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Nitish Kumar vs Prashant Kishor: बगहा है सीएम नीतीश कुमार का गांव, यहां से शुरू करने जा रहे हैं PK अपना अभियान
Nitish Kumar vs Prashant Kishor: बगहा है सीएम नीतीश कुमार का गांव, यहां से शुरू करने जा रहे हैं PK अपना अभियान
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, May 5, 2025
Last Updated On: Monday, May 5, 2025
राजनीति में रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार उन्होंने अपने नए जनसुराज अभियान (Jansuraj campaign) की शुरुआत बगहा से करने का ऐलान किया है. एक ऐसा इलाका जिसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का 'गांव' कहा जाता है. PK का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि वे सीधे नीतीश कुमार को उनकी "राजनीतिक जमीन" पर चुनौती देने को तैयार हैं.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Monday, May 5, 2025
Nitish Kumar vs Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। वे 11 मई से नालंदा जिले के कल्याण बिगहा — नीतीश कुमार के पैतृक गांव — से जनजागरूकता और आंदोलनात्मक अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।
प्रशांत किशोर (PK) ने ऐलान किया कि उनका यह अभियान सरकार के वादों की हकीकत को उजागर करेगा. उन्होंने कहा, “जनता को यह जानने का हक है कि जिन वादों पर 20 सालों से वोट लिए जा रहे हैं, वे जमीन पर कितना उतरे हैं. कल्याण बिगहा से शुरुआत इसलिए कि यहीं से नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की राजनीति शुरू हुई. और यहीं से उनके शासन की असलियत भी उजागर होगी.”
वादों का करेंगे पोस्टमॉर्टम, अब जनता देगी जवाब
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने घोषणा की है कि वे नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा जाकर जनता के सामने सरकार के बड़े वादों का “पोस्टमॉर्टम” करेंगे. PK ने कहा कि तीन मुख्य वादे नीतीश सरकार ने वर्षों से दोहराए, लेकिन जमीन पर उनका कोई ठोस असर नहीं दिखा:
- भूमि सर्वेक्षण में पारदर्शिता
- 94 लाख युवाओं को दो-दो लाख रुपये देने का वादा
- गरीबों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों को तीन-तीन डिसमिल ज़मीन देने का आश्वासन
उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों वादों के जरिए जनता को झांसा दिया गया और अब वही जनता इन झूठों का जवाब देगी.
गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद करेंगे
PK का दावा है कि उनके अभियान में शिक्षा, स्वास्थ्य, युवाओं के रोजगार, कृषि और पंचायत व्यवस्था जैसे मुद्दे केंद्र में रहेंगे. वे गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद करेंगे और ‘जनसुराज’ के विज़न को साझा करेंगे. प्रशांत किशोर (PK) ने अपने बयान में कहा, “बगहा सिर्फ एक चुनावी क्षेत्र नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतीक है. यहीं से बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा शुरू की थी। अब यही ज़मीन बदलाव की आवाज़ बनेगी.”
जब ग्रामीणों की समस्या सुन रुक गए थे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
एक जनवरी को हर साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी माता स्व. परमेश्वरी देवी की पुण्यतिथि के अवसर पर गृह जिला नालंदा के कल्याणबीघा गांव पहुंचे हैं. हर वर्ष की तरह इस बार भी 1 जनवरी को उन्होंने माता की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और फिर पटना लौटने लगे थे. लौटते समय मुख्यमंत्री ने गांव के लोगों से दूरी बनाकर संवाद किया, लेकिन इस दौरान जब एक ग्रामीण ने अपनी व्यक्तिगत समस्या बताई, तो मुख्यमंत्री ने तुरंत कदम रोक दिए. उन्होंने पूरे ध्यान से बात सुनी और साथ चल रहे जिलाधिकारी को समस्या के समाधान के निर्देश दिए. नीतीश कुमार ने इशारों में डीएम को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस मामले को प्राथमिकता से देखा जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी ने भी भरोसा दिलाया कि जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा. इस मौके पर ग्रामीणों में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने व्यस्तता के बावजूद हमारी बात सुनी, ये बहुत बड़ी बात है.” मुख्यमंत्री का यह दौरा जहां पारिवारिक श्रद्धा का प्रतीक था, वहीं आम जनता से जुड़ाव और सरकार की संवेदनशीलता का भी संदेश देता दिखा.
नीतीश कुमार की सत्ता और पकड़ को चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बगहा से अभियान की शुरुआत करके प्रशांत किशोर (PK) यह संदेश देना चाहते हैं कि वे नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सत्ता और पकड़ को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. अब देखना यह होगा कि PK की यह रणनीति बिहार की राजनीति में कितना असर डालती है और क्या वाकई बगहा से उठी यह ‘जनसुराज’ की हवा सत्ता की दीवारों को हिला पाएगी.