चिप्स, कुकीज और कोल्ड ड्रिंक की लत शराब के नशे जैसी, नए शोध में चौंकाने वाली बात
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Thursday, July 31, 2025
Updated On: Thursday, July 31, 2025
एक नई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में खुलासा हुआ है कि चिप्स, कुकीज और कोल्ड ड्रिंक जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की लत इंसानों को उसी तरह जकड़ रही है जैसे शराब या ड्रग्स की लत लगती है. 36 देशों में की गई 300 से ज्यादा स्टडीज का विश्लेषण इस चौंकाने वाले नतीजे पर पहुंचा.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Thursday, July 31, 2025
Ultra Processed Food Addiction: क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों हम बार-बार चिप्स, कुकीज या कोल्ड ड्रिंक जैसे स्नैक्स की ओर खिंचे चले जाते हैं? एक नई वैश्विक रिसर्च ने इस सवाल का हैरान करने वाला जवाब दिया है. नेचर मेडिसिन नाम की वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स की लत हमारे दिमाग पर वैसा ही असर डालती है जैसा शराब या कोकीन जैसे नशे करते हैं.
बार-बार सेवन करने को मजबूर युवा
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की शोधकर्ता एशले गियरहार्ट और उनकी टीम ने 36 देशों में की गई करीब 300 स्टडीज का विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है कि ये फूड आइटम दिमाग के ‘प्लेजर सिस्टम’ को सक्रिय कर हमें बार-बार इनका सेवन करने को मजबूर करते हैं. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि इन खाद्य पदार्थों की लत को समय रहते गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह अगली वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है.
दुनिया भर में इसके गंभीर असर
- शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर इन खाने की चीजों को ‘लत’ की तरह नहीं पहचाना गया, तो यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है. दुनिया भर में इसके गंभीर असर हो सकते हैं.
- शोध की मुख्य लेखिका एशले गियरहार्ट ने कहा, ”लोगों को सेब या दाल-चावल की लत नहीं लगती. समस्या उन खाने की चीजों से है, जिन्हें खासतौर पर इस तरह बनाया जाता है कि वे दिमाग पर नशे की तरह असर करें.”
- यह शोध नेचर मेडिसिन पत्रिका नाम की वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ. इसमें 36 देशों में हुई करीब 300 रिसर्च का विश्लेषण किया गया. अध्ययन में पाया गया कि ये प्रोसेस्ड फूड्स दिमाग के उस हिस्से को एक्टिव करते हैं, जो हमें खुशी का अनुभव कराता है. यही वजह है कि इंसान का मन बार-बार इन्हें खाने का करता है, फिर चाहे इससे सेहत को नुकसान ही क्यों न हो. ये सब लक्षण किसी नशे की लत जैसे ही हैं.
न्यूरोइमेजिंग से चौंकाने वाली जानकारी
- न्यूरोइमेजिंग, यानी दिमाग की स्कैनिंग, से भी पता चला कि जो लोग इन चीज़ों को बहुत ज़्यादा खाते हैं, उनके दिमाग में वैसे ही बदलाव देखे जाते हैं, जैसे शराब या कोकीन की लत वाले लोगों में.
- इतना ही नहीं, कुछ दवाएं जो इन खाने की चीजों की तलब को कम करती हैं, वही दवाएं नशे की लत कम करने में भी मदद करती हैं. यानी इन दोनों का असर हमारे दिमाग पर एक जैसा होता है.
- गियरहार्ट की टीम ने बताया कि नाइट्रस ऑक्साइड और कैफीन की लत को मानसिक बीमारियों की किताब में शामिल कर लिया गया है, जबकि प्रोसेस्ड फूड की लत को अभी तक गंभीरता से नहीं लिया गया है, जबकि इसके लिए कई वैज्ञानिक सबूत मौजूद हैं.
रिसर्च के लिए फंड दें सरकार
- इस शोध में दूसरी लेखिका एरिका ला. फाटा ने कहा, ”बाकी चीजों को आसानी से लत के रूप में मान लिया गया है, तो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड को क्यों नहीं? अब समय आ गया है कि इसे भी वैज्ञानिक रूप से उतनी ही गंभीरता से लिया जाए.”
- शोध में कहा गया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों, डॉक्टरों और सरकारों को चाहिए कि वे इस लत को पहचानें, रिसर्च के लिए फंड दें और इलाज के तरीके विकसित करें. साथ ही, बच्चों के लिए विज्ञापन पर रोक, चेतावनी लेबल और जागरूकता फैलाने जैसे नियम भी लागू करें, जैसे तंबाकू आदि चीजों पर होते हैं.
- गियरहार्ट ने कहा, ”हम यह नहीं कह रहे कि हर खाना नशे जैसा होता है, लेकिन कई अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाने की चीजें सचमुच इस तरह बनाई जाती हैं कि लोगों को उनकी लत लग जाए. अगर हम इस सच को नहीं समझेंगे, तो खासकर बच्चों को बहुत नुकसान होगा.”
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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