में बहुत कम भोजन, विशेष रूप से इंसुलिन, खतरनाक रूप से हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकता है। जिसमें शुगर का स्तर एकदम से घट जाता है। वहीं, बहुत अधिक भोजन करने से भी ब्लड शुगर का स्तर अधिक बढ़ सकता है। इसे हाइपरग्लेसेमिया कहते हैं। यानी डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए भोजन और दवा के बीच समन्वय होना जरूरी है।

  4. स्वस्थ आहार लें

    1.फाइबर
    प्रतिदिन 25-30 ग्राम फाइबर फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज लें।
    2.स्वस्थ वसा
    असंतृप्त वसा खाएं, जैसे कि ओलिव, सूरजमुखी, कुसुम, कॉटन सीड्स और कैनोला तेलों में पाए जाने वाले फैट लें। साथ ही नट्स और सीड्स लें।
    3.कम वसा वाला प्रोटीन
    कम वसा वाला चिकन और पोर्क या सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, टूना और कॉड जैसी फिश खाएं।
    4.कम वसा वाला डेयरी
    वसा रहित या कम वसा वाला डेयरी उत्पाद, जैसे कि दूध, दही या पनीर खाएं।
    5.सब्जियां
    प्रतिदिन 4-5 सर्विंग सब्ज़ियां खायें, जो कच्ची, पकी हुई या सब्ज़ियों के जूस के रूप में हो सकती हैं।
    6.फल
    प्रतिदिन 4-5 सर्विंग ताज़े फल खाएं।
    7.साबुत अनाज
    प्रतिदिन 6-8 सर्विंग साबुत अनाज खाएं, जिसे पके हुए चावल, पास्ता या अनाज या ब्रेड के रूप में खाया जा सकता है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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