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Manipur Violence: साल के अंतिम दिन मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने क्यों मांगी माफ़ी
Manipur Violence: साल के अंतिम दिन मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने क्यों मांगी माफ़ी
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, December 31, 2024
Updated On: Thursday, January 23, 2025
मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में नाकाम रहे मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने आज प्रदेशवासियों से माफी मांगी। वर्ष 2023 से जारी हिंसा के कारण मुख्यमंत्री बीरेन सिंह विपक्ष के निशाने पर हैं।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, January 23, 2025
हाइलाइट
- बीरेन सिंह ने मणिपुर के सभी वर्गों से माफ़ करने और अतीत को भूलने को कहा।
- मणिपुर मई 2023 से जारी जातीय हिंसा से झुलस रहा है।
- इस हिंसा में अब 200 से ज़्यादा लोग मारे और हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं।
- 625 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और 12,247 एफआईआर दर्ज हुए हैं।
साल के अंतिम दिन आज मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के सभी वर्गों से माफी मांगी। यहां मई 2023 से ही हिंसा हो रही है। जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर के 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इस दौरान मणिपुर हिंसा पर विपक्ष सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरती रही है।
माफीनामा में क्या बोले बीरेन सिंह
राज्य के लोगों से माफ़ी मांगते हुए उन्होंने सभी वर्गों से अतीत को ‘माफ़ करने और भूल जाने’ की अपील की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मणिपुर में शांति बहाल हो रही है। बीरेन सिंह ने कहा, ‘यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं राज्य के लोगों से पिछले 3 मई से आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए खेद व्यक्त करना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इस दौरान कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपने घर छोड़ दिए। मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। लेकिन अब, मुझे उम्मीद है कि पिछले तीन से चार महीनों में शांति की दिशा में प्रगति देखने के बाद नए साल में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।’
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा
मणिपुर में 3 मई 2023 से ही बहुसंख्यक मैतेई एवं कुकी के बीच कोटा और आर्थिक लाभ को लेकर छिटपुट हिंसा चल रही है। मणिपुर हाईकोर्ट के मैतेई आरक्षण को लेकर उस वक्त दिए गए एक आदेश के बाद वहां हिंसा भड़क गया था। अब तक जारी हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
बातचीत से शांति बहाली
मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा, ‘मणिपुर में शांति बहाल हो रही है। इसका एकमात्र समाधान चर्चा और संवाद है। इसकी पहल केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है। केंद्र ने पहाड़ी और घाटी जिलों की सीमा से लगे संवेदनशील क्षेत्रों में सेना तैनात की है। इससे क्षेत्रों में गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है।’
हजारों विस्थापितों का घर वापसी
हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों में कई परिवारों की घर वापसी भी कारवाई गई है। मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि 2,058 विस्थापित परिवारों को इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में उनके मूल घरों में बसाया गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर हिंसा को रोकने के लिए, सरकार ने एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर) और एनएच-37 (इंफाल-सिलचर वाया जिरीबाम) पर क्रमशः सुरक्षा कर्मियों की 17 और 18 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं।
शस्त्रों की हुई बरामदगी
हिंसा के दौरान राज्य के शस्त्रागारों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूटे गए थे। आंकड़ों के मुताबिक 6,000 हथियार, गोला-बारूद लूट लिए गए थे। मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि लूटे गए हथियारों में से 3,000 से अधिक हथियार बरामद कर लिये गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 625 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं। हिंसा से प्रभावित विस्थापित लोगों की सहायता को प्राथमिकता दे रही है।
जनसंख्या वृद्धि पर चिंता
मुख्यमंत्री सिंह ने जोर देते हुए कि मणिपुर जनसंख्या प्रवाह के मुद्दे से जूझ रहा है। इसलिए आधार से जुड़ा जन्म पंजीकरण जनवरी 2025 से शुरू किया जाएगा। उनके मुताबिक पहले चरण में इसे तीन जिलों में लागू की जाएगी।
जन्म पंजीकरण को अनिवार्य किया जाएगा। इसे हर पांच साल में अपडेट करना होगा। मणिपुर सरकार के मुताबिक राज्य के कुछ जिलों की मतदाता सूची में 420 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए, यह पहल शुरू की गई।
अवैध प्रवासियों की पहचान
मुख्यमंत्री ने आज कहा कि सरकार ने आवश्यक इनर लाइन परमिट के बिना राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करेगी। इस कार्यवाही को और बढ़ाया जाएगा।