Shankaracharya statement on Rahul Gandhi: शंकराचार्य क्यों भड़के राहुल गांधी पर, कही हिंदू धर्म से निष्कासित होने की बात

Shankaracharya statement on Rahul Gandhi: शंकराचार्य क्यों भड़के राहुल गांधी पर, कही हिंदू धर्म से निष्कासित होने की बात

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, May 5, 2025

Last Updated On: Monday, May 5, 2025

Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda and Rahul Gandhi in a heated religious controversy over Hindu identity and Manusmriti remarks..
Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda and Rahul Gandhi in a heated religious controversy over Hindu identity and Manusmriti remarks..

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक हालिया बयान और कथित आचरण को लेकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati of Jyotish Peeth) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू धर्म की मर्यादाओं और परंपराओं का लगातार उल्लंघन करता है, तो उसे धर्म से निष्कासित किए जाने का भी प्रावधान है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, May 5, 2025

Shankaracharya statement on Rahul Gandhi: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati of Jyotish Peeth) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आचरण को सीधे-सीधे हिंदू मान्यताओं के विरुद्ध बताते हुए कहा कि धर्म केवल जन्म से नहीं, आचरण से होता है. उन्होंने कहा, “राजनीति के लिए धर्म का दिखावा करना और वास्तविक धार्मिक आचरण से दूर रहना एक गंभीर विषय है. यदि कोई व्यक्ति सनातन धर्म की मूल आस्थाओं और अनुशासन का निरंतर अपमान करता है, तो ऐसे व्यक्ति को हिंदू धर्म में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.”

राहुल गांधी को शंकराचार्य ने घोषित किया गैर हिंदू

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati of Jyotish Peeth) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को हिंदू धर्म से निष्कासित घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब हिंदू नहीं रहे और देशभर के मंदिरों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. यह विवाद संसद में राहुल गांधी द्वारा की गई मनुस्मृति पर टिप्पणी के बाद गहराया है, जिसे शंकराचार्य ने सनातन धर्म का अपमान बताया.

शंकराचार्य ने कहा, “राहुल गांधी ने जिस तरह संसद में मनुस्मृति (Manusmriti) को लेकर बयान दिया, वह न केवल अनुचित है, बल्कि करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है.“ उन्होंने बताया कि इस विषय पर तीन महीने पहले राहुल गांधी से उनके रुख को स्पष्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन अब तक कोई उत्तर नहीं मिला. शंकराचार्य का यह भी कहना है कि धर्म केवल पूजा करने या मंदिर में प्रवेश करने से नहीं होता, बल्कि उसके नियमों और मान्यताओं का सम्मान करना आवश्यक होता हैण् उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि कोई व्यक्ति बार-बार सनातन मूल्यों का अपमान करता है, तो उसे धर्म से निष्कासित किया जा सकता है.

राहुल गांधी पर मंदिरों में प्रवेश और पूजा पर रोक लगाने की अपील

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सभी हिंदू पुजारियों से अपील की है कि वे राहुल गांधी के लिए किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा का आयोजन न करें. साथ ही उन्होंने मांग की है कि उन्हें देशभर के मंदिरों में प्रवेश से भी वंचित किया जाए. उन्होंने कहा, “जब राहुल गांधी ने भाजपा की बेंच की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘यह आपकी किताब में लिखा है’, तो स्पष्ट था कि वे खुद को उस परंपरा से अलग मानते हैं. जो व्यक्ति मनुस्मृति को अपना ग्रंथ नहीं मानता, वह हिंदू नहीं हो सकता.”

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि हमने निर्णय लिया है कि जब तक राहुल गांधी अपनी बात स्पष्ट नहीं करते और सार्वजनिक रूप से क्षमा नहीं मांगते, तब तक न तो उन्हें मंदिरों में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, और न ही कोई पुजारी उनके लिए पूजा-अनुष्ठान करें.”

दिलचस्प बात यह है कि पिछले वर्ष शंकराचार्य ने राहुल गांधी की कुछ टिप्पणियों का समर्थन किया था, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई थी. लेकिन अब उनके रुख में आए इस बदलाव ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है.

शंकराचार्य के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. भाजपा नेताओं ने इसे राहुल गांधी की “धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू आस्था का अपमान” करार दिया है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने बयान को “राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित” बताया है. शंकराचार्य के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि सनातन धर्म की मर्यादाओं पर सार्वजनिक मंचों पर होने वाली टिप्पणियों और कार्यों को लेकर अब धार्मिक जगत की ओर से भी सख्त प्रतिक्रियाएँ आने लगी हैं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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