कौन है तहव्वुर हुसैन राणा, जानें उसके बारे में सब कुछ

कौन है तहव्वुर हुसैन राणा, जानें उसके बारे में सब कुछ

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Thursday, April 10, 2025

Updated On: Thursday, April 10, 2025

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भारत प्रत्यर्पण से जुड़ी छवि.
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भारत प्रत्यर्पण से जुड़ी छवि.

मुंबई आतंकी हमलों (26/11) में अहम भूमिका निभाने वाले आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. इसके लिए मोदी सरकार लंबे समय से प्रयासरत थी. इसमें प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ दोस्ताने रिश्ते की भी भूमिका मानी जा रही है. अब जब तहव्वुर को भारत लाया जा चुका है, तब एनआइए सहित आइबी और रॉ उससे 26/11 हमले के बारे में गहराई से तफ्तीश करते हुए उसके खिलाफ मुकदमे के लिए आरोप पत्र तय करेंगी. उसे कुछ समय तक अतिसुरक्षित माने जाने वाले नई दिल्ली के तिहाड़ जेल के अंडा सेल में और बाद में मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा जा सकता है...

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Updated On: Thursday, April 10, 2025

हाइलाइट्स

  • 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों (26 नवंबर, 2008) में अहम भूमिका रही है तहव्वुर हुसैन राणा (64 वर्षीय) की
  • मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली (दाउद गिलानी) का सहयोगी होने का भी आरोप है राणा पर
  • कनाडाई नागरिकता रखने वाला तहव्वुर अभी तक अमेरिका में कानूनी दाव पेंचों के जरिए बचा हुआ था
  • प्रत्यर्पण रोकने के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने आठ अप्रैल, 2025 को उसे भारतीय एजेंसियों के अधिकारियों के हवाले कर दिया
  • 10 अप्रैल, 2025 को अमेरिका से भारत में हुआ तहव्वुर का प्रत्यर्पण
  • गृहमंत्री अमित शाह ने राणा के प्रत्यर्पण पर कहा, मोदी सरकार का प्रयास देश के सम्मान, भूमि और लोगों पर हमला करने वालों को न्याय के कटघरे में लाना है.

Tahawwur Hussain Rana : तहव्वुर हुसैन राणा को वर्षों की कानूनी कार्यवाही और अपील के बाद आठ अप्रैल, 2025 को संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया, जो दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर दस अप्रैल को दोपहर बाद पहुंचा. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. वह 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले करने की साजिश में शामिल था, जिसमें कई लोग मारे गए थे. अब इस मामले में उसे अमेरिका से भारत लाया गया है. इससे पहले भी उसे फरवरी में लाने की कोशिश की गई थी लेकिन उसने अमेरिकी अदालत में अपील कर प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की कोशिश की थी. इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मुंबई हमले से जुड़े राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा.

क्या हैं आरोप

उस पर एक अमेरिकी नागरिक और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली (जिसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है) का एक प्रमुख सहायक और सहयोगी होने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप 160 से अधिक लोग मारे गए थे. राणा पर आरोप है कि उसने हेडली और अन्य लोगों की मदद की, जिसमें पाकिस्तान में रहने वाले लोग भी शामिल हैं, जो मुंबई हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी संगठन की सहायता करते रहे हैं. 2013 में तहव्वुर को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. भारत पहुंचते ही राणा को 10 अप्रैल, 2025 को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के न्यायाधीश के सामने पेश किया गया, जहां उसके मामले की सुनवाई होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वकील नरेंद्र मान को तीन साल के लिए एनआईए मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई (मुंबई हमले) से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों के संचालन के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है.

सफल प्रत्यर्पण

भारत ने 2019 में अपने राजनयिक चैनलों के माध्यम से अमेरिका से राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. अमेरिका में 2020 में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया था जब उसने एक नए अमेरिकी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था.

मूल निवासी और करियर

तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल में 12 जनवरी, 1961 को हुआ था, उसने अपनी पढाई-लिखाई पाकिस्तान से की थी. राणा और हेडली पाकिस्तान की सैन्य अकादमी में दोस्त थे। राणा ने शुरुआत में पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर के रूप में सेवाएं भी दीं. उसकी पत्नी भी डॉक्टर है. 1997 में उसने पाकिस्तान छोड दिया और अपनी पत्नी के साथ कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली. कनाडा में रहने के दौरान उसने अमेरिका में एक इमिग्रेशन सेवा एजेंसी शुरू, जिसका मुख्यालय शिकागो में था. इसी कंपनी के जरिए उसने डेविड कोलमैन हेडली को भारत में हमले की साजिश रचने के लिए भेजा था. अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था. उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था. हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.

26/11 का क्या था पूरा मामला

भारत सरकार तहव्वुर राणा की तलाश 2008 के मुंबई हमलों में उसकी कथित भूमिका के लिए कर रही थी. इस दौरान 10 आतंकियों ने मुंबई में अलग-अलग इमारतों पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. हालांकि उस दौरान सात आतंकी भी मारे गए थे. आतंकी तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने अपने मित्र डेविड कोलमैन हेडली की मदद से 2008 मुंबई हमलों की साजिश में मदद की थी. हेडली ने हमलों से पहले भारत में रेकी की थी और राणा की कंपनी का उपयोग करते हुए अपनी यात्रा की व्यवस्था भी की थी.

किस संधि के तहत संभव हो सका भारत लाना

भारत और अमेरिका के बीच 1997 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी. इसके तहत एक दूसरे के यहां वांछित अपराधियों को प्रत्यर्पित किया जा सकता है. इसी संधि के तहत उसे भारत लाना संभव हो सका. इसमें ट्रंप सरकार का भी भारत को पूरा सहयोग मिला.

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भारत प्रत्यर्पण से जुड़ी छवि.

26/11 किसकी थी साजिश

मुंबई हमलों की साजिश लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन ने रची थी, जिसमें प्रमुख रूप से डेविड कोलमैन हेडली, तहव्वुर राणा, अजमल कसाब (जो हमलों के दौरान पकड़ा गया एकमात्र जीवित आतंकवादी था) और लश्कर-ए-तैयबा के अन्य सदस्य शामिल थे.

किस-किस को हो चुकी सजा

मुंबई हमले के प्रमुख दोषियों में से एक अजमल कसाब को सभी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद 2012 में फांसी दी जा चुकी है. वहीं, डेविड हेडली को अमेरिका में 35 साल की सजा सुनाई गई है. तहव्वुर राणा को भी अमेरिका ने मुंबई और डेनमार्क में आतंकी हमले करने की साजिश करने के लिए 14 साल की सजा सुनाई थी.

क्या तहव्वुर को भी दी जाएगी फांसी!

भारत लाए जाने पर तहव्वुर राणा को कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है. मुंबई आतंकी हमले (26/11) में हताहत हुए लोगों के परिवार वाले उसे भी अजमल कसाब की तरह से फांसी देने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अमेरिका से प्रत्यर्पण संधि होने और उसकी शर्तों के मुताबिक इसके लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया चलानी होगी और उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को पुख्ता साक्ष्यों के साथ अदालत में साबित करना होगा. सोशल मीडिया पर भी लोग मांग कर रहे हैं कि मुंबई हमले के दोषी राणा के खिलाफ भारत में मुकदमा चलना चाहिए और उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

पाकिस्तान रिश्ते से क्यों कर रहा इन्कार

यह प्रमाणित तथ्य है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का है. उसने बाद में कनाडा की नागरिकता प्राप्त की और आतंकी संगठनों और आतंकियों के संपर्क में आया. पाकिस्तान राणा से कोई संबंध या संपर्क होने से साफ इन्कार कर रहा है. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक वीडियो बयान में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को अपडेट नहीं कराया है. उसके पास कनाडा की नागरिकता है. हालांकि आइएसआइ, पाकिस्तानी सेना और लश्कर-ए-तैयबा से तहव्वुर के संबंध जग जाहिर है.

(इनपुट : खुर्शीद)

अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।
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