Special Coverage
तहव्वुर राणा के बाद मेहुल चौकसी पर कसा शिकंजा, बेल्जियम से भारत लाया जाएगा
तहव्वुर राणा के बाद मेहुल चौकसी पर कसा शिकंजा, बेल्जियम से भारत लाया जाएगा
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, April 14, 2025
Updated On: Monday, April 14, 2025
आर्थिक अपराधों के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है. भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है. 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद अब भारत सरकार ने पीएनबी (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी (Mehul Chowksi) के खिलाफ भी शिकंजा कस दिया है. चौकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उसे जल्द ही भारत लाया जाएगा.
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, April 14, 2025
Mehul Choksi Arrest : जानकारी के मुताबिक, मेहुल चौकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम के एक अस्पताल में अरेस्ट किया गया. उसकी गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों के अनुरोध पर की गई है. गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ने चौकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है.
मेहुल चौकसी (Mehul Chowksi), जो पहले एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता लेकर वहां रह रहा था, लंबे समय से भारत से फरार है. उस पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है. इस मामले में उसका भांजा नीरव मोदी (Neerav Modi) भी शामिल है, जो अभी ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है.
कौन है मेहुल चौकसी?
मेहुल चौकसी एक भारतीय मूल का हीरा कारोबारी है, जो देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक — पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले — का मुख्य आरोपी है. यह घोटाला लगभग 13,500 करोड़ रुपये का था और इसमें चौकसी के साथ उसका भांजा नीरव मोदी भी सह-आरोपी है. पेशे से हीरा व्यापारी, Gitanjali Gems Ltd. का प्रमोटर और पूर्व चेयरमैन. यह कंपनी भारत में ज्वेलरी का एक बड़ा ब्रांड थी. मेहुल चौकसी पर आरोप है कि उसने PNB के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए विदेशी बैंकों से भारी रकम उधार ली और उसे चुका नहीं पाया. यह सब बिना बैंक की जानकारी के हुआ, जिससे PNB को भारी नुकसान हुआ.
भारत से फरारी
घोटाले का खुलासा होने से कुछ समय पहले ही 2018 में मेहुल चौकसी भारत छोड़कर भाग गया. बाद में पता चला कि उसने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली है. भारत सरकार ने चौकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया और उसके प्रत्यर्पण के लिए कई देशों से कानूनी प्रयास किए। उसके खिलाफ CBI और ED द्वारा कई मामले दर्ज हैं.
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
मेहुल चौकसी का मामला न केवल एक आर्थिक घोटाले से जुड़ा है, बल्कि यह भारत की बैंकिंग प्रणाली, सरकारी नियंत्रण, और प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाता है. उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण भारत की कूटनीतिक और कानूनी सफलता मानी जा रही है.
सूत्रों का कहना है कि चौकसी (Mehul Chowksi) को बेल्जियम से भारत लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही उसे भारत लाया जा सकता है. उसकी वापसी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) उससे गहन पूछताछ करेंगी.
पहले भी दूसरे आरोपी पर हो चुकी है कार्रवाई
मेहुल चौकसी (Mehul Chowksi) की गिरफ्तारी भारत सरकार की उन कोशिशों का हिस्सा है, जिसके तहत भगोड़े आर्थिक अपराधियों को देश में लाकर कानून के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. इससे पहले विजय माल्या, नीरव मोदी और राणा कपूर जैसे नामों पर भी कार्रवाई की जा चुकी है.
सूत्रों का कहना है कि मेहुल चौकसी (Mehul Chowksi) की गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों के अनुरोध पर की गई है. उसे लंबे समय से तलाशा जा रहा था. अब गिरफ्तारी से भारत सरकार को उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) इस घोटाले की जांच कर रही हैं. चौकसी गिरफ्तारी से पहले एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता लेकर वहीं रह रहा था, लेकिन अब उसकी लोकेशन बेल्जियम में पाई गई.